कभी स्कूल तो कभी समाज ने बनाया मजाक, अब बनीं देश की पहली ट्रांसजेंडर जज

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कभी स्कूल तो कभी समाज ने बनाया मजाक, अब बनीं देश की पहली ट्रांसजेंडर जजजोइता मंडल।

लखनऊ। जिसे स्कूल में स्टूडेंट्स चिढ़ाते थे वही अब देश की पहली ट्रांसजेंडर जज बन गई है। देश की लोक अदालत की पहली महिला ट्रांसजेंडर जोइता मंडल लोगों को न्याय दिलाएंगी। जोइता की पोस्टिंग पश्चिम बंगाल के इस्लामपुर की लोक अदालत में हुई है। जहां उन्हें डिविजनल लीगल सर्विसेज कमेटी ऑफ इस्लामपुर में नियुक्त किया गया है।

ऐसे शुरू हुआ जीवन का संघर्ष

जोइता का जन्म कोलकाता में हुआ था। उन्हें पहले स्कूल छोड़ना पड़ा फिर 2009 में उन्होंने अपना घर भी छोड़ दिया। जिसके बाद उनका संघर्ष शुरू हुआ। पैसों के लिए उन्होंने भीख भी मांगी। वे बचपन से भेदभाव को झेलती आ रही हैं उन्हें कभी स्कूल में बच्चे चिढ़ाते थे तो घरवाले भी उनकी हरकतों को लिए उन्हें डांटते थे।

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नौकरी के लिए जोइता ने कॉल सेंटर ज्वाइन किया लेकिन वहां भी लोग उनका मजाक बनाते थे। लोगों की मानसिकता के कारण उन्हें कोई किराए पर घर देने को भी तैयार नहीं था ऐसे में उन्हें कई बार फुटपाथ पर खुले आसमान के नीचे सोना पड़ता था।

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8 जुलाई को जोइता को जज बनाया गया था, फैसले के मुताबिक फैसले पर मुहर के लिए राज्य लीगल सर्विस अथॉरिटी के पास भेजा गया था। लोक अदालत में तीन जज की बेंच बैठती हैं जिसमे एक वरिष्ठ जज , एक वकील और एक सोशल वर्कर शामिल हैं । सरकार ने जोइता को सोशल वर्कर के तौर पर जज की पोस्ट पर नियुक्त किया हैं।

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