बजट से पहले कांग्रेस ने किसानों के मुद्दे पर नरेंद्र मोदी सरकार ये पूछे ये सवाल
गाँव कनेक्शन 29 Jan 2020 1:08 PM GMT
आम बजट से पहले कांग्रेस ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार से किसान की आमदनी और पिछले बजट में किए गए वादों पर सवाल पूछा है। कांग्रेस नेता पृथ्वी राज चव्हाण ने पूछा सरकार ने साल 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने का वादा किया था, देश की जनता जानना चाहती है कि पिछले 4 वर्षों में किसान की आमदनी कहां तक पहुंची है।
पृथ्वीराज चव्हाण कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री है। उन्होंने दिल्ली में पत्रकारों से बात करते हुए कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सबसे बड़ा वादा साल 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने का था। अब इसके चार साल पूरे हो चुके हैं। हम वित्त मंत्री जी से पूछना चाहते हैं कि क्या सरकार अब भी उस वादे पर कायम है. क्योंकि 6 में से 4 साल बीत चुके हैं और अब सिर्फ दो साल ही बचे हैं। सरकार ये बताए कि 4 साल में आमदनी कहां तक पहुंची है। उन्होंने मोदी सरकार पर झूठ को फैलाने का आरोप भी लगाया।
भाजपा सरकार का सबसे बड़ा वादा था- 2022 तक किसान की आमदनी दुगुनी करने का। उस घोषणा को चार साल हो गए हैं, मात्र 2 साल बचे हैं। अब जनता इसका सच जानना चाहती है : @prithvrj pic.twitter.com/NPbZa98pwL
— Congress (@INCIndia) January 29, 2020
कांग्रेस नेता ने कहा कि भाजपा सरकार ने किसानों को फसल लागत खर्च पर 50 फीसदी लाभकारी मूल्य देने का वादा किया था। ये सरकार लागत खर्च की गणना में हेराफेरी करती है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने पिछले बजट में कृषि में बड़े निवेश की बात की थी। 10,000 नए फार्मर प्रोड्यूसर आर्गेनाइजेशन बनने थे, वो आज तक कितने बने हैं हम ये भी जानना चाहते हैं? प्रकाश चव्हाण ने कहा कि कृषि अर्थव्यवस्था बेहाल है। किसान आत्महत्याओं का दौर नहीं थम रहा है। आंकड़े छुपाए जा रहे हैं। एनसीआरबी में आंकड़े तोड़मरोड़ कर पेश किए जा रहे हैं।
10 हजार एफपीए बनाने का वादा था, कितने बने?
कृषि में बड़े निवेश की बात पिछले बजट में हुए थे। साल 2019 के बजट भाषण में वित्तमंत्री ने 10,000 एफपीओ बनाने की बात की थी। वो कितनी बनी हैं उनकी संख्या बताई जानी चाहिए। साथ ही बजट में ईनाम (E-NAM) की बात की थी। ई-नाम के लिए 2000 करोड़ रुपए की घोषणा हुई थी, लेकिन खर्च मात्र 10 करोड़ हुए हैं। यानि आधा प्रतिशत से कम बजट खर्च हुआ। देश में इस तरह के 22 हजार मार्केट प्रस्तावित थे लेकिन मात्र 376 मार्केट बने हैं। उन्हें भी कोई उम्मीद नहीं कर रहा है। हम उम्मीद कर रहे हैं वित्त मंत्री जी बजट भाषण में मार्केट इंफ्रास्टैक्चर फंड में क्या खर्च हुआ, क्या उपलब्धियां हैं इसकी जानकारी देश को देंगी।
कांग्रेस ने न्यूनतम समर्थन मूल्य पर भी पूछे सवाल
कांग्रेस ने कहा कि फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य बड़ी समस्या है। वर्तमान खरीफ सीजन में फसलों की एमएसपी 8%-37% यानि औसतन लगभग 22.5 फीसदी ही बढ़ा है। मूंग, तुअर, सोयाबीन, सूरजमुखी, ज्वार-बाजरा, रागी उगाने वाले किसानों को एमएसपी मिला ही नहीं।
हमें उम्मीद है कि आगामी बजट में कृषि के लिए जीएसटी की दरें कम की जाए। कृषि इनपुट और उपकरणों पर जीएसटी की दर 5% से अधिक न हो। ब्रांडेड उत्पादों पर भी जीएसटी की दरें कम की जाए : @prithvrj pic.twitter.com/DYB4EtSsbv
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जीएसटी कम करने की मांग
कांग्रेस नेता पृथ्वी राज चव्हाण ने ने आगामी कृषि बजट में कृषि के लिए जीएसटी कम करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि कृषि इनपुट और उपकरणों पर जीएसटी की दर 5% से अधिक न हो। ब्रांडेड उत्पादों पर भी जीएसटी की दरें कम की जाए।देश में कई कृषि मशीनरी, उपकरणों और उत्पादों आदि पर 18 फीसदी तक जीएसटी लगती है। गांव कनेक्शन से बात करते हुए किसानों ने जीएसटी की दरें घटाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि डीजल-पेट्रोल को भी जीएसटी के दायरे में लाया जाना चाहिए।
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