चारे से लेकर टूजी तक जानिए वो घोटाले, जिनसे देश में हड़कंप मच गया

Kushal MishraKushal Mishra   7 Jan 2018 11:59 AM GMT

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चारे से लेकर टूजी तक जानिए वो घोटाले, जिनसे देश में हड़कंप मच गयाफोटो साभार: इंटरनेट

बिहार में चारा घोटाले में पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रमुख लालू प्रसाद यादव को सीबीआई कोर्ट ने शनिवार को साढ़े तीन साल की सजा सुनाई है, साथ ही 10 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। इससे पहले भी इसी घोटाले के एक और मामले में लालू यादव को सजा सुनाई गई थी। इससे पहले भी देश में बड़े-बड़े घोटाले सामने आए हैं, जिसमें नेताओं समेत कई अफसर पर भी आरोप सामने आए हैं, मगर नेताओं को कई बार सजा नहीं मिली या तो वे फिर न्यायालय से बरी हो गए। जानिए देश कैसे-कैसे बड़े-बड़े घाटालों में घिरा रहा, किसको मिली सजा, कौन हुआ रिहा…

अगस्ता वीवीआईपी हेलिकॉप्टर घोटाला

साल 2013: भारतीय वायुसेना की ओर से इटली की अगस्ता वेस्टलैंड कंपनी से 12 वीवीआईपी हेलिकॉप्टर्स की खरीद के सौदे में कई भारतीय नेताओं और अधिकारियों को मोटी रिश्वत देने का आरोप।

सौदा: 3600 करोड़ रुपए

घोटाले की रकम: 360 करोड़

आरोपी: पूर्व वायुसेना प्रमुख शशींद्र पाल त्यागी, तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल, एयर मार्शल जेएस गुजरात समेत 13 आरोपित।

स्थिति: हेलिकॉप्टर खरीद सौदा रद्द, 2016 में सीबीआई ने पूर्व वायुसेना प्रमुख एसपी त्यागी को गिरफ्तार किया, बाद में जमानत मिली। मामला कोर्ट में लंबित।

शारदा चिटफंड घोटाला

साल 2013: पश्चिम बंगाल की चिटफंड कंपनी शारदा ग्रुप ने लोगों को लुभावने ऑफर दिए और उनसे पैसे लेकर निश्चित समय में दोगुना करने समेत कई ऑफर दिए और करीब 10 लाख लोगों से रुपए लिए। रकम लौटाने के समय 20,000 करोड़ लेकर दफ्तरों पर लगा दिया ताला।

घोटाले की रकम: 2460 करोड़ रुपए

आरोपी: समूह के चेयरमैन सुदीप्त सेन, कार्यकारी निदेशक देबजन मुखर्जी, पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस से पूर्व मंत्री मदन मित्रा।

स्थिति: सुदीप्त सेना को फरवरी 2014 में इस घोटाले से जुड़े एक मामले में 3 साल की सजा सुनाई गई, इस घोटाले में सैकड़ों केस लंबित

व्यापमं घोटाला

साल 2009: व्यायसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) मध्य प्रदेश से जुड़ा एक बड़ा घोटाला है, जिसमें प्रवेश परीक्षाओं और सरकारी नौकरियों में दाखिले और भर्तियां आयोजित की जाती रहीं। इन प्रवेश परीक्षाओं और नौकरियों में अपात्र परीक्षार्थियों और उम्मीदवारों को बिचौलियों, उच्च अधिकारियों और नेताओं की मिलीभगत से रिश्वत लेकर प्रवेश देने का मामला है। इसमें बड़े स्तर पर अयोग्य पात्रों की भर्तियां की गईं। पुलिस ने साल 2015 तक 2000 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया और अब तक कई फरार हैं।

घोटाले की रकम: घोटाले की रकम का आंकलन अब तक नहीं किया जा सका।

आरोपी: मध्य प्रदेश के पूर्व शिक्षा मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा, 100 से अधिक अन्य नेता, जगदीश सागन व शिक्षा बोर्ड के अधिकारी।

स्थिति: सीबीआई ने इस घोटाले में 499 के खिलाफ चार्जशीट दायर की, सैकड़ों एमबीबीएस के छात्रों का चयन कैंसिल किया। इसके अलावा 24 आरोपियों की अप्राकृतिक मौत सामने आई, मामला लंबित।

कोयला आवंटन घोटाला

साल 2004: कैग ने भारत सरकार पर आरोप लगाया कि साल 2004 से 2009 के बीच देश में कोयला भंडार को मनमानी तरीके से निजी और सरकारी को आवंटित किए गए। संसद में पेश हुए कैग रिपोर्ट में साल 2004 से 142 कोयला ब्लॉक आवंटन में करीब 1.86 लाख करोड़ रुपए नुकसान का अनुमान लगाया। इस मामले में पहली बार ऐसा हुआ कि देश के प्रधानमंत्री के ऊपर अंगुली उठाई गई।

घोटाले की रकम: 1.86 लाख करोड़

आरोपी: घोटाले में झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा, पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता, स्टील उदयोग से जुड़े अधिकारी समेत पांच अन्य पर आरोप।

स्थिति: घोटाले में झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा समेत पूर्व कोयला सचिव एससी गुप्ता को दिसंबर 2017 में तीन साल की सजा सुनाई गई। इसके अलावा मधु कोड़ा पर 25 लाख का जुर्माना भी लगाया गया, दोनों को जमानत मिली। घोटाले के कई मामले अभी भी लंबित।

2जी घोटाला

साल 2010: 2जी घोटाला भारत के सबसे बड़े घोटालों में शामिल रहा है। साल 2010 में महालेखाकार और नियंत्रक (कैग) ने साल 2008 में हुए स्पेक्ट्रम आवंटन पर सवाल उठाए। कैग ने रिपोर्ट में बताया कि स्पेक्ट्रम आवंटन कंपनियों को निलामी की बजाए ‘पहले आओ, पहले पाओ’ के आधार पर दिए गए।

घोटाले की रकम: करीब 1.76 लाख करोड़ रुपए

आरोपी: पूर्व दूरसंचार मंत्री ए. राजा, डीएमके प्रमुख करुणानिधि की पुत्री एमके कनिमोझी समेत 14 लोग व तीन कंपनियां।

स्थिति: अदालत ने पर्याप्त सुबूत न मिलने पर सभी को बरी किया।

हर्षद मेहता घोटाला

साल 1992 में बहुचर्चित हर्षद मेहता शेयर घोटाले में स्टॉक ब्रोकर हर्षद मेहता ने बैंकिंग के नियमों का फायदा उठाकर बैंकों को बिना बताए उनके करोड़ों रुपयों को शेयर मार्केट में लगा दिया था।

घोटाले की रकम: करीब 6000 करोड़

आरोपी: हर्षद मेहता, भाई सुधीर मेहता

स्थिति: हर्षद मेहता को 1999 में एक मामले में दोषी माना गया, मगर 2001 में पुलिस कस्टडी के दौरान हर्षद मेहता की मौत हो गई। साल 2016 में सुधीर मेहता को मुंबई की एक अदालत ने 700 करोड़ रुपए के घोटाले का दोषी करार दिया, अभी कई लंबित।

यह भी पढ़ें: चारा घोटाला : लालू को साढ़े तीन साल का कारावास, जगदीश शर्मा को सात साल की जेल

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