उत्तराखंड: गाँव के 800 परिवार को एक ही दिन में पैदा कर दिया आधार ने
गाँव कनेक्शन 27 Oct 2017 12:21 PM GMT
लखनऊ। आधार आम इंसान की जिंदगी में जरूरत बन चुका है। आधार से राशन मिल रहा है आधार के बिना हम अपने खाते से पैसे नहीं निकाल सकते हैं इतना ही नहीं जल्द ही बिना आधार के आप अपनों से बात भी नहीं कर पाएंगे आधार यहां तक ही सीमित नहीं है। अगर आप जाम झलकाने के शौकीन हैं तो बिना आधार के शराब भी नहीं मिल पाएगी। कह सकते हैं जिंदा रहने के लिये आधार जरूरी है।
जहां आधार हमारे लिये इतना जरूरी है वहीं आधार बनाने के दौरान किस तरह की लापरवाही बरती जाती है इसकी एक बानगी उत्तराखंड के हरिद्धार जिले में देखने को मिली। जहां बुजुर्ग महिला की उम्र 22 साल तो बच्चे की उम्र 60 साल दिखा दी।
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गाँव का हर शख्स 1 जनवरी को पैदा हुआ
मामला हरिद्धार जिले से 20 किलोमीटर दूर खाटा गाँव का है। इस गाँव में रहने वाला हर शख्स आधार के हिसाब से 1 जनवरी को पैदा हुआ है। आधार कार्ड के डेटा के हिसाब से खाटा गाँव के मोहम्मद खान की जन्मतिथि 1 जनवरी है। उनके पड़ोसी अलफदीन की जन्मतिथि भी 1 जनवरी है और सिर्फ अलफदीन ही नहीं बल्कि उनका पूरा परिवार आधार के हिसाब से 1 जनवरी को ही पैदा हुआ है। इस गाँव में लगभग 800 परिवार है और सभी आधार के हिसाब से 1 जनवरी को ही पैदा हुए है।
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जानकारी के मुताबिक ग्रामीणों ने आधार कार्ड बनवाने के लिये एक निजी कंपनी को अपना वोटर आईडी और राशन कार्ड दिये थे। जब ग्रामीणों को अपने आधार मिले तो उस पर सभी की जन्मतिथि एक ही थी। उप ग्राम प्रधान मोहम्मद इमरान का कहना है कि लोगों ने अपने राशन कार्ड और वोटर कार्ड की कॉपी जमा की थीं।
यह गलती उस एजेंसी की तरफ से हुई है जिसने दो साल पहले कार्ड बनाने के लिए डेटा लिया था।' स्थानीय लोग इस बात से चिंतित हैं कि कहीं आधार में इस गड़बड़ी की वजह से वे सरकार की योजनाओं का लाभ पाने से वंचित न रह जाएं। बता दें कि आधार में गड़बड़ी का ये पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी ऐसे मामले प्रकाश में आए हैं।
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