‘माल खाए मदारी और नाच करे बंदर’ अन्ना हजारे का सरकार को तंज

Karan Pal SinghKaran Pal Singh   1 Jan 2018 7:28 PM GMT

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‘माल खाए मदारी और नाच करे बंदर’ अन्ना हजारे का सरकार को तंजअन्ना हजारे

समाजसेवी अन्ना हजारे ने किसानों के हक की मांगों को लेकर आगामी 23 मार्च को दिल्ली में अनशन करने और जेल भरो आंदोलन चलाने का ऐलान किया है।

अन्ना हजारे ने अपने फेसबुक पेज पर वीडियो के माध्यम से एक जुमला 'माल खाए मदारी और नाच करे बंदर' बोलते हुए कहा, "आजादी के 70 वर्ष बाद भी देश में किसानों की हालत खराब है। किसानों की फसल का सही दाम नहीं मिल रहा है। इसलिए किसाना आत्महत्या करने को मजबूर हैं। देश में पिछले 22 वर्षों में 12 लाख किसानों ने आत्महत्या की।"

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अन्ना ने किसानों की खराब स्थिति को लेकर सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि किसानों के प्रति कल्याणकारी स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें जल्द से जल्द लागू की जाए। 60 वर्ष से ज्यादा उम्र वाले किसानों जिनका कोई भी आय का स्रोत न हो उन किसानों को हर महीने पांच हजार रुपए पेंशन दी जाए।" अन्ना हजारे ने किसानों की समस्याओं को लेकर 23 मार्च को दिल्ली के रामलीला मैदान में अनशन करने और देशभर में जेल भरो आंदोलन चलाने का ऐलान किया।

हजारे ने कहा, 'देश के सभी राज्यों में अनशन के साथ अहिंसक तरीके से जेल भरो आंदोलन किया जाएगा। जब तक किसानों की बात नहीं मानी जाएगी, तब तक लड़ाई जारी रहेगी।' उन्होंने किसानों से अपने आंदोलन को समर्थन देने की अपील भी की।

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अन्ना हजारे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कुछ समय पहले लिखे पत्र में कहा था कि आप लोगों से कहते हैं कि आप भ्रष्टाचार मुक्त भारत बनाना चाहते हैं, लेकिन आपने भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने वाले लोकपाल विधेयक को कमजोर कर दिया। हजारे ने कहा, 'आप जो कहते हैं और करते हैं, उसमें अंतर है। इसलिए मैंने कई राज्यों में कार्यकर्ताओं से आंदोलन के बारे में कहा है। उन्होंने कहा है कि 23 मार्च शहीद दिवस है, इसलिए हमें उस तारीख पर दिल्ली में आंदोलन शुरू करना चाहिए।'

मोदी को लिखे पत्र में अन्ना ने कहा कि 23 मार्च शहीद दिवस है इसलिए हमने 23 मार्च को आंदोलन करने का फैसला किया है।' कृपया हमें आंदोलन के लिए दिल्ली में जगह बताएं।' हजारे ने कहा, 'कृपया हमें बताएं कि उन राज्यों में लोकायुक्त नियुक्त करने में क्या कठिनाइयां हैं जहां भाजपा सत्ता में है।' उन्होंने कहा, 'लोकपाल विधेयक में पांच साल लग जाते हैं लेकिन इसे कमजोर करने वाला विधेयक केवल तीन दिन में पारित हो गया। यह दिखाता है कि आपकी सरकार का भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने का कोई इरादा नहीं है।'

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