अभिनेत्री आयशा टाकिया भारत में शाकाहार को दे रहीं बढ़ावा

Diti BajpaiDiti Bajpai   5 May 2018 11:59 AM GMT

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अभिनेत्री आयशा टाकिया भारत में  शाकाहार को दे रहीं बढ़ावाअभिनेत्री

पिछले कुछ वर्षों में शाकाहार की तरफ लोगों का रुझान तेजी से बढ़ा है, अब लोग पूरी तरह से वेगन (शाकाहारी) हो रहे हैं, जिसमें लोग पशु उत्पाद से पूरी तरह से परहेज कर रहे हैं।

मशहूर अभिनेत्री आयशा टाकिया भी शाकाहार को बढ़ावा देने वाले विश्व स्तरीय अभियान 'लव वेग' का साथ दे रहीं हैं, इस अभियान के जरिए शाकाहारी आहार के बारे में बताया जा रहा है।

ये विश्वस्तरीय अभियान अभी तक यूके, यूएस, जर्मनी और मैक्सिको जैसे देशों में चल रहा है। ये अभियान पशु सुरक्षा के लिए काम करने वाली संस्था एनिमल इक्वलिटी द्वारा चलाया जा रहा है। देश में पशुओं, पर्यावरण, स्वास्थ्य को बचाने के लिए मांस व डेयरी विकल्प के लिए दूसरे व्यंजन व टिप्स के बारे में बताने के लिए एक खास वेबसाइट डिजाइन की गई है, जहां पर सारी जानकारियां उपलब्ध हैं।

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अभिनेत्री आयशा टाकिया पूरी तरह से शाकाहारी हैं और पिछले आठ वर्षों से पशु सुरक्षा के लिए काम कर रही हैं। आयशा बताती हैं, "वेगन डाइट एक तरह से शाकाहार से एक कदम आगे है, इसमें कोई भी पशु उत्पाद नहीं होता, लोग पशुओं, अपने स्वास्थ्य व पर्यावरण को बचाने के लिए शाकाहारी हो रहे हैं।'

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Posted by Gaon Connection on Tuesday, March 13, 2018

आयशा अपने शाकाहारी होने की प्रेरणा के बारे में कहती हैं, "मुख्य वजह तो जानवर ही हैं, मुझे लगता है कि शाकाहार जानवरों के लिए सबसे दयालू जीवनशैली है। मुझे ये आइडिया नहीं पसंद है कि अपने खाने के लिए जानवरों को परेशान किया जाए। एक शाकाहारी जीवनशैली पर्यावरण को बचाने में मदद करती है, साथ ही इससे हम स्वस्थ भी रहते हैं।"

वो आगे कहती हैं, "मेरे खयाल से इंडिया में वेगन बनना बहुत आसान है, हम रोजाना बहुत से इंडियन खाने को खाते हैं जो पूरी तरह से शाकाहारी होते हैं। बस हमें दूध व दूध उत्पादों के विकल्प तलाशने होंगे। और जो लोग मीट नहीं छोड़ सकते, उनके लिए बाजार में बहुत से नकली मीट उपलब्ध हैं।"

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शाकाहारी खाना पशुओं को हैं बचाते

भोजन के लिए जानवरों पर किए जाने वाले क्रूरता के बारे में आयशा ने कहा, "तथ्य ये हैं कि दूध आपके लिए बिल्कुल अच्छा नहीं है, पशुओं को हार्मोंस के इंजेक्शन लगाया जाता है, पशुओं को हमेशा बांधकर रखा जाता है, जो बहुत ही परेशान करती है।"

"मुर्गियों को छोटे-छोटे पिंजरों में रखा जाता है, हम 30 मिनट से ज्यादा कुर्सी पर नहीं बैठ पाते है और उन्हें पूरी जिंदगी पिंजरे में रहने को मजबूर रहना पड़ता है, "आयशा ने आगे कहा।

पशु क्रूरता के खिलाफ उपभोक्ता

भारत में आईपीएसएसओएस द्वारा किए गए सर्वेक्षण से पता चला हैं कि

  • 92% लोगों ने माना कि मांसाहारी भोजन खाने में पशुओं को परेशान किया जाता है
  • 68% लोगों ने माना कि पशुओं को काटना गलत है
  • 54% लोग इस सहमत है कि शाकाहारी भोजन स्वास्थ्य के लिए ज्यादा लाभकारी है
  • 28% ने माना कि शाकाहार अपनाएं क्योंकि वे पशु क्रूरता के खिलाफ हैं
  • यह सर्वेक्षण भारत के 11 शहरों, अहमदाबाद, बैंगलोर, चंडीगढ़, चेन्नई, दिल्ली, गोवा, गुवाहाटी, जयपुर, मुंबई, पुणे और शिलांग में शहरी वयस्कों (पुरुष व महिलाओं) के बीच आईपीएसएसओएस द्वारा किया गया था। यह जनवरी 2018 में पूरा हो गया था।

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