राजघाट पर एक दिन के सत्याग्रह पर बैठे अन्ना हजारे, कहा- नई सरकार में भी खत्म नहीं हुआ भ्रष्टाचार 

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राजघाट पर एक दिन के सत्याग्रह पर बैठे अन्ना हजारे, कहा- नई सरकार में भी खत्म नहीं हुआ भ्रष्टाचार सत्याग्रह पर बैठे अन्ना हजारे।

लखनऊ। गांधी जयंती के मौके पर सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे दिल्ली के राजघाट पर एक दिन के सत्याग्रह पर बैठ गए हैं। उन्होंने कहा, मैं राजघाट पर गांधी जी को नमन करने आया हूं. आज व्यथित होने का एक कारण है। अन्ना ने कहा कि दुखी नहीं हू, दुखी स्वार्थी लोग होते हैं। अन्ना हजारे सोमवार को सुबह पुणे से दिल्ली आए और सीधे गांधी समाधि राजघाट पहुंचे, जहां अन्ना हजारे बापू को श्रद्धांजलि दिया।

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आपको बता दें कि कुछ दिन पहले अन्ना हजारे ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखा था। अन्ना ने पत्र में कहा कि इस घटना के छह वर्ष गुजर जाने के बाद भी भ्रष्टाचार को रोकने वाले एक भी कानून पर अमल नहीं हो पाया है। इससे व्यथित होकर मैं आपको (प्रधानमंत्री) पत्र लिख रहा हूं। पिछले तीन वर्षो में लोकपाल और लोकायुक्त की नियुक्ति के संबंध में अगस्त 2014, जनवरी 2015, जनवरी 2016, जनवरी 2017 और मार्च 2017 को हमने लगातार पत्राचार किया लेकिन आपकी तरफ से कार्रवाई के तौर पर कोई जवाब नहीं आया।

पीएम को लिखे अपने पत्र में अन्ना ने कहा था कि लोकपाल और लोकायुक्त कानून बनते समय संसद के दोनों सदनों में विपक्ष की भूमिका निभा रहे आपकी पार्टी (भाजपा) के नेताओं ने इस कानून को पूरा समर्थन दिया था। देश की जनता ने इसके बाद 2014 में बड़ी उम्मीद के साथ नई सरकार को चुना। आपने (प्रधानमंत्री मोदी) देश की जनता को भ्रष्टाचार मुक्त भारत निर्माण की प्राथमिकता का आश्वासन दिया था। लेकिन आज भी जनता का काम पैसे दिये बिना नहीं हो रहा है।

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जनता के जीवन से जुड़े प्रश्नों पर भ्रष्टाचार बिल्कुल कम नहीं हुए हैं। लोकपाल और लोकायुक्त कानून पर अमल होने से 50 से 60 प्रतिशत भ्रष्टाचार पर रोक लग सकती है लेकिन इस पर अमल नहीं हो रहा है। तीन साल से नियुक्ति नहीं हो रही है।

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