Farmers Protest: सुप्रीम कोर्ट की गठित कमेटी से भूपिंदर सिंह मान ने नाम वापस लिया, कहा- किसान हितों से समझौता नहीं कर सकता
भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष भूपिंदर सिंह मान ने सुप्रीम कोर्ट की उस कमेटी से अपना नाम वापस ले लिया है जिसका गठन कृषि कानूनों के मसले को सुलझाने के लिए किया गया था।
गाँव कनेक्शन 14 Jan 2021 1:15 PM GMT
कृषि कानूनों पर जारी गतिरोधों को दूर करने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित चार सदस्यीय कमेटी में से किसान नेता भूपिंदर सिंह ने अपना नाम वापस ले लिया है। भारतीय किसान यूनियन ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर यह जानकारी दी।
मंगलवार 12 जनवरी को कृषि कानूनों के मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मसला सुलझाने के लिए चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया था। कमेटी में भूपिंदर सिंह मान (अध्यक्ष, भारतीय किसान यूनियन), डॉ. प्रमोद कुमार जोशी (अंतर्राष्ट्रीय खाद्य नीति अनुसंधान संस्थान), अशोक गुलाटी (कृषि अर्थशास्त्री) और अनिल धनवट (शिवकेरी संगठन, महाराष्ट्र) शामिल थे। कमेटी से दो महीने के अंदर जवाब सौंपने के लिए लिए बोला गया था।
कमेटी में शामिल सदस्यों पर शुरू से ही सवाल उठ रहे थे। आरोप लग रहे थे कि सभी सदस्य नये कृषि कानून के समर्थक हैं और इसके पक्ष में बयान देते रहे हैं। भूपिंदर सिंह मान भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष हैं और वे किसान कोऑर्डिनेशन कमेटी (केकेसी) के चेयरमैन भी हैं और प्रदर्शन कर रहे किसानों के संगठन में ये संगठन शामिल नहीं है।
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केकेसी के लेटरपैड पर 14 दिसंबर को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को एक खत लिखा गया था जिसके माध्यम से कृषि कानूनों का समर्थन किया गया था। कमेटी कठन के दो दिन बाद ही भूपिंदर सिंह मान ने कमेटी से खुद को अलग कर लिया है।
S. Bhupinder Singh Mann Ex MP and National President of BKU and Chairman of All India Kisan Coordination Committee has recused himself from the 4 member committee constituted by Hon'ble Supreme Court pic.twitter.com/pHZhKXcVdT
— Bhartiya Kisan Union (@BKU_KisanUnion) January 14, 2021
गुरुवार 14 जनवरी को भारतीय किसान यूनियन द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में भूपिंदर सिंह मान की तरफ से कहा गया, "केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों पर किसान यूनियनों के साथ बातचीत करने के लिए मुझे 4 सदस्यीय समिति में नामित करने को लेकर मैं माननीय सर्वोच्च न्यायालय का आभारी हूं( एक किसान और स्वयं एक यूनियन नेता के रूप में, किसान संघों और आम जनता के बीच भावनाओं और आशंकाओं को देखते हुए मैं पंजाब या किसानों के हितों से समझौता नहीं करने के लिए किसी भी पद को छोड़ने के लिए तैयार हूं( मैं खुद को समिति से हटा रहा हूं और मैं हमेशा अपने किसानों और पंजाब के साथ खड़ा रहूंगा।"
दिसंबर 2020 में मान ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को एक खत लिखकर कुछ मांगें सामने रखी थीं। उन्होंने लिखा था, 'हम उन कानूनों के पक्ष में सरकार का समर्थन करने के लिए आगे आए हैं। हम जानते हैं कि उत्तरी भारत के कुछ हिस्सों में एवं विशेषकर दिल्ली में जारी किसान आंदोलन में शामिल कुछ तत्व इन कृषि कानूनों के बारे में किसानों में गलतफहमियां पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं।'
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