ओडिशा में मालगाड़ी की चपेट में आने से एक और हाथी की मौत

ओडिशा के क्योंझर जिले में मालगाड़ी की चपेट में आने से एक हथिनी की मौत हो गई।

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ओडिशा में मालगाड़ी की चपेट में आने से एक और हाथी की मौतओडिशा के क्योंझर जिले में मालगाड़ी के चपेट में हथिनी

भुवनेश्वर (भाषा)। ओडिशा के क्योंझर जिले में एक मालगाड़ी की चपेट में आने से एक हथिनी की मौत हो गई। यह पहला मौका नहीं है जब हाथी या जंगली जानवरों की मौत इस तरह हुई। एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में हर साल 80 हाथी इस तरह की दुर्घटना में अपनी जान गंवा देते हैं।

ओडिशा के क्योंझर जिले में एक मालगाड़ी की चपेट में आने से एक हथिनी की मौत हो गई। वन अधिकारियों ने ये जानकारी दी।

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यह घटना बुधवार (21 नवंबर) की रात करीब दस बजे हुई। 10 हाथियों का एक झुंड सदर वन क्षेत्र के अन्तर्गत रामचंद्रपुर गांव के नजदीक रेलवे पटरी पार कर रहा था और उसी समय एक खाली मालगाड़ी जखापुर से नयागढ़ की ओर जा रही थी। क्योंझर संभागीय वन अधिकारी (डीएफओ) संतोष कुमार जोशी ने बताया कि हादसे में नौ हाथी बाल-बाल बच निकले जबकि एक हथिनी ट्रेन की चपेट में आ गई।

डीएफओ ने आगे बताया कि रेलवे पटरी के नजदीक हाथियों की गतिविधियों के संबंद्ध में सभी प्रोटोकॉल का पालन किया गया था और रेलवे को भी इसकी जानकारी दी गई थी। उन्होंने बताया, मामले की जांच की जा रही है।

अक्टूबर में ओडिशा में भी हो गई थी हाथियों की मौत

इससे पहले 26 अक्टूबर को ओडिशा के जिला ढेंकनाल के गांव कमालंगा में देर शाम 13 हाथियों का झुंड खेतों की ओर जा रहा था। इसी दौरान सात हाथी रेलवे पावर लाइन की हाई वोल्टेज तारों के चपेट में आ गये। सातों हाथियों की मौत मौके पर हो गयी थी।

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इसी साल अप्रैल में पश्चिमी ओडिशा के झारसुगुडा में चार हाथियों की मौत ट्रेन की चपेट में आने से हो गयी थी। पर्यावरण मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार भारत में 2010 से 2017 के बीच ट्रेन की चपेट में आने में 120 हाथियों ने अपनी जान गंवा दी।

2017 में हाथियों की जनगणना हुई थी जिसके अनुसार भारत में हाथियों की कुल संख्या 27312 है। जबकि 2012 की गणना में यह संख्या 30000 (29,931-30,711) थी, इस तरह देखेंगे तो हाथियों की संख्या हर साल 10 फीसदी की दर से कम हो रही है।

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नेशनल जियोग्राफिक के अनुसार 1987 से 2017 जुलाई तक भारत में ट्रेन की चपेट में आने से २६६ हाथियों की मौत हुई थी। जबकि इस साल यानी 2018 में ट्रेन की चपेट में आने से अब तक 15 से ज्यादा हाथियों की मौत हो चुकी है। ऐसी घटनाओं से 2017 में 12 और 2016 में 16 हाथियों की मौत हुई थी। इस साल अगस्त में झारखंड और पश्चिम बंगाल की सीमा के पास ज्ञानेश्वरी एक्सप्रेस से कुचलकर तीन हाथियों की मौत हो गयी थी। इससे पहले जून में हरिद्वार में ट्रेन की टक्कर से एक हथिनी की मौत हो गयी थी।

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