देश में कोरोना संक्रमण की स्थिति बेहद गंभीर है। पिछले करीब एक हफ्ते से रोजाना तीन लाख से अधिक केस सामने आ रहे हैं। इस वजह से पॉजिटिविटी रेट और मृत्यु दर में भी इजाफा हुआ है। ऐसे में भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने मध्यम श्रेणी के मरीजों के उपचार के लिए जायडस कैडिला की ओर से तैयार की गई विराफिन को आपातकालीन स्थिति में इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है।
दरअसल विराफिन एक पैगाइलेटेड इन्टरफेरोन अल्फा-2बी (पीईजीआईएफएन) है, जिसे संक्रमण की शुरुआत वाले कोरोना मरीजों को त्वचा के नीचे इंजेक्शन के रूप में दिया जाए तो इससे मरीज अन्य मरीजों की तुलना में जल्दी ठीक हो जाएंगे।
फेज-2 के अध्ययनों में दवा की सुरक्षा, प्रभावशीलता और सहनशीलता की पुष्टि हुई है और यह बताया गया है कि विराफिन कोरोना मरीजों में वायरल लोड में कमी लाने के साथ बेहतर उपचार करने में कारगर है वहीं, फेज-3 के ट्रायल में हुए अध्ययनों में यह बताया गया है कि कोरोना संक्रमित मरीजों में जिन मरीजों को त्वचा के नीचे इंजेक्शन के रूप में विराफिन दी गई थी, ऐसे मरीजों की आरटी-पीसीआर रिपोर्ट 7 दिन बाद निगेटिव हो गई। इसके साथ ही अध्ययन में यह दावा किया गया है कि इस दवा के माध्यम से कोरोना संक्रमित मरीजों में ऑक्सीजन का स्तर घटने से सांस लेने में हो रही कठिनाइयों को कम किया जा सकता है।
Just like the ‘whole of society’ & ‘whole of govt’, our scientists keep on contributing to the fight against #COVID19
GoI is committed to supporting each & every positive endeavour to end this #pandemic#Unite2FightCorona #Virafin @PMOIndia @DBTIndia @ZydusUniverse @BIRAC_2012 https://t.co/K0mu1GazYr
— Dr Harsh Vardhan (@drharshvardhan) April 24, 2021
गंभीर हालात में जाने से बच सकते हैं मरीज
इस दवा के माध्यम से कोरोना वायरस संक्रमित मरीज को गंभीर स्थिति में जाने से बचाया जा सकता है। यह दवा किसी अस्पताल के मेडिकल स्पेशलिस्ट के प्रिस्क्रिप्शन के बाद ही कोरोना मरीजों को मिल सकती है। जाइडस कैडिला की कोरोना मेडिसिन विराफिन एक सिंगल डोज दवा है, जिसकी मदद से कोरोना मरीजों के इलाज में काफी आसानी हो सकती है.
इस दवा को विकसित करने में जायडस कैडिला ने एनबीएम (नेशनल बायोफार्मा मिशन) के माध्यम से फेज-2 ह्यूमन ट्रायल स्टडी को सपोर्ट करने के लिए जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) की सराहना की है। विराफिन दवा को आपातकालीन स्थिति में इस्तेमाल की अनुमति मिलने पर जैव प्रौद्योगिकी विभाग की सचिव और बीआईआरएसी (बायोटेक्नोलॉजी इंडस्ट्री रिसर्च असिस्टेंस काउंसिल) की अध्यक्ष डॉ रेणु स्वरूप ने कहा है कि सरकार कोविड-19 महामारी के विरुद्ध जारी जंग में देश में उद्योगों को हर संभव सुविधा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। विराफिन को दी गई आपात स्वीकृति इसी दिशा में एक कदम है। मैं इस उपलब्धि के लिए चिकित्सा सुविधा प्रदाताओं द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना करती हूं।
जायडस कैडिला हैल्थकेयर लिमिटेड के प्रबंध निदेशक डॉ. शिवराज पाटिल ने कहा है कि यह दवा ऐसे समय पर आई है जब रोगियों को इसकी ज्यादा आवश्यकता हैI अब हम एक ऐसा उपचार देने में सक्षम हैं, जिससे वायरल लोड को काफी हद तक कम किया जा सकता है। इससे कोरोना संक्रमण की शुरुआत में ही रोग को बेहतर ढंग से उपचार करने में मदद मिल सकती हैI उन्होने बताया कि कोरोना संक्रमण के खिलाफ चल रही इस लड़ाई के दौरान भी हम रोगियों को अपनी ओर से उपचार देना जारी रखेंगेI