अर्थशास्त्र के नोबेल पुरस्कार विजेता रिचर्ड एच थेलर ने मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसले का किया था समर्थन
गाँव कनेक्शन 9 Oct 2017 8:06 PM GMT

नई दिल्ली। देश में भले ही नोटबंदी के फैसले को लेकर मोदी सरकार की आलोचना की जा रही हो लकिन 2017 के लिए अर्थशास्त्र का नोबेल पाने वाले अमरीका के रिचर्ड एच. थेलर ने मोदी सरकार के इस फैसले का समर्थन किया था। नोबेल पुरस्कार विजेता की आज ही घोषणा हुई है। रिचर्ड एच. थेलर ने पिछले साल 8 नवंबर को ट्वीट कर लिखा था कि मैं इस (नोटबंदी) फैसले का हमेशा समर्थन करता हूं। भ्रष्टाचार खत्म करने की ओर ये पहला कदम है, हालांकि एक ट्वीट के जवाब में उन्होंने 2000 के नोट पर हैरानी जताया था।
अमरीका के रिचर्ड एच. थेलर को साल 2017 के लिए अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार दिया गया है। 12 सितंबर, 1945 को जन्मे अमेरीकी अर्थशास्त्री थेलर शिकागो विश्वविद्यालय में प्रोफेसर हैं। वह अर्थशास्त्र में कई प्रसिद्ध किताबें लिख चुके हैं।
This is a policy I have long supported. First step toward cashless and good start on reducing corruption. https://t.co/KFBLIJSrLr
— Richard H Thaler (@R_Thaler) November 8, 2016
This is a policy I have long supported. First step toward cashless and good start on reducing corruption. https://t.co/KFBLIJSrLr
— Richard H Thaler (@R_Thaler) November 8, 2016
आखिरी मौके पर चूक गए राजन
नोबेल पुरस्कार के निर्णायक मंडल ने एक बयान में कहा कि थेलर का अध्ययन बताता है कि किस प्रकार सीमित तर्कसंगता, सामाजिक वरीयता और स्व-नियंत्रण की कमी जैसे मानवीय लक्षण किसी व्यक्ति के निर्णय को प्रक्रियागत तौर पर प्रभावित करते हैं और इससे बाजार के लक्षण पर भी प्रभाव पड़ता है। इस साल के अर्थशास्त्र के नोबेल पुरस्कार की दौड़ में भारत की ओर से रिजर्व बैंक के पूर्व गर्वनर रघुराम राजन भी शामिल थे लेकिन आखिरी मौके पर वह चूक गए।
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ये हैं थेलर के चर्चित बुक्स
थेलर की सबसे चर्चित बुक Nudge है। 2008 में आई यह बुक उन्होंने आर.संस्टीन के साथ मिलकर लिखी थी। इसमें बताया गया था कि बिहेवियरल इकोनॉमिक्स के जरिए सोसाइटी की कई प्रॉब्लम्स को हल किया जा सकता है। इसके अलावा थेलर ने बिहेवियर फाइनेंस पर ही दो बुक्स लिखी । ये बुक्स क्वासी रेशनल इकोनॉमिक्स और द विनर कर्स हैं।
The 2017 Prize in Economic Sciences to Richard H. Thaler "for his contributions to behavioural economics" @R_Thaler #NobelPrize
— The Nobel Prize (@NobelPrize) October 9, 2017
1968 से मिल रहा इकोनॉमिक्स का नोबल
इकोनॉमिक्स के नोबल पुरस्कार को आधिकारिक तौर पर स्वेरिजेज रिक्सबैंक प्राइज कहा जाता है। इसकी शुरुआत 1968 में हुई थी। अर्थशास्त्र को काफी देर बार नोबल पुरस्कारों में शामिल किया गया।
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अर्थशास्त्र का नोबेल जीतने वाले एकमात्र भारतीय अमर्त्य सेन
प्रोफेसर अमर्त्य सेन को अर्थशास्त्र में उनके कार्यों के साल 1998 में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। साल 1999 में उन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'भारत रत्न' से भी सम्मानित किया गया था।
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