अयोध्या भूमि विवाद मामले की सुनवाई 10 जनवरी तक टली, नई बेंच करेगी सुनवाई
अलग-अलग पक्षों की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता हरिश साल्वे और राजीव धवन को अपनी बात रखने का कोई मौका नहीं मिला। मामले की सुनवाई 30 सेकेंड भी नहीं चली।
Chandrakant Mishra 4 Jan 2019 6:58 AM GMT
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि उसके द्वारा गठित एक उपयुक्त पीठ राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि मालिकाना विवाद मामले की सुनवाई की तारीख तय करने के लिए 10 जनवरी को आदेश देगी।
ये भी पढ़ें: बाबरी विध्वंस बरसी: अयोध्या के लोग अब भी 1992 के भयावह दिन को याद कर सिहर उठते हैं
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति एस के कौल की पीठ ने कहा, एक उपयुक्त पीठ मामले की सुनवाई की तारीख तय करने के लिए 10 जनवरी को आगे के आदेश देगी। सुनवाई के लिए मामला सामने आते ही प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि यह राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामला है और इसपर आदेश पारित किया।
The title suit in the Ayodhya case will be heard on January 10. A bench led by Chief Justice of India Ranjan Gogoi announced the date in a 60-second hearing, which did not see any arguments from either side.
— ANI Digital (@ani_digital) January 4, 2019
Read @ANI Story | https://t.co/swAVKoDSh9 pic.twitter.com/3ghQ5ZTmTN
अलग-अलग पक्षों की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता हरिश साल्वे और राजीव धवन को अपनी बात रखने का कोई मौका नहीं मिला। मामले की सुनवाई 30 सेकेंड भी नहीं चली।
27 सितंबर, 2018 को तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने 2:1 के बहुमत से 1994 के एक फैसले में की गयी टिप्पणी पांच न्यायाधीशों की पीठ के पास नये सिरे से विचार के लिये भेजने से इंकार कर दिया था।
ये भी पढ़ें: अयोध्या में धर्मसभा शुरू, देशभर से आए एक लाख से भी ज्यादा लोग
इस फैसले में टिप्पणी की गयी थी कि मस्जिद इस्लाम का अभिन्न अंग नहीं है। अयोध्या प्रकरण की सुनवाई के दौरान एक अपीलकर्ता के वकील ने 1994 के फैसले में की गयी इस टिप्पणी के मुद्दे को उठाया था।
More Stories