कोरोना वायरस के बाद पोल्ट्री उद्योग पर बर्ड फ्लू का साया, करोड़ों लोगों की आजीविका पर असर

दुनिया भर में कोरोना की वजह से पोल्ट्री व्यवसाय को पहले से ही घाटा हो रहा है, ऐसे में केरल और दूसरे कई राज्यों में बर्ड फ्लू के आने से पोल्ट्री उद्योग से जुड़े लोगों को नुकसान उठाना पड़ रहा है

Divendra SinghDivendra Singh   23 March 2020 5:31 AM GMT

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कोरोना वायरस के बाद पोल्ट्री उद्योग पर बर्ड फ्लू का साया,  करोड़ों लोगों की आजीविका पर असर

"अभी तक कोरोना के डर से लोग चिकन नहीं खरीद रहे थे, और बर्ड फ्लू नई मुसीबत बनकर आ गया है, अब पोल्ट्री फार्म बंद ही करना पड़ेगा, "पोल्ट्री फार्म संचालक हरीश पाल ने फोन पर बताया।

हरीश पाल मध्य प्रदेश के भिंड जिले में पोल्ट्री का व्यवसाय करते हैं, भिंड जिले में 15 मार्च को अचानक मुर्गे-मुर्गियों की मौत हो गई, जांच के बाद पता चला कि उनकी मौत बर्ड फ्लू से हुई है। फ्लू मिलने के बाद से यहां पर मुर्गे और अंडे के बिक्री पर रोक लगा दी गई।

चिकन और अंडे से कोरोना वायरस के फैलने के अफवाहों के चलते पोल्ट्री उद्योग पहले से घाटे में जा रहा था, अब बर्ड फ्लू से और नुकसान उठाना पड़ेगा।

पशुपालन विभाग मध्य प्रदेश के ग्वालियर संभाग के प्रभारी ससंयुक्त संचालक डॉ अशोक सिंह तोमर बताते हैं, "हमें जानकारी मिली की भिंड में कई दुकानदारों के यहां मुर्गे-मुर्गियों की मौत हो गई है, इसके बाद वहां जाकर उनसे मुर्गे-मुर्गियों को लेकर नष्ट कर दिया गया। जांच में पता चला कि उनकी मौत बर्ड फ्लू से हुई है।"

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वो आगे कहते हैं, "सारे दुकानदार अभी गायब हैं, इसलिए ये नहीं पता चल पाया कि वो मुर्गे कहां से लाए थे, क्योंकि मध्य प्रदेश ही नहीं दूसरे राज्यों से भी यहां मुर्गे सप्लाई होते हैं। इसलिए जांच के बाद ही पता चल पाएगा।"

मध्य प्रदेश के भिंड से लगभग 2210 किमी दूर केरल के कोझिकोड और मलप्पुरम ज़िले में भी पिछले कुछ दिनों में बर्ड फ्लू से मुर्गे-मुर्गियों की मौत हुई है।


कोझिकोड में पोल्ट्री फार्म चलाने वाले राहुल राजीव फ़ोन पर बताते हैं, "जब से कोरोना को लेकर अफवाहें आनी शुरू हुई तभी से हमारे यहां बहुत लोगों ने फार्म बंद कर दिया, लेकिन अब बर्ड फ्लू के आने से एक भी फार्म नहीं बचेंगे। दस मुर्गे-मुर्गियां थीं मेरे पास बहुत सस्ते में बेचना पड़ा, अब एक हज़ार बचीं हैं उन्हें भी मारना ही पड़ेगा।"

कोझिकोड और मलप्पुरम में जहां-जहां पर बर्ड फ्लू के केस मिले हैं, वहां से दस किमी के दायरे में सभी पोल्ट्री फार्म को बंद करने और मुर्गियों को मार दिया गया है।

पशु पालन विभाग, केरल के सहायक निदेशक डॉ. हारून रशीद बताते हैं, "बर्ड फ्लू बहुत खतरनाक बीमारी होती है, मुर्गियों से इंसानों में फैलते इन्हें देर नहीं लगती, इसलिए मुर्गे-मुर्गियों को मारने के साथ ही लोगों अंडा-चिकन खाने से भी मना कर दिया गया है।"

ऑल इंडिया पोल्ट्री ब्रीडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष बहादुर अली ने हाल ही में वित्त मंत्रालय को लिखे पत्र में कहा था कि पोल्ट्री उद्योग का नुकसान, जिसमें ब्रायलर किसान, फीड बनाने वाली और हैचिंग कंपनियां शामिल हैं, जिन्हें मध्य जनवरी से मध्य फरवरी के बीच 1,750 रुपये का घाटा हुआ है। "उद्योग हर महीने लगभग 35 करोड़ ब्रॉयलर का उत्पादन करता है। अगर ये स्थितियां मार्च में भी बनी रहती हैं, तो प्रति माह लगभग 1,750 करोड़ रुपये का अतिरिक्त नुकसान हो सकता है। "

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मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के अनुसार, 10 करोड़ से अधिक किसान सीधे मुर्गी पालन से जुड़े हुए हैं। पोल्ट्री क्षेत्र देश में प्रति दिन 25 करोड़ अंडे और 1.3 करोड़ पक्षियों का उत्पादन करता है और सकल घरेलू उत्पाद में 1.2 लाख करोड़ रुपये से अधिक का योगदान देता है। तेलंगाना, तमिलनाडु, केरल और आंध्र प्रदेश से लेकर से पंजाब-हरियाणा और उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश बिहार में करोड़ों लोग इस कारोबार से जुड़े हैं।

भिंड के पोल्ट्री फार्म संचालक हरीश पाल कहते हैं, "अभी हमारे जिले में एक दो जगह बर्ड फ्लू देखा गया है, लेकिन इससे फैलने में देर नहीं लगती। इससे सभी पक्षियों में होता है, अगर एक भी कौआ या दूसरा पक्षी हमारे फार्म पर आया तो सभी मुर्गियों में हो जाएगा।"

"हर साल जब सारे फार्म बंद हो जाते थे, तब गर्मियों में भी मैं फार्म चलाता रहता हूं, उस समय ज्यादा मुनाफा हो जाता है, लेकिन इस बार तो फरवरी-मार्च में ही बंद करना पड़ा। लगता नहीं है कि अब आगे कोई पोल्ट्री चलाएगा।" हरीश पाल ने आगे बताया।

मध्य प्रदेश के जबलपुर में पचास हज़ार ब्रायलर और देसी नस्ल के मुर्गे-मुर्गियों का पोल्ट्री फार्म चलाने वाले देवराज सिंह आने वाले समय में पोल्ट्री का व्यवसाय छोड़ कुछ और करने का सोच रहे हैं। देवराज कहते हैं, "पोल्ट्री में घाटे के अलावा कुछ भी नहीं है, कभी फीड महंगा हो जाता है, कभी कोई बीमारी आ जाती है। इस बार तो बहुत ज्यादा नुकसान उठाना पड़ रहा है।"

मध्य प्रदेश और केरल के साथ ही बिहार और केरल में भी बर्ड फ्लू के कई केस मिले हैं। बिहार की राजधानी पटना में एक साथ कई कौवे मरे मिलें, जिनकी जांच के बाद पता चला है कि बर्ड फ्लू की वजह से उनकी मौत हुई है।

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