गुजरात: प्रधानमंत्री ने बनासकांठा में डेयरी कॉम्प्लेक्स और आलू प्रसंस्करण संयंत्र का किया लोकार्पण, जानिए क्या हैं इनकी खासियतें

गुजरात के आलू उत्पादक जिले बनासकांठा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई विकास परियोजनाओं को राष्ट्र को लोकार्पण किया, जिसमें से डेयरी डेयरी कॉम्प्लेक्स और आलू प्रसंस्करण संयंत्र से हजारों डेयरी व आलू किसानों को लाभ होगा।

गाँव कनेक्शनगाँव कनेक्शन   19 April 2022 11:52 AM GMT

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गुजरात: प्रधानमंत्री ने बनासकांठा में डेयरी कॉम्प्लेक्स और आलू प्रसंस्करण संयंत्र का किया लोकार्पण, जानिए क्या हैं इनकी खासियतें

गुजरात के आलू हब के नाम से मशहूर बनासकांठा जिले के दियोदर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 अप्रैल को डेयरी कॉम्प्लेक्स और आलू प्रसंस्करण संयंत्र का लोकार्पण किया। साथ ही कई नई योजनाओं की आधारशिला भी रखी गई।

डेयरी कॉम्प्लेक्स एक ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट है, जिससे हर दिन लगभग 30 लाख लीटर दूध के प्रसंस्करण, लगभग 80 टन मक्खन, एक लाख लीटर आइसक्रीम, 20 टन संघनित दूध (खोया) और 6 टन चॉकलेट का उत्पादन किया जाएगा।

जबकि आलू प्रोसेसिंग यूनिट से कई तरह के प्रसंस्कृत आलू उत्पादों जैसे फ्रेंच फ्राइज, आलू चिप्स, आलू टिक्की, पैटी आदि का उत्पादन किया, जिनमें से कई उत्पाद अन्य देशों में निर्यात किए जाएंगे।

प्रधानमंत्री ने बनास सामुदायिक रेडियो स्टेशन भी राष्ट्र को समर्पित किया। यह सामुदायिक रेडियो स्टेशन किसानों को कृषि और पशुपालन से संबंधित प्रमुख वैज्ञानिक जानकारी प्रदान करने के लिए स्थापित किया गया है। उम्मीद है कि रेडियो स्टेशन लगभग 1700 गांवों के 5 लाख से अधिक किसानों से जुड़ेगा।

प्रधानमंत्री ने पालनपुर में बनास डेयरी संयंत्र में पनीर उत्पादों और मट्ठा पाउडर के उत्पादन के लिए विस्तारित सुविधाओं को राष्ट्र को समर्पित किया। साथ ही, प्रधानमंत्री ने गुजरात के दामा में स्थापित जैविक खाद और बायोगैस संयंत्र को राष्ट्र को समर्पित किया। प्रधानमंत्री ने खिमना, रतनपुरा-भीलडी, राधनपुर और थावर में स्थापित होने वाले 100 टन क्षमता के चार गोबर गैस संयंत्रों की आधारशिला भी रखी।

प्रधानमंत्री ने कहा, "पिछले कई वर्षों में, बनास डेयरी स्थानीय समुदायों, विशेष रूप से किसानों और महिलाओं को सशक्त बनाने का केंद्र बन गया है। मुझे डेयरी के अभिनव उत्साह पर विशेष रूप से गर्व है जो उनके विभिन्न उत्पादों में देखा जाता है। शहद पर उनका निरंतर ध्यान रखना भी प्रशंसनीय है।" श्री मोदी ने बनासकांठा के लोगों के प्रयासों और भावना की भी प्रशंसा की।


उन्होंने कहा, "मैं बनासकांठा के लोगों की कड़ी मेहनत दृढ़ता की भावना की सराहना करना चाहता हूं। जिस तरह से इस जिले ने कृषि के क्षेत्र में अपनी पहचान बनाई है वह काबिले तारीफ है। किसानों ने नई तकनीकों को अपनाया, जल संरक्षण पर ध्यान केंद्रित किया और परिणाम सभी के सामने हैं।"

बनास डेयरी में गतिविधियों के विस्तार के बारे में चर्चा करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि बनास डेयरी संकुल, पनीर और मट्ठा प्लांट, ये सभी तो डेयरी सेक्टर के विस्तार में अहम हैं ही, बनास डेयरी ने ये भी सिद्ध किया है कि स्थानीय किसानों की आय बढ़ाने के लिए दूसरे संसाधनों का भी उपयोग किया जा सकता है।" उन्होंने कहा कि आलू, शहद और अन्य संबंधित उत्पाद किसानों की किस्मत बदल रहे हैं।

उन्होंने कहा कि यह वोकल फॉर लोकल अभियान पर जोर देने के साथ-साथ खाद्य तेल और मूंगफली के रूप में भी डेयरी का विस्तार कर रहा है। उन्होंने गोवर्धन में डेयरी की परियोजनाओं की प्रशंसा की और पूरे देश में ऐसे संयंत्र स्थापित करके कचरे से कंचन पैदा करने के सरकार के प्रयासों में मदद करने के लिए डेयरी परियोजनाओं की सराहना की।

उन्होंने कहा कि एक तो इससे गांवों में स्वच्छता को बल मिल रहा है, दूसरा, इससे पशुपालकों को गोबर का भी पैसा मिल रहा है, तीसरा, गोबर से बायो- सीएनजी और बिजली जैसे उत्पाद तैयार हो रहे हैं। चौथा, इस पूरी प्रक्रिया में जो जैविक खाद मिलती है, उससे किसानों को बहुत मदद मिल रही है और प्राकृतिक खाद से धरती की रक्षा करने से फायदा होगा। उन्होंने कहा कि इस तरह के प्रयास हमारे गांवों और हमारी महिलाओं को मजबूत करते हैं और धरती मां की रक्षा करते हैं।

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