अयोध्या में बनेगी सबसे ऊंची भगवान राम की मूर्ति, पढ़िए कौन सी हैं वो मूर्तियां जो अपनी ऊंचाई के लिए हैं प्रसिद्ध

Divendra SinghDivendra Singh   26 Nov 2018 4:05 AM GMT

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अयोध्या में बनेगी सबसे ऊंची भगवान राम की मूर्ति, पढ़िए कौन सी हैं वो मूर्तियां जो अपनी ऊंचाई के लिए हैं प्रसिद्ध

लखनऊ। राम मंदिर को लेकर चर्चा में रहने वाले अयोध्या में अब अयोध्या में भगवान राम की विश्व में सबसे ऊंची मूर्ति बनने वाली है, अभी तक 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा है। पढ़िए देश में और कहां हैं ऊंची मूर्तियां...

भगवान राम की मूर्ति (अयोध्या)


अयोध्या में भगवान राम की 221 मीटर ऊंची प्रतिमा स्थापित किए जाने का फैसला किया है। यह प्रतिमा दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा होगी। 151 मीटर ऊंची मूर्ति के साथ-साथ उस प्रतिमा के ऊपर 20 मीटर ऊंचा छत्र और नीचे कुल 50 मीटर का आधार होगा। इस तरह मूर्ति की कुल ऊंचाई 221 मीटर संभावित है। यह दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा होगी।

50 मीटर ऊंचे आधार के अंदर ही भव्य एवं आधुनिक संग्रहालय बनाया जाएगा, जिसमें सप्तपुरीयों में अयोध्या के इतिहास, इक्ष्वाकु वंश के इतिहास में राजा मनु से लेकर राम जन्मभूमि तक का इतिहास, भगवान विष्णु के सभी अवतारों के विवरण सहित भारत के सनातन धर्म के विषय में आधुनिक तकनीक पर प्रदर्शन की व्यवस्था की जाएगी।

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स्टैच्यू ऑफ यूनिटी (गुजरात)

31 अक्टूबर को 182 मीटर ऊंची प्रतिमा 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' का अनावरण किया गया। इसके साथ ही स्टैच्यू ऑफ यूनिटी दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा बन गई है। यह प्रतिमा नर्मदा नदी पर सरदार सरोवर बांध से 3.5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

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साल 2010 में गुजरात के मुख्‍यमंत्री रहते हुए उन्‍होंने इसी घोषणा की थी। इसके बाद साल 2013 में इसकी नींव रखी गई। स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को बनाने में करीब 2990 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। इस प्रतिमा को बनाने में करीब तीन हज़ार मजदूरों ने 33 महीनों तक काम किया। 182 मीटर ऊंची इस मूर्ति में 1,40,000 क्यूबिक मीटर्स कॉनक्रिट का इस्तेमाल किया गया है। इसके अलावा 2000 टन ब्रॉन्ज़ शीट्स और 18,500 टन रॉड्स का भी इस्तेमाल किया गया है।

शिवाजी महाराज, मुंबई

शिवाजी महाराज की विशाल प्रतिमा की, जो समुद्र के बीचो-बीच बनाई जाएगी। तैयारियां जोरों पर हैं। प्रतिमा तक पहुंचने के लिए अलग से रास्ते भी बनाएं जाएंगे। प्रतिमा की ऊंचाई 210 मीटर होगी, जो स्टैच्यू और यूनिटी से 28 मीटर ज्यादा है।


स्टैच्यू ऑफ यूनिटी ने दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा का दर्जा हासिल कर लिया है। तीन साल बाद शिवाजी की प्रतिमा सबसे ऊंची होगी। शिवाजी की प्रतिमा की ऊंचाई 210 मीटर होगी, जबकि स्टैच्यू ऑफ यूनिटी 182 मीटर ऊंची है। शिवाजी की प्रतिमा पर कुल खर्च 3,600 करोड़ रुपए आएगा।

शिव मूर्ति (राजस्थान)

भगवान शिव की सबसे ऊंची मूर्ति बनाई जा रही है। भगवान शिव की इस सबसे ऊंची मूर्ति का निर्माण राजस्थान में उदयपुर के नजदीक श्रीनाथद्वारा में हो रहा है। मार्च 2019 में इस मूर्ति का अनावरण किए जाने की संभाना है। दुनिया की सबसे ऊंची इस शिव मूर्ति की ऊंचाई 351 फीट है। इस वक्त दुनिया में सबसे ऊंची शिव मूर्ति नेपाल के कैलाशनाथ मंदिर में है। इस मूर्ति की ऊंचाई 143 फीट है।

शिव मूर्ति को 'मिराज ग्रुप' बना रहा है। सीमेंट और कंकरीट से बन रही मूर्ति का 85 प्रतिशत काम पूरा हो गया है। इसमें 3000 टन स्टील का का इस्तेमाल होगा। मूर्ति का वजन 30 हजार टन होगा। आधार के साथ प्रतिमा की ऊंचाई 351 फीट होगी। वहीं, त्रिशूल की लंबाई 315 फीट होगी। मूर्ति में चार लिफ्ट और तीन सीढ़ियां होंगी। जिसके जरिए पर्यटक मूर्ति को देख सकेंगे। पर्यटक 280 फीट की ऊंचाई तक जा सकेंगे।

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वीर अभया अंजनेया स्वामी

ये मूर्ति आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा के परिताला शहर में स्थित है, इस प्रतिमा की ऊंचाई 135 फुट है। इस मूर्ति की स्थापना 22 जून 2003 में हुई थी।

पद्मसंभव की प्रतिमा, मंडी हिमाचल प्रदेश

पद्मसंभव की प्रतिमा हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में प्रसिद्ध रेवालसर झील के पास देश की ऊंची प्रतिमाओं से एक है, इस प्रतिमा की ऊंचाई 123 फीट है।

   

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