कृषि निर्यात नीति को हरी झंडी, 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य
किसानों की आय को दोगुनी करने के लिए केंद्र सरकार ने 2022 तक का लक्ष्य रखा है। कृषि निर्यात नीति को मंजूरी देने के बाद विदेशी बाजारों में निर्यात हिस्सेदारी को बढ़ाने में मदद मिलने की उम्मीद
Chandrakant Mishra 7 Dec 2018 5:51 AM GMT
नई दिल्ली। केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने कृषि क्षेत्र का निर्यात 2022 तक दोगुना कर 60 अरब डालर पर पहुंचाने के लक्ष्य को सामने रखते हुये कृषि निर्यात नीति को मंजूरी दे दी। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने मंत्रिमंडल के निर्णय की जानकारी देते हुये कहा, कृषि निर्यात नीति का मकसद क्षेत्र से चाय, काफी, चावल तथा अन्य जिंसों के निर्यात को बढ़ावा देना है। इससे वैश्विक कृषि व्यापार में भारत की हिस्सेदारी बढ़ाने में मदद मिलेगी।
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Union Minister Suresh Prabhu: Cabinet approves agriculture export policy in line with government's committment to double farmer's income by 2022 pic.twitter.com/Mkzr5qD5Oh
— ANI (@ANI) December 6, 2018
मंत्रिमंडल की बैठक के बाद संवाददाताओं को जानकारी देते हुये प्रभु ने कहा, कृषि निर्यात नीति का लक्ष्य वर्ष 2022 तक देश का कृषि निर्यात दोगुना कर 60 अरब डालर तक पहुंचाना है। इस नीति में कृषि निर्यात से जुड़े सभी पहलुओं पर गौर किया गया है। इसमें ढांचागत सुविधाओं का आधुनिकीकरण, उत्पादों का मानकीकरण, नियमन को बेहतर बनाना, बिना सोचे फैसले फैसलों पर अंकुश और शोध एवं विकास गतिविधियों पर ध्यान दिया गया है।
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जैविक:प्रसंस्कृत खाद्य निर्यात पर प्रतिबंध हटेंगे: प्रभु
केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा वृहस्पतिवार को कृषि निर्यात नीति को मंजूरी दिये जाने के साथ वाणिज्य मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि जैविक और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थो के निर्यात पर सभी प्रकार के प्रतिबंध हटाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि इससे इस क्षेत्र के विकास का मार्ग सुगम होगा।
एसोचैम द्वारा खाद्य प्रसंस्करण में सूक्ष्म, मध्यम और लघु उद्यम (एमएसएमई) पारस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने के बारे में आयोजित एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए मंत्री ने कहा,"पूरी नीति के एक हस्सिे के रूप में, राज्य सरकारों की पूर्ण भागीदारी के साथ शीत श्रृंखला आधारभूत संरचना का नर्मिाण पर आक्रामक ढंग से काम किया जाएगा।"
उन्होंने कहा कि प्रत्येक राज्य सरकारों ने एक नोडल अधिकारी नियुक्त करने का फैसला किया है जो आधारभूत संरचना बनाने के लिए काम करेगा। उन्होंने कहा, "ठीक इसी के साथ ही, नर्यिात को संभाव्यता बढ़ाने के लिए, सरकार जैविक खाद्य पदार्थों के साथ-साथ प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों पर लगे सभी प्रतिबंधों को हटायेगी।"
वाणिज्य मंत्री ने कहा कि नीति में जैविक उत्पादों के निर्यात पर लगे सभी तरह के प्रतिबंधों को हटाने पर भी जोर दिया गया है। एक अधिकारी के मुताबिक इस नीति के क्रियान्वयन में अनुमानित 1,400 करोड़ रुपये का वित्तीय प्रभाव होगा।
इसके अलावा कैबिनेट में इंटरडिसिप्लिनरी साइबर-फिजिकल सिस्टम पर राष्ट्रीय मिशन के तहत 15 टेक्नोलॉजी इनोवेशन हब, छह एप्लीकेशन इनोवेशन हब और चार टेक्नोलॉजी ट्रांसलेशन रिसर्च हब की स्थापना करने का निर्णय लिया गया। यह निर्णय देश को तकनीकी क्षेत्र में मजबूत करने के उद्देश्य से लिया गया है।
इसके साथ ही कैबिनेट ने पंजाब में रावी नदी पर शाहपुरकिंडी बांध के प्रस्ताव पर भी मुहर लगा दी। इस निर्णय से रावी नदी के कुछ पानी को बचाने में मदद मिलेगी जो फिलहाल में पाकिस्तान जाता है।
कैबिनेट में जलियांवाला बाग राष्ट्रीय स्मारक एक्ट 1951 में भी संशोधन का निर्णय भी लिया गया। इसके अनुसार अब विपक्षी दल के नेताओं को भी इसका सदस्य बनाने की मंजूरी मिल गई है।
इनपुट: एजेंसी
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