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भदोही: जिला प्रशासन ने 6 निजी अस्पतालों को बनाया कोविड अस्पताल, उनमें से 5 में ऑक्सीजन ही नहीं

उत्तर प्रदेश के भदोही जिले में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए जिला प्रशासन ने 6 निजी अस्पतालों को कोविड अस्पताल बना तो दिया है लेकिन उनमें से 5 में ऑक्सीजन की सुविधा ही नहीं है।
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भदोही (उत्तर प्रदेश)। उत्तर प्रदेश के भदोही में जिला प्रशासन ने कोविड-19 के बढ़ते मामलों के देखते हुए 22 अप्रैल को एक आदेश जारी कर बताया कि जिले के इन छह निजी अस्पतालों में भी कोरोना वायरस संक्रमितों का इलाज होगा। यह भी बताया गया कि इन अस्पतालों में कितने आईसीयू और कितने ऑक्सीजन बेड हैं। लेकिन जब मरीज इन अस्पतालों में गए तो पता चला कि यहां तो ऑक्सीजन ही नहीं है। कई अस्पतालों में तो कोविड के अलग वार्ड भी नहीं बने हैं।

“माई को कई अस्पताल लेकर गया था सर। सबने कहा कि ऑक्सीजन नहीं है। हम अस्पतालों के चक्कर काटते रहे। उन निजी अस्पतालों ने भी एडमिट नहीं लिया जहां ऑक्सीजन बेड थे। हम माई को बचा नहीं पाए।” राहुल कुमार रुहांसे गले से कहते हैं।

राहुल (33) भदोही के ज्ञानपुर, तुलसीचक में रहते हैं। 25 अप्रैल की सुबह जब उनकी 60 वर्षीय माँ गंगा देवी की तबियत ख़राब हुई तो पहले उन्हें लेकर गांव के डॉक्टर के पास गए। वहां पता चला कि ऑक्सीजन लेवल 80 से कम हो गया है है। घर के लोग तुरंत गंगा देवी को लेकर कोविड अस्पताल जाते हैं लेकिन किसी अस्पताल में उन्हें ऑक्सीजन नहीं मिली, और अंततः उनकी सांसें थम गयीं। उन्हें कोरोना था की नहीं, इसकी पुष्टि नहीं हो पायी राहुल कहते हैं अगर उन्हें ऑक्सीजन मिल गई होती तो शायद उनकी जान बच जाती।

कोविड डेडिकेटेड अस्पतालों की लिस्ट

भदोही-प्रयागराज की सीमा पर बसे हंडिया के रमा कांत (बदला हुआ नाम) अपनी कोविड संक्रमित पत्नी को लेकर 26 अप्रैल को पहले जिला प्रशासन द्वारा बताये गए अस्पतालों में लेकर जाते हैं। लेकिन उन्हें कहीं भी ऑक्सीजन नहीं मिली।

वे गांव कनेक्शन को फोन पर बताते हैं, “मुझे वह लिस्ट व्हाट्सएप पर मिली थी। पहले तो कुछ पर फोन किया तो उन्होंने बताया कि हमारे यहां ऑक्सीजन नहीं है, जबकि उस विज्ञप्ति में लिखा था कि उनके यहां ऑक्सीजन बेड हैं। एक जगह गया भी तो वहां ऑक्सीजन नहीं मिली। फिर अंत में सरकारी अस्पताल महाराजा बलवंत सिंह गया। वहां भी घंटों इंतजार के बाद मरीज को किसी तरह ऑक्सीजन मिल पाई।”

ऑक्सीजन न होने की वजह से भदोही के सूर्या ट्रॉमा सेंटर में ताला लगा दिया गया है। 

भदोही जिला प्रशासन की विज्ञप्ति के अनुसार जिन छह निजी अस्पतालों सूर्या ट्रॉमा सेंटर, औराई, आनंद हॉस्पिटल, तहसील रोड, औराई, जीवन ज्योति हॉस्पिटल, इंद्रामील चौराहा, प्रतिमा हॉस्पिटल, इंद्रामील चौराहा, जिया हार्ट केयर- जमुनीपुर कॉलोनी, और जीवन धारा हॉस्पिटल-इंद्रामील चौराहा, को कोविड डेडिकेटेड अस्पताल बनाये गए हैं और यहां ICU और ऑक्सीजन बेड की भी सुविधा है। लेकिन जब इन अस्पतालों में बात की गयी तो पता चला कि इनमें से पांच में कोरोना से संक्रमित मरीजों के लिए ऑक्सीजन की कोई व्यवस्था ही नहीं की गयी है। जिस एक अस्पताल (सूर्या ट्रॉमा सेंटर) में ऑक्सीजन की व्यवस्था थी भी तो वहां पिछले 24 घंटे से ऑक्सीजन नहीं है। खाली सिलेंडर रिफलिंग के लिए चंदौली भेजे गए हैं।

अपनों की जान बचाने के लिए दर-दर की ठोकरे खा रहे, अधिकारियों से लेकर सोशल मीडिया तक में गुहार लगा रहे सवाल करते हैं, जब अस्पतालों में ऑक्सीजन ही नहीं है तो यह उन्हें कोविड डेडिकेटेड अस्पताल बनाकर ख़बरों की माध्यम से उनकी लिस्ट क्यों जारी की गयी?

भदोही विधासभा से भाजपा विधायक रविंद्र नाथ ने भी 25 अप्रैल को अस्पतालों की यह लिस्ट जारी की।

इस बारे में गांव कनेक्शन ने अस्पतालों से संपर्क करने के लिए दिए गए नंबरों पर बात की। आनंद हॉस्पिटल के डॉ डीके डीके सिंह से जब हमने पूछा कि क्या आपके अस्पताल में ऑक्सीजन बेड है? उन्होंने कहा नहीं।

इसके बाद गांव कनेक्शन उनसे पूछा कि विज्ञप्ति में तो कहा जा रहा है कि आपके यहां बेड है?

इस सवाल के जवाब में वे गांव कनेक्शन से कहते हैं, “ऐसा क्यों लिखा गया है, यह तो आपको जिला प्रशासन ही बताएगा। हमसे तो पूछा ही नहीं गया कि आपके अस्पताल में कोविड के मरीजों का इलाज होगा। मेरे यहां तो जनरल वार्ड है। अब इनके साथ कोविड के मरीजों को एडमिट तो कर नहीं सकते।” इसके बाद डॉ डीके सिंह ने कहा कि ज्यादा जानकारी आपको अस्पताल के मैनेजर देंगे।

गांव कनेक्शऩ जब आनंद हॉस्पिटल के मैनेजर संदीप शुक्ला से बात की तो उन्होंने कहा’ “हमारे यहां तो ऑक्सीजन है ही नहीं। इसके लिए हमने एप्लीकेशन भी दिया है।”

जीवन ज्योति अस्पताल के डॉ केपी जायसवाल भी बताते हैं कि अभी कोविड मरीजों के लिए मेरे यहां ऑक्सीजन की व्यवस्था नहीं है और अभी तो मेरे यहां कोविड मरीजों के लिए वार्ड बन रहा है। जो कल (28 अप्रैल) तक तैयार हो जायेगा। ऑक्सीजन की अभी कोई व्यवस्था नहीं है। हमने जिला प्रशासन से मांग की है।

स्थानीय अख़बारों में भी कोविड अस्पतालों की खबर छपी है।  

“व्यवस्था होने के बाद ही जानकारी शेयर करनी चाहिए थी। मेरे पास अब तक 500 फोन आ चुके हैं। लोग परेशान हैं लेकिन व्यवस्था न होने की वजह से हमें मना करना पड़ता है।” डॉ केपी आगे कहते हैं।

इसके बाद गांव कनेक्शऩ बाकि के चार अस्पतालों में भी सम्पर्क करने की कोशिश की, लेकिन जीवन धारा, प्रतिमा और जिया हार्ट केयर के नंबर बंद थे और सूर्या ट्रॉमा सेंटर से किसी ने फोन नहीं उठाया।

जिन छह निजी अस्पतालों को कोविड डेडिकेटेड अस्पताल बनाया गया है, उनमें से हर दो अस्पतालों पर एक नोडल अधिकारी को नियुक्त किया गया है।

सूर्या ट्रॉमा सेंटर और आनंद हॉस्पिटल के नोडल अधिकारी डॉ अशफाक अहमद से पूछा कि विज्ञप्ति के अनुसार आनंद हॉस्पिटल में ऑक्सीजन बेड हैं जबकि उनके यहां तो ऑक्सीजन है ही नहीं, इस पर वे कहते हैं, “उन्होंने ऑक्सीजन के लिए अप्लाई किया है लेकिन अभी व्यवस्था नहीं हो पायी है।”

जब व्यवस्था नहीं थी, तब ये जानकारी जिले के लोगों को क्यों दी गयी? लोग परेशान हो रहे हैं, इस सवाल के जवाब में डॉ अशफाक कहते हैं, “परेशान बस मरीज ही नहीं, हम भी हैं। दिन-रात लोगों के फोन आ रहे थे। लोगों को समझा रहे हैं। संभवतः अस्पतालों का अधिग्रहण करते समय प्रशासन से गलती हुयी है।”

आगे वे यह भी कहते हैं कि ऑक्सीजन न होने की वजह से लोगों को बहुत परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अब तो सरकारी अस्पतालों में भी ऑक्सीजन की दिक्क्त हो रही है।

जिया हार्ट केयर और जीवनधारा अस्पतालों के किये नियुक्त नोडल अधिकारी डॉ जेपी सिंह से जब हमने पूछा कि क्या इन अस्पतालों में कोविड मरीजों के लिए ऑक्सीजन की व्यवस्था है, तो वे कहते हैं, “अभी नहीं है। अस्पताल हमसे 20-20 ऑक्सीजन सिलेंडर मांग रहे हैं लेकिन हमारे पास है ही नहीं।” 

फिर अखबारों में खबर क्यों आयी कि यहां ऑक्सीजन की व्यवस्था है, इस सवाल के जवाब में वे कहते हैं कि हम तो बस आदेश का पालन कर रहे हैं। आप ऊपर के अधिकारीयों से इसके बारे में बात करिये। 

इस मामले पर गांव कनेक्शऩ ने जिला कलेक्टर आर्यका अखौरी से भी बात करने की कोशिश की, लेकिन फ़ोन पर हमें बताया गया कि वे मीटिंग में हैं।

वहीं भदोही की मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ लक्ष्मी सिंह ने बताया, “हमने तो अस्पतालों को कह दिया है कि वे लोग लअपने सिलेंडर भरवा लें।”

गांव कनेक्शऩ ने उनसे सवाल किया कि अस्पताल के लोग तो कह रहे हैं कि हमारे पास सिलेंडर हैं ही नहीं और हमने यह तो पहले ही बताया था। इस सवाल के जवाब डॉ लक्ष्मी सिंह ने कहा कि इसके लिए आप डीएम मैडम से बात कर लीजिये।

भदोही जिला प्रशासन के अनुसार जिले में अभी एमबीएस अस्पताल में 100 वेड का L2 अस्पताल है जिसमें कोविड मरीजों को भर्ती कराने की सुविधा है जिसमें 22 वेंटीलेटर कि सुविधा है और 30 एचडीयू वेड हैं। जिले में 26 अप्रैल को कोरोना के कुल 175 नए मरीज मिले। सरकारी आंकड़ों के अनुसार जिले में कोविड से अब तक कुल 51 मौतें हो चुकी हैं। 

प्रदेश में ऑक्सीजन की किल्लत को देखते हुए प्रदेश सरकार ने प्रदेश के 47 जिलों में ऑक्सीजन प्लांट लगाने की घोषणा की है लेकिन उनमें भदोही नहीं है। 

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