बुंदेलखंड में एक और किसान की मौत, दस लाख रुपये का था कर्ज

बुंदेलखंड में झाँसी जिले के दुर्गापुर गाँव में खेत की रखवाली के लिए गए किसान की मौत हो गई। इसी हफ्ते एनसीआरबी ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि पिछले साल देश में हर दिन 28 किसान और खेतिहर मजदूर आत्महत्या कर रहे हैं।

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बुंदेलखंड में एक और किसान की मौत, दस लाख रुपये का था कर्जबुंदेलखंड में झाँसी जिले के दुर्गापुर गाँव में अपने खेत में मृत मिले किसान ब्रजभान।

उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में आने वाले बुंदेलखंड में किसानों की मौत के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। आज झाँसी में खेत की रखवाली करने के लिए गए एक और किसान की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत गई।

पांच सितम्बर को बुंदेलखंड में झाँसी जिले के मऊरानीपुर के दुर्गापुर गाँव में सुबह खेत की रखवाली के लिए किसान ब्रजभान अहिरवार (45 वर्ष) खेत में मृत पाए गए। ग्रामीणों से सूचना मिलने पर किसान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष शिव नारायण और उपजिलाधिकारी मौके पर पहुंचे।

मौत की सूचना मिलने पर पुलिस, उपजिलाधिकारी और किसान नेता मौके पर पहुंचे

मृतक किसान ब्रजभान के बड़े भाई ब्रजलाल ने बताया, "ब्रजभान के 10 बच्चे थे, जिसमें आठ लड़कियां और दो लड़के हैं। चार लड़कियों की शादी ब्रजभान कर चुके थे जिससे उनके ऊपर 10 लाख रुपये से ज्यादा का कर्ज था। चार लड़कियों की शादी करनी बाकी थी।"

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) ने अपनी सालाना रिपोर्ट में बताया कि साल 2019 में 10,281 किसान और खेतिहर मजदूरों ने आत्महत्या कर ली यानी हर दिन देश में 28 किसानों ने मौत को गले लगाया। किसानों की आत्महत्या के मामले में सबसे आगे महाराष्ट्र रहा, जबकि उत्तर प्रदेश पांचवें स्थान में रहा, इसमें भी सबसे ज्यादा बुंदेलखंड से किसानों की आत्महत्या के मामले सामने आये।

वहीं ब्रजभान के खेत से सटे जमीन पर खेती करने वाले किसान प्रकाश सिंह घोष बताते हैं, "ब्रजभान रोज की तरह सुबह खेत आते थे, मगर आज सुबह यह खेत में ही मृत मिले, इस बार जो ब्रजभान ने उरद की खेती की थी, वो भी फसल उनकी बर्बाद हो गई थी, बैंक और साहूकारों से भी ब्रजभान ने काफी कर्ज ले रखा था।"

फिलहाल पुलिस ने किसान के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। रिपोर्ट आने के बाद ही किसान की मौत की वजह पता चल सकेगी।

वहीं मौके पर पहुंचे किसान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष शिव नारायण बताते हैं, "बुंदेलखंड किसानों की कब्रगाह बनता जा रहा है, फसल बर्बादी या फिर कर्ज के बोझ तले आज किसान आत्महत्या कर रहा है, लेकिन मेरी सरकार से अपील है कि परिवार की इस संकट में घड़ी में कम से कम सरकार दस लाख रूपए का मुआवजा दे।"

देश में किसानों की आत्महत्या के मामले आये दिन सुर्ख़ियों में बने रहते हैं। एनसीआरबी की रिपोर्ट ने किसानों की आत्महत्याओं के मामलों पर भी पुष्टि की है। इस रिपोर्ट में सामने आया कि पूरे साल में साल 2019 में एक बार फिर महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा लोगों ने जान दी। यहां 2019 में 18,916 लोगों ने जान दी, जिसके बाद तमिलनाड़ु 13,493, पश्चिम बंगाल 12,665, मध्य प्रदेश 12,457 और उत्तर प्रदेश में 5,464 लोगों ने मौत को गले लगाया।

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