भदोही: पुलिस के अनुसार बदला लेने के लिए हुई नाबालिग किशोरी की हत्या, रेप की पुष्टि नहीं, लेकिन पुलिस की थ्योरी पर उठ रहे कई सवाल

भदोही में नाबालिग किशोरी की हत्या की गुत्थी पुलिस ने भले ही सुलझा दी हो, लेकिन अभी भी कई सवाल ऐसे हैं जिनके जवाब नहीं मिले हैं। पुलिस के बयानों में ही विरोधाभास है।

Mithilesh DharMithilesh Dhar   3 Oct 2020 4:15 AM GMT

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bhadohi, bhadohi newsमृतक आंचल का घर। पुलिस के अनुसार पड़ोसियों ने आपसी विवाद के कारण आंचल को मार डाला।

भदोही (उत्तर प्रदेश)। "महिलाओं के बीच थोड़ी कहासुनी हुई थी। हम लोगों ने तो कुछ बोला भी नहीं था। इतना बड़ा विवाद नहीं हुआ था कि किसी हत्या कर दो। आखिर उस मासूम का क्या दोष था। अभी उसकी उम्र ही कितनी थी। हमें कभी पता नहीं था कि हमारे पड़ोसी ऐसा भी कर सकते हैं।" राकेश कुमार कहते हैं।

राकेश (24) आंचल हरिजन के चाचा हैं। उत्तर प्रदेश के जिला भदोही, ग्राम सभा बजरीकला के चकराजाराम तिवारीपुर गांव की 14 वर्षीय दलित किशोरी आंचल की एक अक्टूबर को उस समय सिर कुचलकर हत्या कर दी गई थी जब वह घर से थोड़ी दूर शौच के लिए गयी थी।

भदोही जिला मुख्यालय से लगभग 15 किलोमीटर दूर चकराजाराम तिवारीपुर गांव में अभी भी चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात है। हर मोड़ पर सिपाही हैं। प्रदेश के हाथरस, बलरामपुर और आजमगढ़ जिलों में नाबालिगों की निर्मम हत्या के बाद भदोही के इस मामले को भी रेप के बाद हत्या से जोड़कर देखा जा रहा था, लेकिन शुक्रवार दो अक्टूबर को आई पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गला दबाने के बाद ईंट-पत्थर से सिर कुचलकर हत्या करने की बात सामने आई है।

हत्या के आरोप में पुलिस ने तीन पड़ोसियों कुंदन, प्रिंस और कलेक्टर को घटना वाले दिन (गुरुवार 1 अक्टूबर) ही गिरफ्तार कर लिया था।

घटना वाले दिन क्या हुआ था, इस पर राकेश बताते हैं, "आंचल उस दिन दोपहर में शौच के लिए गई थी। जब वह बहुत देर तक नहीं आई तब घर से दूसरी लड़की को देखने के लिए भेजा। उसने वापस आकर घटना के बारे में बताया। फिर हम लोग भागकर गये। देखा तो बाजरे के खेत में आंचल खून में सनी थी। उसे तुरंत गोपीगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर गये लेकिन तब तक वह मर चुकी थी। उसका पूरा चेहरा कुचल दिया था। मासूम को उन लोगों ने बहुत बेरहमी से मारा।"

आखिरी पड़ोसियों पर ही शक क्यों हुआ, इस बारे राकेश कहते हैं, "28 सितंबर को जब झगड़ा हुआ था तब उन लोगों ने कहा था कि दो ही चार दिन के अंदर मैं बता दूंगा कि हम लोग कौन हैं और क्या कर सकते हैं।"

"और जब पुलिस इनके घर गई तो ये तीनों लोग घर पर ही थे। पुलिस को देखते ही ये लोग कांपने लगे।" राकेश आगे कहते हैं।

मृतक किशोरी के घर के बाहर आसपास की महिलाएं जुटी हैं। मां का रो-रोकर बुरा हाल है।

गांव कनेक्शन की टीम जब चकराजाराम तिवारीपुर गांव पहुंची तो वहां कई दूसरे मीडियाकर्मी भी मौजूद थे। घर पर रिश्तेदारों का आना-जाना लगा था। आंचल की मां बेसुध जमीन पर लेटी थी। रोते-रोते उनका गला बैठ गया। उन्होंने हमसे बस इतना कहा, "हमने के इंसाफ चाहे, वोन्हने मार देहेन हमरे बीटिया के।"

तीनों आरोपियों के घर आंचल के घर के ठीक सामने यही कुछ 10 कदम की दूरी पर हैं। जब हम वहां पहुंचे तो घर की तीन महिलाएं गेहूं साफ कर रही थीं। पूछने पर पता चला कि उनमें से एक आरोपी प्रिंस की मां और कुंदन की पत्नी हैं। जिनका नाम शीला है। प्रिंस और कुंदन पिता-पुत्र हैं।

आपके बेटे और पति ने ऐसा क्यों किया, इसके जवाब में वह कहती हैं, "आप ही बताइये कि हत्या करने के बाद कोई घर में आकर बैठता है? अगर उन लोगों ने मारा होता तो वे घर से भाग जाते ना। जब पुलिस आई तो वे सभी लोग घर में ही थे।"

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से भदोही की दूरी लगभग 250 किलोमीटर

शीला ने बताया कि उनके बेटे प्रिंस की उम्र तो मात्र 10 साल है, वह भला कैसे हत्या करेगा"?

बगल में ही घूंघट ओढ़े, गोदी में एक हाथ से बच्ची को पकड़े और दूसरे हाथ से खाट पर बैठे दूसरे बच्चे को खाना खिलाते हुई महिला ने इस पर टोकते हुए कहा, "प्रिंस 10 साल के नहीं 16 साल के हैं। वह इसी साल अच्छे नंबरों से 10वीं पास हुआ था। पढ़ने में तेज था।"

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हमने उनका नाम पूछा लेकिन उन्होंने बताया नहीं, बस बताया कि मैं भी इसी घर की हूं। इसके बाद हमने उनसे पूछा कि 28 सितंबर को विवाद किसलिए हुआ था, इस पर उन्होंने बताया, "आंचल के चाचा के साले बच्चन की वजह से हुआ था। वह मिर्जापुर से यहां काम सीखने आया था। हमारे घर की बेटी को देखते ही गाना बजाने लगता था। इसी बात को लेकर सभी ने उस दिन उसे रोका था तब उन लोगों ने झगड़ा कर लिया। उसकी नजर ठीक नहीं थी।"

"आखिरी बहन बेटी तो सबकी एक समान होती हैं ना।" वे आगे कहती हैं।

गांव के कुछ लोगों ने बताया कि बच्चन जो अभी तो यहां नहीं है, उससे बदला लेने के लिए आंचल को मारा गया है। दोनों लोग एक ही समुदाय के हैं लेकिन उनमें पटती नहीं थी।

भदोही के पुलिस अधीक्षक रामबदन सिंह ने शुक्रवार दो अक्टूबर को पोस्टमार्ट रिपोर्ट आने के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा, "पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार किशोरी की हत्या गला दबाने के बाद ईंट-पत्थर से सिर कुचलकर हुई है। आरोपी अपना गुनाह पहले कबूल चुके हैं। हत्या आपसी विवाद के कारण हुई है।"

यहीं हुई थी आंचल की हत्या। पुलिस ने एरिया को घेर दिया है।

आपसी विवाद क्या था, इसके जवाब में उन्होंने बताया, "मृतक के भाई का साला बच्चन यहीं रहकर गाड़ी बनाने का काम सीख रहा था। आरोपियों के घर की लड़की को देखकर वह गाना बजाता था। इसी बात को लेकर दोनों पक्षों में विवाद हुआ था। आरोपियों को लगता था कि बच्चन उनके घर की लड़की के साथ कुछ गलत करता है।"

लड़की को ही क्यों मारा, इसके जवाब में भदोही एसपी ने बताया, "आरोपियों ने आंचल को ही इसलिए मारा क्योंकि वे लोग अपने घर की बेटी के साथ हुए दुर्व्यवहार का बदला लेने चाहते थे। आरोपियों ने उस दिन अपने घर से देखा कि वह शौच के लिए जा रही है, वे उसके पीछे-पीछे गये और उसे वहां मार डाला।"

कुछ सवाल जिनके जवाब नहीं मिले

भले ही पुलिस ने मामले को 24 घंटे के अंदर सुलझा दिया हो, लेकिन कुछ सवाल ऐसे हैं जिनके जवाब अभी तक नहीं मिले हैं। आरोपी प्रिंस की मां शीला ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा, "पुलिस मेरे घर के लोगों को फंसा रही है। पुलिस तो किसी से भी मारकर कुछ भी कबूलवा सकती है। पुलिस आयी और मेरे घर से तीन लोगों को उठा ले गई। उनसे कुछ पूछा भी नहीं। उन लोगों ने इनका नाम बताया और पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।"

भदोही पुलिस अधीक्षक रामबदन सिंह ने मामले का खुलासा करते हुए पहले बताया कि आरोपियों ने उनसे कहा कि उस दिन उनके घर का जो भी मिलता, वे उसे मार देते। फिर कुछ देर बाद एसपी ने कहा कि अपने घर की बेटी का बदला लेने के लिए उन लोगों ने लड़की को मार डाला। भदोही पुलिस अधीक्षक के दोनों बयान अलग हैं।

पुलिस अधीक्षक ने बच्चन को मृतक के भाई का साला बताया, जबकि मृतक आंचल अभी 14 साल की ही थी और वह अपने तीन भाइयों, दो बहनों में सबसे बड़ी थी। ग्रामीणों ने बताया कि मृतक लड़की के पिता मुकेश हरिजन पांच भाई हैं। बच्चन उसके चाचा जुगेश का साला है जो अब यहां से चला गया है। इससे यह भी अंदाजा लगा सकते हैं कि मामले को खत्म करने में पुलिस ने कितनी जल्दबाजी की।

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गिरफ्तारी के बाद भदोही पुलिस ने पत्रकारों के वाट्सएप ग्रुप में बताया कि तीनों आरोपियों को रामघाट से गिरफ्तार किया जबकि ग्रामीण, आरोपियों के परिजन और पीड़ित पक्ष के लोग भी कह रहे हैं कि आरोपियों को उनके घर से गिरफ्तार किया था। जब पुलिस ने उन्हें घर से गिरफ्तार किया तो दूसरी जगह से गिरफ्तारी दिखाने का क्या मतलब है?

घटना जहांगीराबाद रोड के बगल खेत की है। घटना के बाद पुलिस वहां डॉग स्क्वॉड भी लेकर गयी थी। ग्रामीणों के अनुसार डॉग स्क्वॉड उस दिन घटनास्थल से पूरब की ओर भवानीपुर रोड की तरफ गया था जो कि आरोपियों के घर से दूसरी तरफ है। और क्या हत्या के बाद आरोपी घर में बैठकर पुलिस का इंतजार करेंगे? एक सवाल यह भी है।

  

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