ऐसे ही कृषि निर्यात घटता गया तो कैसे दोगुनी होगी किसानों की आय ?

Kushal MishraKushal Mishra   22 March 2018 3:00 PM GMT

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ऐसे ही कृषि निर्यात घटता गया तो कैसे दोगुनी होगी किसानों की आय ?फाेटो: विनय गुप्ता

किसानों की आय वर्ष 2022 तक दोगुनी करने का लक्ष्य है, मगर विश्व व्यापार में सरकारी नीतियों के कारण कृषि और सहायक उत्पादों के निर्यात में सुस्ती को देखते हुए यह लक्ष्य पूरा करने में मुश्किलें आ सकती हैं, ऐसे में नुकसान सिर्फ किसानों का हो रहा है।

हाल में विश्व व्यापार में यह सामने आया है कि देश में कृषि उत्पादों के निर्यात में काफी कमी आई है। इसके उलट आयात में बढ़ोत्तरी हुई है। इससे इतर लगभग चार साल पहले आयात के मुकाबले निर्यात 150 प्रतिशत से भी ज्यादा हुआ करता था।

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के तहत डायरेक्ट्रेट जनरल ऑफ कामर्शियल इंटेजीजेंस एंड स्टेटिस्टिक्स के आंकड़ों पर गौर करें तो देश में वर्ष 2014 में जहां कृषि एवं सहायक उत्पादों का निर्यात 32.95 अरब डॉलर था, जो 2016-17 में घटकर 24.69 अरब डॉलर रह गया है। वहीं आयात की बात करें तो 13.49 अरब डॉलर से बढ़कर 23.20 अरब डॉलर पहुंच चुका है।

ऐसी स्थिति में जहां पर किसानों को ज्यादा फायदा मिलने की उम्मीद है, वहां पर भी सरकार की गलत नीतियों के कारण किसानों का नुकसान हो रहा है।

इस बारे में जाने-माने अर्थशास्त्री और वरिष्ठ पत्रकार कमल शर्मा ‘गाँव कनेकशन’ से फोन पर बातचीत में बताते हैं, “किसानों की आय वर्ष 2022 तक दोगुनी करने के लिए जरूरी है कि सरकार निर्यात को बढ़ावा दे। ऐसी नीतियां बनें, जिससे सरकार और किसानों के बीच सीधा जुड़ाव हो, उसके बीच कोई व्यापारी न हो।“

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आगे बताते हैं,”किसानों को ऐसी सरकारी एजेंसी या ऐसा प्लेटफार्म देना चाहिए, जहां किसान सीधे सरकार को अपना उत्पाद बेचे। अब तक किसान मंडी में बेचता है और व्यापारी उसे खरीदकर विश्व बाजार में अच्छे भाव में बेचते हैं, और सिर्फ और सिर्फ व्यापारी की आय बढ़ती है, और घरेलू किसानों की आय में कोई फर्क नहीं आता। इसलिए जरूरी है कि सरकार ऐसा प्लेटफार्म तैयार करे और किसानों से न सिर्फ सीधे खरीद करे, बल्कि उपज निर्यात करने पर किसानों की निश्चित हिस्सेदारी तय करे।“

दूसरी ओर, किसानों को आय दोगुनी करने के लिए सरकार को वर्ष 2022 निर्यात को विश्व बाजार में बढ़ाकर 120 अरब डॉलर करना होगा। इस बारे में क्रॉप केयर फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष रज्जू श्रॉफ ने हाल में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा, “किसानों की आय दोगुनी करने के लिए वर्ष 2022 तक कृषि निर्यात को 32 अरब डॉलर से बढ़ाकर 120 अरब डॉलर करना होगा। यानि आय दोगुनी करने के लिए कृषि उत्पादों के निर्यात को तिगुना करना होगा।“

उन्होंने आगे कहा, “भारत में 367 अरब डॉलर के कृषि वस्तुओं का उत्पादन के साथ दुनिया में दूसरे स्थान पर है, मगर निर्यात में हमारा देश थाईलैंड और इंडोनेशिया से भी पीछे है। कृषि उत्पादों के निर्यात क्षेत्र में भारत का आठवां स्थान है।”

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दूसरी ओर किसानों के लिए सरकार की प्रतिकूल नीतियों के बारे में अर्थशास्त्री कमल शर्मा कहते हैं, “आयात की बात करें तो पिछले साल दलहन का खूब आयात हुआ, जबकि सरकार ने किसानों से दलहन की अधिक पैदा करने की अपील की। किसानों से दलहन की अधिक पैदावार हुई और फिर भी सरकार ने अपने अनुबंधों के अनुरूप अन्य देशों से से भी दलहन आयात की। इसका असर यह हुआ कि दलहन के भाव नीचे चले गए और देश के किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य के अनुसार भी लाभ नहीं मिल सका। ऐसे में किसानों को बुआई बढ़ाकर क्या फायदा हुआ?“

वह आगे कहते हैं, “ऐसी स्थिति में सरकार फिर उपज का बफर स्टॉक करती है और जब किसान अपनी नई फसल लगाता है तो उसकी उपज से किसानों को फिर नुकसान होता है और भाव कम मिलते हैं। इससे इतर व्यापारियों का कोई नुकसान नहीं होता है। व्यापारी तो मुनाफा कमा रहे हैं, मगर किसानों को फायदा नहीं मिलता। इसलिए सरकार को रणनीति बनानी चाहिए कि कितने क्षेत्र में कितनी फसल हो रही है, कौन-कौन सी फसलें किसानों को बोनी चाहिए, इस पर पूरा नियंत्रण और व्यवस्था होनी चाहिए।“

फूड प्रोसेसिंग कम, निर्यात से फायदा संभव

कृषि उत्पादन में भारत दुनिया में दूसरा स्थान रखता है, मगर अन्य देशों की अपेक्षा भारत में फूड प्रोसेसिंग की कम सुविधाएं होने के कारण देश में हजारों करोड़ रुपए के खाद्य पदार्थ बर्बाद हो जाते हैं। हालांकि अब केंद्र सरकार देश में फूड प्रोसेसिंग को बढ़ावा दे रही है और इस क्षेत्र में 100 फीसदी विदेशी निवेश को भी हरी झंडी दिखा चुकी है। फिर भी कम फूड प्रोसेसिंग होने के कारण किसानों के लिए निर्यात क्षेत्र में संभावनाएं ज्यादा है ताकि किसान अपनी उपज निर्यात कर एमएसपी से इतर मुनाफा कमा सके। इससे न सिर्फ किसानों की उपज की बर्बादी रुकेगी, बल्कि किसानों की आय भी बढ़ सकेगी।

दूसरी ओर मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में जैविक खेती को लेकर किसानों के लिए बीज से लेकर बाजार तैयार करने में सहयोग करते वाली संस्था भूमिशा ऑर्गेनिक की प्रमुख प्रतिभा तिवारी गाँव कनेक्शन से फोन पर बातचीत में बताती हैं, “अब जब लोग जैविक खेती के प्रति जागरूक हो रहे हैं तो किसानों को उपज का लाभ भी मिल रहा है। हाल में जयपुर में नेशनल इंडस्ट्रीयल फेयर में मध्य प्रदेश के कई किसान पहुंचे और पहली बार किसानों की उपज को निर्यात करने के लिए बात बनी है। हमारे किसानों की गुड़, चावल और हल्दी की उपज का सैंपल सऊदी अरब, दुबई भेजा गया है, हमें उम्मीद है कि जल्द ही इससे किसानों को अच्छा फायदा मिलेगा।“

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वह आगे कहती हैं, “अगर सरकार किसानों से सीधे खरीदे और निर्यात कर किसानों को एमएसपी से इतर भी मुनाफा दे तो किसानों की आय दोगुनी करना संभव हो सकता है।“

हालांकि केंद्र सरकार जल्द ही खाद्य उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए एग्री एक्सपोर्ट पॉलिसी लाने जा रही है। इस बारे में हाल में वाणिज्य मंत्री सुरेश प्रभू ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, “यह नीति खासतौर पर कृषि उत्पादों के निर्यात को प्रोत्साहित करने के लिए बनाई जा रही है और निश्चित रूप से इस नीति से किसानों को फायदा मिलेगा।“

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