अप्रैल-जून तिमाही में भारत की GDP में 23.9 फीसदी की गिरावट, कृषि की वृद्धि दर 3.4 फीसदी रही
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) ने 31 अगस्त को जीडीपी के आंकड़े जारी कर दिये। भारतीय अर्थव्यस्था की पहली तिमाही में भारी गिरावट आई है। कृषि क्षेत्र को छोड़ दें लगभग सभी सेक्टर में गिरावट आई है।
गाँव कनेक्शन 31 Aug 2020 12:46 PM GMT
सरकार ने सोमवार 31 अगस्त को लॉकडाउन तिमाही यानी अप्रैल से जून 2020 के जीडीपी आंकड़े जारी कर दिये। चालू वित्त वर्ष 2020-21 में पहली तिमाही में आर्थिक विकास दर की ग्रोथ रेट -23.9 फीसदी रही। इसकी तुलना में पिछली तिमाही में GDP में 3.1 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई थी। 2019-20 की समान तिमाही में 5.2 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई थी।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) की तरफ से जीडीपी के आंकड़े जारी किए गये। ज्यादातर रेटिंग एजेंसियों ने चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी में गिरावट का अनुमान जताया था। आंकड़ों के अनुसार 2020-21 की पहली तिमाही में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में सकल मूल्य वर्धन (GVA) – 39.3 फीसदी रहा। कंस्ट्रक्शन सेक्टर में यह -50.3 फीसदी रहा है। बिजली में यह -7 फीसदी है। उद्योग में सकल मूल्य वर्धन -38.1 फीसदी और सर्विस सेक्टर में -20.6 फीसदी रहा।
GDP at Constant (2011-12) Prices in Q1 of 2020-21 has contracted 23.9 percent over the corresponding quarter of previous year.@Rao_InderjitS @PIB_India @NITIAayog @PMOIndia
— Ministry of Statistics & Programme Implementation (@GoIStats) August 31, 2020
केवल कृषि क्षेत्र की ग्रोथ में 3.4 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। खनन क्षेत्र में सकल मूल्य वर्धन -23.3 फीसदी, ट्रेड एवं होटल में -47 फीसदी, पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में -10.3 फीसदी और फाइनेंस, रियल एस्टेट में -5.3 फीसदी रहा है।
मुख्य आर्थिक सलाहाकार के सुब्रमण्यन ने पहली तिमाही के जीडीपी आंकड़ों पर ऑडियो जारी करके बयान दिया। उन्होंने कहा, "अप्रैल-जून तिमाही के दौरान देश में लॉकडाउन था। सभी आर्थिक गतिविधियां पूरी तरह से बंद रहीं। पहली तिमाही में जीडीपी की गिरावट अनुमान के अनुरूप है।"
क्या है जीडीपी
कुल सकल घरेलू उत्पाद यानी की जीडीपी एक साल में देश में उत्पादित होने वाले सभी सामानों और सेवाओं के कुल मूल्य (वैल्यू) को कहते हैं। किसी देश की अर्थव्यवस्था का प्रदर्शन कैसा रहा है, यह जीडीपी से ही पता चलता है। GDP से यह भी पता चलता है कि किसी सेक्टर में कैसी तेजी रही। अगर जीडीपी के आंकड़े पिछले साल की अपेक्षा कम हैं तो इसका मतलब यह है कि उस अवधि में सामानों का उत्पादन कम रहा है।
केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) जीडीपी की गणना करता है। जीडीपी के आंकड़े हर तिमाही यानी साल में चार बार जारी किए जाते हैं। जीडीपी की गणना चार घटकों कंजम्पशन एक्सपेंडिचर, गवर्नमेंट एक्सपेंडिचर, इनवेस्टमेंट एक्सपेंडिचर और नेट एक्सपोर्ट्स के जरिए होती है।
2020-21 की पहली तिमाही की पूरी रिपोर्ट यहां देखें
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