फर्जी बाबाओं की सूची बनाने वाले महंत मोहन दास लापता

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
फर्जी बाबाओं की सूची बनाने वाले महंत मोहन दास लापतामहंत मोहन दास लापता

भोपाल (आईएएनएस)। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के प्रवक्ता और उदासी अखाड़ा के महंत मोहन दास हरिद्वार से कल्याण (मुम्बई) की यात्रा के दौरान रास्ते में लापता हो गए हैं। उनके मोबाइल की अंतिम लोकेशन रविवार शाम को मेरठ में मिली है, मगर उनका कोई पता नहीं चल पाया है।

राजकीय रेलवे पुलिस अधीक्षक, भोपाल (एसपी, जीआरपी) अनीता मालवीय ने सोमवार को बताया कि महंत मोहन दास हरिद्वार-लोकमान्य तिलक टर्मिनल गाड़ी क्रमांक 12172 के ए-वन कोच में यात्रा कर रहे थे। वे निजामुद्दीन स्टेशन पर उतरे थे। उसके बाद उन्हें किसी भी यात्री व अटेंडेंट ने नहीं देखा।' रेलवे पुलिस के मुताबिक, गाड़ी नौ घंटे की देरी से चल रही थी और शनिवार रात साढ़े सात बजे भोपाल पहुंची। उनका एक सेवादार भोजन देने गाड़ी पर आया तो महंत नहीं मिले। उसने इस बात की सूचना अन्य लोगों को दी।

ये भी पढ़ें : भारत के इन धुरंधर क्रिकेटरों को कोचिंग दे चुका है रेप का आरोपी बाबा गुरमीत

मालवीय बताती हैं कि जब उन्हें सूचना मिली तब तक गाड़ी भुसावल स्टेशन तक पहुंच चुकी थी। भुसावल जीआरपी ने संबंधित कोच ए-वन की सीट 22 पर जाकर देखा तो वहां कुछ सामान रखा हुआ था। मालवीय ने बताया कि महंत के मोबाइल फोन की अंतिम लोकेशन रविवार देर शाम को मेरठ में मिली है, मगर उनका कोई पता नहीं चला है।

इंदौर के पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) हरिनारायण चारी मिश्रा ने सोमवार को बताया कि ऐसी अफवाह थी कि महंत मोहनदास इंदौर में हैं। इस आधार पर पुलिस ने उनके आश्रम सहित अन्य स्थानों पर पता किया, मगर उनका कोई सुराग नहीं लगा। खोज अभी भी जारी है।

ये भी पढ़ें : फर्जी करार दिए गए कई बाबा रखते थे सरकार बनाने और पलट देने का ‘माद्दा’

महंत मोहनदास जिस डिब्बे में यात्रा कर रहे थे, उसकी सवारियों ने भी भुसावल जीआरपी को बताया कि वे निजामुद्दीन स्टेशन के बाद कोच में नहीं आए। उनका सामान वहीं रखा रहा। महंत के लापता होने की बात तब सामने आई जब गाड़ी रविवार को कल्याण रेलवे स्टेशन पहुंची और उनकी अगवानी के लिए आए लोगों को महंत नहीं मिले, लेकिन उनका सामान जरूर मिला।

ये भी पढ़ें : संविधान और विधान से बड़े क्यों बाबा?

         

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.