हम किसी के साथ सरकार नहीं बनाएंगे: महबूबा

बीजेपी ने आज गठबंधन सरकार से समर्थन वापस ले लिया है। बीजेपी नेता राम माधव और दूसरे नेताओं ने प्रेस कांफ्रेंस में इसका ऐलान किया।

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हम किसी के साथ सरकार नहीं बनाएंगे: महबूबा

नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर में बीजेपी और पीडीडी के बीच गठबंधन टूट चुका है। पहले बीजेपी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की अब पीडीपी पार्टी की समान संभालने वाली महबूबा मुफ्ती प्रेस कॉन्फ्रेंस की है। जहां उन्होंने बीजेपी के लगाए हुए आरोपों पर सफाई दी।


जम्मू कश्मीर में महबूबा सरकार गिर गई है। भारतीय जनता पार्टी और पीडीपी गठबंधन टूट गया है। बीजेपी ने आज गठबंधन सरकार से समर्थन वापस ले लिया है। बीजेपी नेता राम माधव और दूसरे नेताओं ने प्रेस कांफ्रेंस में इसका ऐलान किया। राम माधव ने कहा कि जिन उद्देश्यों को लेकर गठबंधन सरकार बनाई गई थी, वो पूरे नहीं हुए। हमने शांति के लिए गठबंधन किया था। घाटी में हालात बेहद खराब हैं। आज कश्मीर में कट्टरता बहुत बढ़ गई है। पत्रकार शुजात बुखारी की दिन दहाड़े श्रीनगर में हत्या कर दी गई। फ्रीडम ऑफ स्पीच भी निशाने पर है। यहां प्रेस की आजादी भी खतरे में है। केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर को पूरी आर्थिक मदद दी। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने आज जम्मू-कश्मीर सरकार में शामिल पार्टी के सभी मंत्रियों और कुछ शीर्ष नेताओं की दिल्ली में बैठक बुलाई थी।





पांच बजे महबूबा मुफ्ती करेंगी प्रेस कॉन्फ्रेंस, 4 बजे उन्होंने पीडीपी की बैठक बुलाई है. इस बैठक के बाद ही वो मीडिया को संबोधित करके अपना पक्ष रखेंगी।


पीडीपी से गठबंधन नहीं: कांग्रेस

कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि जो भी हुआ अच्छा हुआ। जम्मी-कश्मीर के लोगों को अब कुछ राहत मिलेगी। उन्होंने (बीजेपी) कश्मीर को बर्बाद कर दिया और अब उन्होंने गठबंधन तोड़ दिया। बहुत सारे नागरिक और सैनिक इन 3 सालों में मारे गए। उन्होंने पीडीपी के साथ गठबंधन की किसी भी संभावना से इनकार किया है।

राष्‍ट्रवाद से समझौता नहीं: मोदी सरकार

2019 आम चुनाव से कुछ महीने पहले बीजेपी का जम्‍मू-कश्‍मीर में गठबंधन से अलग जाना कई संकेत देता है। अभी तक हम ऐसी खबरें सुन रहे थे जिनमें एनडीए के सहयोगी बीजेपी का साथ छोड़ रहे थे, लेकिन यह पहला मौक है, जब बीजेपी ने अपने सहयोगी से रिश्‍ता तोड़ लिया है। लगातार सहयोगी के साथ छोड़ने से परेशान बीजेपी अध्‍यक्ष अमित शाह ने आखिर क्‍यों लिया इतना बड़ा फैसला? इसका जवाब है- राष्‍ट्रवाद। यही वह मुद्दा है जो बीजेपी के नेतृत्‍व वाली मोदी सरकार के लिए सबसे अहम है। बीजेपी का संदेश स्‍पष्‍ट है राष्‍ट्रवाद से समझौता नहीं करेंगे। महबूबा मुफ्ती सरकार से बीजेपी के अलग होने के बाद यह अब तय है कि घाटी में चल रहा ऑपरेशन ऑल आउट अब और तेज होगा। ऐसे में यह तय है कि कश्‍मीर का मुद्दा पूरी तरह फोकस में आने वाला है। समर्थन वापसी के ऐलान से पहले बीजेपी अध्‍यक्ष अमित शाह ने एनएसए अजित डोवाल के साथ एक अहम बैठक की थी। इस बैठक में कश्‍मीर के बारे में विस्‍तार से चर्चा की थी। डोवाल के साथ बैठक के बाद अमित शाह ने पीएम नरेंद्र मोदी के साथ चर्चा की। इसके बाद केंद्र और राज्‍य सरकार के मंत्रियों से भी चर्चा की गई। इतनी कवायद करने के बाद बीजेपी ने समर्थन वापसी का ऐलान किया था।

   

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