बजट में मिडिल क्लास को बड़ा तोहफा, अब 5 लाख से ऊपर आय वालों को देना होगा आयकर

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बजट में मिडिल क्लास को बड़ा तोहफा, अब 5 लाख से ऊपर आय वालों को देना होगा आयकर

लखनऊ। अंतरिम बजट 2019 में कार्यवाहक वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने टैक्स दर की सीमा को बढ़ा कर मीडिल क्लास को बड़ा ईनाम दिया है। सरकार ने सरकार आयकर छूट की सीमा को 2.5 लाख रुपए से बढ़ाकर 5 लाख रुपए कर दिया है। आम चुनावों को देखते हुए यह केंद्र सरकार का दूसरा मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है। इससे पहले सरकार ने सवर्ण आरक्षण बिल को पेश कर एक बड़ा दांव खेला था।

आपको बता दें कि इससे पहले देश में आयकर छूट का दायरा 2.5 लाख रूपए था। बजट से पहले ही उम्मीद की जा रही थी कि सरकार आयकर के दायरे में कमी करेगी। इससे पहले इस सरकार ने 2014 में भी आयकर के दायरे में कमी की थी। तब आयकर के दायरे को बढ़ाकर 2 लाख से 2.5 लाख किया गया था। 2.5 लाख से 5 लाख रुपए की आय वालों 5 प्रतिशत की दर से इनकम टैक्स लगता था। वहीं 5 लाख से 10 लाख रुपए की वार्षिक आय वालों पर 20 प्रतिशत और 10 लाख रुपए से अधिक आय वालों पर 30 प्रतिशत का कर लगता था।

हालांकि 5 लाख से अधिक आय के लोगों के लिए सरकार ने टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया है। जिनकी आमदनी 5 लाख रुपए से अधिक है, उन्हें पुराने टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स देना पड़ेगा। कार्यवाहक वित्त मंत्री पीयूष गोयल का कहना है कि पूर्ण बजट में इस पर फैसला किया जाएगा। गोयल ने कहा कि कि इस टैक्स छूट का लाभ 3 करोड़ मध्यमवर्गीय करदाताओं को होगा। नए दरों के मुताबिक 5 लाख रुपए तक की कमाई वालों को अब प्रतिवर्ष अधिकतम 13,000 रूपए की बचत होगी।

इसके अलावा अगर आपने 1.5 लाख रुपए की आय को प्रॉविडेंट फंड या एलआईसी में इन्वेस्ट किया है तो आप अपनी 6.5 लाख तक की कमाई को टैक्स फ्री कर सकते हैं। इसके अलावा एजुकेशनल लोन, होम लोन औक मेडिकल बीमा करने वालों को भी टैक्स में छूट मिलेगी।

    

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