मेरठ में वंदेमातरम को लेकर विवाद के बीच पढ़िए राष्ट्रगीत और जानिए क्या है उसका अर्थ
Anusha Mishra 8 Jan 2018 6:12 PM GMT
सोमवार को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ ज़िले में निगम पार्षदों की बोर्ड मीटिंग के दौरान वंदेमातरम गाने को लेकर जमकर हंगामा हुआ। पुलिस के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत किया गया। इस विवाद की शुरुआत उस वक्त हुई जब बीएसपी पार्षदों ने वंदे मातरम गाने की बजाए इसका ऑडियो चला दिया जिससे भाजपा पार्षद बहुत नाराज़ हो गए। मीटिंग में ही नारेबाज़ी होने लगी। पूरी घटना का वीडियो न्यूज एजेंसी एएनआई ने भी जारी किया है।
#WATCH Ruckus between BJP & BSP corporators at the board meeting of #Meerut Municipal Corporation after BSP members played Vande Matram instead of singing it; issue resolved pic.twitter.com/IE1xVhnMmz
— ANI UP (@ANINewsUP) January 8, 2018
वंदेमातरम गाने को लेकर मेरठ नगर निगम में पहले ही हंगामा हो चुका है। पिछले दिनों ऐसी ख़बरें आई थीं कि बीएसपी की मेयर सुनीता वर्मा वंदे मातरम गायन के समय अपनी सीट पर ही बैठी रहीं। उस वक्त भी भाजपा के पार्षदों ने उनके खिलाफ नारेबाजी की थी। इस विवाद के बीच आप पढ़िए वंदेमातरम और जानिए क्या हैं उसके मायने...
वन्दे मातरम्!
सुजलां सुफलां मलयजशीतलां
शस्यश्यामलां मातरम्!
शुभ्र-ज्योत्सना-पुलकित-यामिनीम्
फुल्ल-कुसुमित-द्रमुदल शोभिनीम्
सुहासिनी सुमधुर भाषिणीम्
सुखदां वरदां मातरम्!
सन्तकोटिकंठ-कलकल-निनादकराले
द्विसप्तकोटि भुजैर्धृतखरकरबाले
अबला केनो माँ एतो बले।
बहुबलधारिणीं नमामि तारिणीं
रिपुदल वारिणीं मातरम्!
तुमि विद्या तुमि धर्म
तुमि हरि तुमि कर्म
त्वम् हि प्राणाः शरीरे।
बाहुते तुमि मा शक्ति
हृदये तुमि मा भक्ति
तोमारइ प्रतिमा गड़ि मंदिरें-मंदिरे।
त्वं हि दूर्गा दशप्रहरणधारिणी
कमला कमल-दल विहारिणी
वाणी विद्यादायिनी नवामि त्वां
नवामि कमलाम् अमलां अतुलाम्
सुजलां सुफलां मातरम्!
वन्दे मातरम्!
श्यामलां सरलां सुस्मितां भूषिताम
धमरणीं भरणीम् मातरम्।
अर्थ
1.
हे माँ मैं तेरी वन्दना करता हूँ
तेरे अच्छे पानी, अच्छे फलों,
सुगन्धित, शुष्क, उत्तरी समीर (हवा)
हरे-भरे खेतों वाली मेरी माँ।
2.
सुन्दर चाँदनी से प्रकाशित रात वाली,
खिले हुए फूलों और घने वृ़क्षों वाली,
सुमधुर भाषा वाली,
सुख देने वाली वरदायिनी मेरी माँ।
3.
तीस करोड़ कण्ठों की जोशीली
आवाज़ें,
साठ करोड़ भुजाओं में तलवारों को
धारण किये हुए
क्या इतनी शक्ति के बाद भी,
हे माँ तू निर्बल है,
तू ही हमारी भुजाओं की शक्ति है,
मैं तेरी पद-वन्दना करता हूँ मेरी माँ।
4.
तू ही मेरा ज्ञान, तू ही मेरा धर्म है,
तू ही मेरा अन्तर्मन, तू ही मेरा लक्ष्य,
तू ही मेरे शरीर का प्राण,
तू ही भुजाओं की शक्ति है,
मन के भीतर तेरा ही सत्य है,
तेरी ही मन मोहिनी मूर्ति
एक-एक मन्दिर में,
5.
तू ही दुर्गा दश सशस्त्र भुजाओं वाली,
तू ही कमला है, कमल के फूलों की बहार,
तू ही ज्ञान गंगा है, परिपूर्ण करने वाली,
मैं तेरा दास हूँ, दासों का भी दास,
दासों के दास का भी दास,
अच्छे पानी अच्छे फलों वाली मेरी माँ,
मैं तेरी वन्दना करता हूँ।
6.
लहलहाते खेतों वाली, पवित्र, मोहिनी,
सुशोभित, शक्तिशालिनी, अजर-अमर
मैं तेरी वन्दना करता हूँ।
यहां पूरा वंदेमातरम दिया गया है लेकिन राष्ट्रगीत के रूप में पहले तो पद ही गाए जाते हैं।
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