शिक्षक घोटाला-देश के 80 हजार कॉलेज शिक्षक ले रहे हैं तीन-तीन जगहों से वेतन
गाँव कनेक्शन 6 Jan 2018 9:54 AM GMT
जिन शिक्षकों से शिक्षा ही नहीं बल्कि चरित्र और राष्ट्र निर्माण की उम्मीद की जाती है, वह खुद कैसे हैं इसका पता मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ‘उच्च शिक्षा पर सालाना सर्वेक्षण’रिपोर्ट से चलता है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने आधार के जरिए देश के विभिन्न कालेजों और विश्वविद्यालयों में करीब 80 हजार ऐसे शिक्षकों की पहचान की है जिनका दरअसल कोई वजूद ही नहीं है।
HRD Minister @PrakashJavdekar along with MoS @dr_satyapal released the report of #AISHE for 2016-17.Findings will strengthen the capacity for "data based decision making" pic.twitter.com/GQq8HBnxQ1
— Ministry of HRD (@HRDMinistry) January 5, 2018
करीब 80 हजार शिक्षक ऐसे पाए गए हैं जो नियम विरुद्ध जाकर दो या तीन कॉलेजों में एक साथ पढ़ा रहे हैं। मानव संसाधन विकास मंत्रालय उच्च शिक्षा पर सालाना सर्वेक्षण कराता है। 2016-17 में कराए सर्वेक्षण की रिपोर्ट गुरुवार को जारी की गई। इसी के तहत अब शिक्षकों से जुड़ी जानकारी भी एकत्र की जा रही है। कॉलेजों से कहा गया है कि वे अपने शिक्षकों का आधार नंबर भी प्रदान करें। उच्च शिक्षा पर सर्वेक्षण के लिए अलग से पोर्टल बना हुआ है। इसी पोर्टल पर ‘आधार’के साथ शिक्षकों का ब्योरा डालने पर शिक्षकों के इस फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है।
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किन यूनिवर्सिटीज में मिले घोस्ट टीचर्स
जावड़ेकर ने कहा, "सेंट्रल यूनिवर्सिटीज में घोस्ट टीचर्स नहीं मिले हैं। स्टेट यूनिवर्सिटी, प्राइवेट यूनिवर्सिटी और कॉलेजों में घोस्ट टीचर्स मिले हैं।"
आगे क्या कदम उठाएगी सरकार
मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि एक से ज्यादा कॉलेजों में तैनात शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए संबंधित विभागों को निर्देश जारी किए गए हैं। जावड़ेकर ने कहा कि कॉलेज शिक्षकों के ब्योरे के लिए अब अलग से एक गुरुजन पोर्टल बना दिया गया है। इसे उन्होंने शुक्रवार को लांच किया। इस पोर्टल पर सभी शिक्षकों का ब्योरा होगा। किस कॉलेज में कौन शिक्षक तैनात हैं, वह भी इस पोर्टल पर दर्ज होगा। शिक्षकों को आधार नंबर भी बताना होगा, हालांकि वह सार्वजनिक नहीं किया जाएगा।
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आधार से कितने लोग रजिस्टर्ड हुए
आधार के आर्किटेक्ट माने जाने वाले और वर्तमान में इन्फोसिस के चेयरमैन नंदन नीलेकणी ने कहा कि 100 करोड़ से ज्यादा लोगों को आधार से जोड़ा जा चुका है। सरकार आधार की वजह से ही ऐसे मामलों की बेहतर निगरानी कर पा रही है।
मेडिकल काउंसिल ने शिक्षकों के फर्जीवाड़े से निपटने के लिए बायोमैट्रिक डाटा लेना अनिवार्य किया है। गांवों में तैनात शिक्षक अपनी जगह दूसरे शिक्षकों को भेज देते हैं। इसके लिए राजस्थान सरकार ने स्कूलों में वहां तैनात शिक्षकों के फोटो स्कूल के बाहर लगाने अनिवार्य कर दिए हैं। केंद्र ने कहा कि अन्य राज्य भी इसे आजमाएं। एआईसीटीई ने पेशेवर कॉलेजों के शिक्षकों के लिए ‘आधार’ अनिवार्य किया है, ताकि वे एक से ज्यादा कॉलेजों में नहीं पढ़ा सकें।
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