अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), दिल्ली में मंगलवार, 20 जुलाई को बर्ड फ्लू से 11 साल के बच्चे की मौत हो गई, बर्ड फ्लू से मौत का यह पहला मामला है। संपर्क में आए अस्पताल के सभी कर्मचारी आइसोलेट हो गए हैं।
Big breaking : India reports first death of H5N1 avian influenza patient this year.
11 year old boy dies in AIIMS Delhi. All staff in contact are under isolation.
— Hemant Rajaura (@hemantrajora_) July 20, 2021
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बच्च को बीते दो जुलाई को एम्स के डी-5 वार्ड में भर्ती किया गया था। यहां हालत बिगड़ने पर उसे पहले आईसीयू और फिर वेंटिलेटर पर रखा गया, लेकिन बीते सोमवार को उसकी मौत हो गई। जांच रिपोर्ट मंगलवार दोपहर को आई तो एम्स में हड़कंप मच गया।
साल के शुरूआत में जनवरी महीने में देश के हरियाणा, महाराष्ट्र, केरल, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, उत्तर प्रदेश और पंजाब जैसे नौ राज्यों के पोल्ट्री फार्म पर बर्ड फ़्लू की पुष्टि हुई थी, जिसके बाद संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए मुर्गियों को मारा गया था।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार H5N1 एक प्रकार का इन्फ्लूएंजा वायरस है जो एवियन इन्फ्लूएंजा (बर्ड फ्लू) नामक पक्षियों में एक अत्यधिक संक्रामक, गंभीर श्वसन रोग का कारण बनता है। H5N1 एवियन इन्फ्लूएंजा से इंसानों में संक्रमण के मामले कभी-कभी होते हैं, लेकिन एक इंसान से दूसरे इंसान में संक्रमण मुश्किल होता है। अगर कोई इंसान एवियन इन्फ्लूएंजा सें संक्रमित हो गया तो मृत्यु दर लगभग 60% होती है।
भारत में इससे पहले भी पोल्ट्री में फैल चुका है बर्ड फ्लू
साल 2021 पहली बार नहीं है जब बर्ड फ्लू से भारत में पोल्ट्री व्यवसाय से जुड़े लोगों को नुकसान उठाना पड़ा था। वर्ल्ड आर्गेनाइज़ेशन फॉर एनिमल हेल्थ (World Organisation for Animal Health) के अनुसार, साल 2006 में मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात और 2007 में मणिपुर काफी नुकसान हुआ था। साल 2014 में केरल अलप्पुझा के चेनिथला और थलावडी गाँव में बर्ड फ्लू से 17,554 बतखों की मौत हो गई थी और संक्रमण से बचाने के लिए 349346 बतखों को मार दिया गया था। साथ ही कोट्टायम जिले के परिप्पु ऐइमननम और विलक्कुमारम गाँव में 1000 बतखों की मौत बर्ड फ्लू से हो गई थी और संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए 20058 बतखों को मार दिया गया था। साल 2016 में कर्नाटक के बिदार जिले में हुम्नाबाद गाँव के एक पोल्ट्री फार्म पर 121346 मुर्गियों को मार दिया गया था। साल 2016 में ही कर्नाटक, उड़ीसा, पंजाब और केरल में 2017 में भी कर्नाटक, केरल, उड़ीसा और पंजाब में बर्ड फ्लू देखा गया था।
साल 2020 में कोविड के साथ ही बर्ड फ्लू की वजह से भी पोल्ट्री किसानों को नुकसान हुआ था। 2020 में छत्तीसगढ़, उड़ीसा, केरल और कर्नाटक में बर्ड फ्लू देखा गया था।