फ्लाइट में भी मिलेगी व्हॉट्सएप, कॉलिंग की सुविधा, देखें कौन सी एयरलाइन देंगी ये सौगात 

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फ्लाइट में भी मिलेगी व्हॉट्सएप, कॉलिंग की सुविधा, देखें कौन सी एयरलाइन देंगी ये सौगात प्रतीकात्मक तस्वीर 

लखनऊ। फ्लाइट्स के दौरान मोबाइल इस्तेमाल करने की छूट मिल जाए तो इससे अच्छा क्या होगा।अब आप फ्लाइट में व्हॉट्सऐप और कॉलिंग के साथ ई-मेल भी चला सकेंगे। ऐसा मुमकिन होने जा रहा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, इंडियन एयरलाइंस की उड़ानों में व्हॉट्सऐप, ई-मेल, मैसेजिंग के साथ कॉलिंग करना आसान होगा। फ्लाइट में इंटरनेट की सुविधा देने के लिए एयरलाइन के स्टेकहोल्डर्स के बीच लगभग सहमति बन गई है। सिविल एविएशन डिपार्टमेंट भी यात्रियों को फ्लाइट के दौरान इंटरनेट की सुविधा देने के पक्ष में है। हालांकि, इंटरनेट कब, कहां और कितना यूज करना है इसका अधिकार क्रू-मेंबर्स के पास सुरक्षित होगा।

एक जैसे नियम होंगे

विमानन मंत्रालय ने दिल्ली में आयोजित ‘इन-फ्लाइट कनेक्टिविटी’ (आईएफसी) इवेंट में हुई चर्चा के दौरान अपनी बात रखी। मंत्रालय के मुताबिक, फ्लाइट में इंटरनेट कनेक्टिविटी के मामले में विदेशी और घरेलू एयरलाइंस दोनों के लिए एक जैसे नियम होने चाहिए।ऐसा करने से एयरलाइंस के लिए सुविधा देना आसान होगा। फिलहाल इंडिया की कोई भी एयरलाइंस कंपनी अपने घरेलू उड़ानों के दौरान इंटरनेट या मोबाइल संचार सेवाएं प्रदान नहीं करती है।

दुनिया की 70 उड़ानों में वाईफाई

इन-फ्लाइट कनेक्टिविटी को लेकर आयोजित खुली चर्चा के दौरान ट्राई के अध्यक्ष आरएस शर्मा ने कहा कि इस मामले में कोई भी तकनीकी मुद्दा दिखाई नहीं देता, क्योंकि, दुनियाभर के कई देशों में फ्लाइट कनेक्टिविटी की सुविधा पहले से ही है, ट्राई के अनुसार इंटरनेशनल लेवल की 70 ऐसी एयरलाइंस हैं जो अपने उड़ानों के दौरान वाईफाई तक की सुविधा दे रही हैं।वहीं, 30 एयरलाइसं में यात्री मोबाइल फोन का भी इस्तेमाल करते हैं। ऐसी एयरलाइंस में ब्रिटिश एयरवेज, एयर एशिया, एयर न्यूजीलैंड तथा वर्जिन अटलांटिक आदि का नाम शामिल है।

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स्पेक्ट्रम के अधिकार और लाइसेंसिंग प्रावधानों पर भी चर्चा

ट्राई ने फ्लाइट में मोबाइल सेवाओं के संचालन के लिए स्पेक्ट्रम के अधिकार और लाइसेंसिंग प्रावधानों पर भी चर्चा की। ट्राई ने बताया कि कई अंतरराष्ट्रीय कंपनियां भी हैं, जिन्होंने इंडिया में इन-फ़्लाइट इंटरनेट सेवाओं के प्रावधान में अपनी रुचि व्यक्त की है।ट्राई ने अपने इस चर्चा के दौरान इंडियन एयरलाइंस को इंटरनेट और मोबाइल सेवा की अनुमति देने संबंधी विचार किया। ‘इन-फ्लाइट कनेक्टिविटी’ को लेकर जो भी महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए उसे ट्राई जल्दी ही सार्वजनिक करेगा।

भारतीय टेलिकॉम ऑपरेटर्स

घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के दौरान इन-फ्लाइट कनेक्टिविटी को लेकर एयरटेल और वोडाफोन ने एयर-टू-ग्राउंड (ए2 जी) संचार सेवा इस्तेमाल करने का सुझाव दिया है। दोनों कंपनियों का कहना है कि ए2 जी सर्विस हैवी और कॉस्टली सेटैलाइट आधारित इन-फ्लाइट कनेक्टिविटी (आईएफसी) समाधानों से काफी बेहतर है। जबकि रिलायंस जियो ने इन-फ्लाइट कनेक्टिविटी के लिए एलटीई और सैटेलाइट बैकहॉल का उपयोग करने का सुझाव दिया है।

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