कृषि बजट: एक लाख करोड़ के एग्री इंफ्रा फंड के लिए पेट्रोल डीज़ल पर सेस, उपभोक्ताओं पर असर नहीं

Arvind ShuklaArvind Shukla   1 Feb 2021 8:48 AM GMT

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कृषि बजट: एक लाख करोड़ के एग्री इंफ्रा फंड के लिए पेट्रोल डीज़ल पर सेस, उपभोक्ताओं पर असर नहींआम बजट में केंद्र सरकार ने नए तरह के टैक्स agriculture infrastructure and development cess का ऐलान किया है। फोटो- अरविंद शुक्ला

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने सोमवार को घोषित बजट में एग्रीकल्चर इंफ़्रास्ट्रक्चर डेवलममेंट सेस का ऐलान किया है। इस नए तरह के टैक्स से कोरोना काल में घोषित एक लाख करोड़ रुपए के एग्री इंफ्रा फंड को पोषित किया जाएगा, यानि उसके लिए बजट का इंतजाम किया जाएगा।

वित्त मंत्री के मुताबिक, पेट्रोल पर 2.5 रुपए प्रति लीटर और डीजल पर 4 रुपए प्रति लीटर का उपकर लगाया जाएगा। लेकिन सरकार ने इन पर पहले से लागू मूल उत्पाद शुल्क और विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क घटा दिया है। वित्त मंत्री ने कहा एग्रीकल्चर इंफ्रास्टैरक्चर सेस से उपभोक्ताओं पर कोई असर नहीं पड़ेगा। यह बदलाव 2 फ़रवरी से लागू हो जाएंगे।

बजट के दौरान वित्त मंत्री ने कहा, "मैं कृषि अवसरंचना विकास उपकर (AIDC) Agriculture Infrastructure and Development Cess को प्रस्तावित करती हूं ये टैक्स कुछ वस्तुओं पर लगेगा साथ ही इस बात का ध्यान रखा गया है कि अधिकांश वस्तुओं पर उपभोक्ता पर अतिरिक्त बोझ ना डाला डाए।"

आम बजट में कृषि और उससे जुड़े सेक्टर के लिए बजट आवंटन। ग्राफिक्स फराज

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अगस्त 2020 में एक लाख करोड़ रुपए के बुनियादी ढांचा कोष का ऐलान किया था। इस कोष के जरिए किसानों की उपज का बेहतर मूल्य दिलाने के लिए कृषि मंडियों को अपडेट करना, सप्लाई और कोल्ड चेन को बेहतर करना था।

वर्तमान में अनब्रांडेड पेट्रोल पर 1.4 रुपए और डीजल पर 1.8 रुपए प्रति लीटर का मूल्य उत्पाद शुल्क है। वहीं अनब्रांडेड पेट्रोल पर 11 रुपए और डीजल पर 8 रुपए प्रति लीटर का विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क (SAED) है। इसी तरह ब्रांडेड डीजल (प्रीमियम) डीजल और पेट्रोल पर भी एसएईडी हैं।

बजट की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कृषि क्षेत्र को मजबूती देने, किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए इस बजट में बहुत जोर दिया गया है। किसानों को और आसानी से और ज्यादा ऋण मिल जाएगा। देश की मंडियों एपीएमसी को मजबूत करने के लिए उन्हें विकसित करने के लिए एग्रीफक्लचर इंफ्रास्टैक्टर से मदद का प्रावधान किया गया। जो ये बताते हैं कि इस बजट के दिल में गांव और किसान हैं।

क्या है एग्रीकल्चर इंफ्रास्टक्चर फंड और किसे मिलेगा इससे फायदा?

एग्री इंफ्रा फंड की घोषणा कोविड महामारी के असर को कृषि सेक्टर पर कम करने और किसानों को राहत देने के लिए हुई थी। ये केंद्र सरकार की तरफ से जारी 20 लाख करोड़ रुपए के राहत पैकेज का हिस्सा है। 1 लाख करोड़ के इस कृषि बुनियादी ढांचा कोष की अवधि 10 साल यानि 2029 तक है। इस फंड का उद्देश्य वित्तिय सहायता के जरिए कृषि के अनिवार्य परियोजनाओं जिसमें मुख्य रुप से फसल कटाई के बाद का बुनियादी ढांचा post harvest management infrastructure और फार्मर उत्पाद संगठन आदि को वित्त पोषित करना है। एग्री इंफ्रा फंड का लक्ष्य ग्रामीण क्षेत्र में निजी निवेश को बढ़ाना और ज्यादा रोगजार के अवसर पैदा करना है। इसी घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 9 अगस्त 2020 को की थी।

इसी कोष के जरिए कोल्ड स्टोरेज, भंडारण के गोदाम, खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां (food processing unit) आदि का निर्माण होगा। एक लाख करोड़ के इस फंड के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की 12 में से 11 बैंक ने पहले ही कृषि सहयोग और किसान कल्याण विभाग के साए एमओयू किया है। योजना के तहत लाभार्थियों को 3 फीसदी ब्याज सब्सिडी और 2 करोड़ रुपए तक की ऋण गारंटी दी जाएगी।

किसान और स्टार्टअप समेत इन्हें मिल रहा है फायदा

एक करोड़ के एग्री इंफ्रा फंड का लाभ उठाने वालों में किसान Farmers , एफपीओ FPO, एफसीओ FCP, महिलाओं के स्वयं सहायता समूह SHG , सहकारी समितियां, PACS, Marketing Cooperative Societies, संयुक्त देयता समूह (JLG) कृषि उद्यम, एग्री स्टॉर्टअप के अलावा केंद्र और राज्य की वो एजेसिंया और स्थानीय निकाय द्वारा प्रायोजित पीपीपी मॉडल के प्रोजेक्ट शामिल हैं।


     

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