दो महीने में फसल बीमा का भुगतान न करने पर बीमा कंपनियों को देना होगा 12 फीसदी ब्याज

सरकार ने आज कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत फसलों के नुकसान के लिए दो महीने के अंदर किसानों के दावों पर कार्रवाई नहीं करने पर बीमा कंपनियों को 12 प्रतिशत ब्याज का भुगतान करना होगा।

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दो महीने में फसल बीमा का भुगतान न करने पर बीमा कंपनियों को देना होगा 12 फीसदी ब्याज

नई दिल्ली। सरकार ने आज कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत फसलों के नुकसान के लिए दो महीने के अंदर किसानों के दावों पर कार्रवाई नहीं करने पर बीमा कंपनियों को 12 प्रतिशत ब्याज का भुगतान करना होगा। कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने लोकसभा में कहा कि केंद्र सरकार ने खेती से जुड़े जोखिमों पर ध्यान देने और किसानों के नुकसान की भरपाई के लिए खरीफ 2016 से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की शुरूआत की थी। मंत्री ने पूरक प्रश्नों का उत्तर देते हुए कहा, " जो बीमा कंपनियां किसानों के फसल नुकसान के दावों पर दो महीने के अंदर कार्रवाई नहीं करतीं, उन्हें 12 प्रतिशत का ब्याज अदा करना होगा।"

"हमारी सरकार किसानों के सशक्तिकरण का काम कर रही है। सबसे ज्यादा बजट कृषि के लिए जारी किया है। इसके साथ ही कई अन्य फंड से भी पैसा दिया जा रहा है। फसल बीमा किसानों के लिए सुरक्षा कवच है। भुगतान में तेजी आई है। लेकिन कई बार देखने में आता है कि राज्य सरकार और बीमा कंपनियां विलंब से भुगतान करती हैं, इसलिए फसल बीमा योजना में सुधार करने जा रहा हूं। अगर अब बीमा कंपनी दो महीने से ज्यादा लेट करती हैं तो उन्हें 12 फीसदी ब्याज के साथ किसान को भुगतान करना होगा। राज्य सरकार पर भी यह नीयम लागू होगा।"

राधा मोहन सिंह केंद्रीय कृषि मंत्री

2016 के बाद से 10 करोड़ किसानों को मिला फसल बीमा का मुआवजा: शेखावत

उन्होंने कहा कि पहले की फसल बीमा योजनाओं में रहीं कमियों को दूर करके इस बीमा योजना की शुरूआत की गयी। एक प्रश्न के उत्तर में सिंह ने कहा कि कृषि राज्य का विषय है। कृषि संबंधी दबाव का समाधान किसानों की आय को बढ़ाकर किया जा सकता है। सरकार का लक्ष्य 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करना है। इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए कृषि, सहकारिता और किसान कल्याण विभाग ने कुछ उपाय किये हैं। सरकार आय-केंद्रित कृषि पर ध्यान देकर कृषि क्षेत्र का पुन: अभिमुखीकरण कर रही है। वहीं, कृषि राज्य मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि देश में 10 करोड़ किसान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के दायरे में हैं जिनमें से करीब पांच करोड़ ने अब तक बीमा का लाभ उठाया है।

2016 में शुरू की गई थी योजना

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को साल 2016 में लॉन्च किया गया था, जिसमें फसल के साथ-साथ बुवाई के पूर्व और फसल कटाई के बाद के नुकसान को वहन किया जाता है। साथ ही इस योजना में खरीफ में अधिकतम 2 फीसदी, रबी में 1.5 फीसदी और कमर्शियल व बागवानी फसलों के लिए मात्र 5 फीसदी प्रीमियम किसानों से लिया जाता है। जबकि शेष प्रीमियम केंद्र और राज्य सरकारें वहन करती हैं। वहीं, किसान अपनी उपज का औसतन 150 फीसदी तक फसल बीमा करा सकते हैं।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की अंब्रैला सुरक्षा में कई छेद हैं सरकार !

    

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