वायु प्रदूषण भारत में हर साल लेता है लाखों बच्चों की जान

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देश वायु प्रदूषण की चपेट में आ रहा है। दिल्ली-एनसीआर और लखनऊ जैसे महानगरों में प्रदूषण की कारण स्थिति बदतर होती जा रही है। डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट हैरान कर देनी वाली है, जो ये बताती है की वायु प्रदूषण का बच्चों पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। डब्ल्यूएचओ ने साल 2016 के लिए जो रिपोर्ट जारी की है वो साफ तौर पर ये बयां करती है की वायु प्रदूषण ने 2016 में सवा लाख बच्चों की जान ली है।

बच्चे लगातार वायु प्रदूषण के कारण बड़ी बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। सांस से जुड़ी तकलीफों का बच्चे शिकार हो रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार 67000 बच्चों की जान भीतरी वायु प्रदूषण के कारण हुई, 60000 से ज्यादा बच्चों की जान बाहरी वायु प्रदूषण के कारण हुई।14 वर्ष तक के बच्चों में करीब 7000 बच्चों ने 2016 के वायु प्रदूषण में अपनी जान गंवा दी।

सरकार द्वारा कंस्‍ट्रक्‍शन गतिविधियों को अभी रोक दिया जाए, वाहनों में BS 6 फ्यूल को दिल्ली के अलावा देश के दूसरे कोनों में भी उपलब्ध कराया जाए और कारखानों में नियम कानूनों का बेहतर पालन कराया जाए, ये कुछ ऐसे कदम हैं जिसे उठाकर सरकार द्वारा वायु प्रदूषण के प्रभाव को कम किया जा सकता है।

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