लॉकडाउन के बीच बिहार में तीन महिलाओं के साथ जो हुआ, वह कोरोना से खतरनाक बीमारी है
Mithilesh Dhar 5 May 2020 7:00 PM GMT
बिहार की राजधानी पटना से महज 75 किलोमीटर दूर जिला मुजफ्फरपुर में महिलाओं के साथ जो हुआ वह इंसानियत को शर्मसार कर देने वाला है। तीन महिलाओं को डायन बताकर कथित रूप से उन्हें मल, मूत्र पिलाया। सिर मुंडवाकर गांव घुमाया। यह सब तब हुआ जब पूरा देश कोरोना जैसी महामारी से जंग लड़ रहा है, पूरे देश में लॉकडाउन है।
स्थानीय समाचार पोर्टल प्रभात खबर के अनुसार घटना सोमवार की है। तीनों महिलाएं मीनापुर थाना क्षेत्र की हैं। हथौड़ी थाना क्षेत्र के डकरामा गांव में कुछ दिन पहले एक-दो बच्चों की मौत हो गई थी। इन महिलाओं पर आरोप लगा कि बच्चों की मौत इनकी झाड़-फूंक की वजह से हुई। बच्चों की मौत का आरोप लगाकर गांव में पंचायत बुलाई गई।
Bihar: After a viral video emerges showing 3 women being beaten up & being paraded half-naked in Dakrama village in Muzaffarpur, SDO, East Muzaffarpur Kundan Kumar says, "This is a crime. The police after a thorough investigation will take an action against the accused". pic.twitter.com/RLBP602iIH
— ANI (@ANI) May 5, 2020
पंचायत में उपस्थित ग्रामीणों ने तीनों महिलाओं पर डायन होने का आरोप लगाते हुए पहले उनके सिर के बाल काटे और गंदी चीज खिलाई फिर पूरे गांव में घुमाया। बाद में जब इसका वीडियो वायरल हुआ तब पुलिस हरकत में आई।
इस घटना के बारे में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (पूर्वी) अमितेश कुमार ने बताया, "घटना के दकरामा गांव की है। पुलिस इस पर कार्रवाई कर रही है। अभी तक कुल 10 लोगों को प्राथमिकी दर्ज की गई जिसमें से नौ लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। फरार आरोपी को हम पकड़ने की कोशिश कर रहे हैं। सबसे बड़ी बात तो यह है कि इस मामले में किसी ने कोई शिकायत ही नहीं की, न तो पीड़िता ने और न ही ग्रामीणों ने। हमें तो मीडिया से खबर मिली।"
वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद हुई कार्रवाई
बिहार के मुजफ्फरपुर के हथौड़ी में 3 महिलाओं और एक बुजुर्ग को डायन बताकर पहले पेशाब पिलाया, उनके बाल मुंडे और फिर गांव में घुमाया गया।
— Utkarsh Singh (@UtkarshSingh_) May 5, 2020
सरकार-प्रशासन से तो सवाल पूछे जायेंगे लेकिन सवाल लोगों से भी है कि आखिर ये कैसी मानसिकता है। इस घटनाक्रम में छोटे-छोटे बच्चे भी नज़र आ रहे हैं। pic.twitter.com/vpY2C488GD
वहीं हथौड़ी थान क्षेत्र के थाना प्रभारी जितेंद्र देव दीपक ने गांव कनेक्शन को फोन पर बताया, "जो वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है हम उसी की जांच कर रहे हैं। उसी के आधार पर अभी तक नौ लोगों को गिरफ्तार किया है। पीड़ित महिलाओ को धमकी दी गई है जिस कारण वे अभी कुछ बता रही हैं। हमारी जांच चल रही है।"
इस मामले पर एडीजी पटना जितेंद्र कुमार ने पत्रकारों से बात की। उन्होंने कहा, "मुजफ्फरपुर में महिलाओं के साथ हुए अमानवीय व्यवहार के मामले को पुलिस ने तुरंत संज्ञान में लिया है। 15 से अधिक व्यक्तियों के खिलाफ नामज़द कांड दर्ज़ करके, 9 व्यक्तियों की अभी तक गिरफ्तारी की जा चुकी है। ये 9 वे लोग थे जो इस कांड को करने में सक्रिय रूप से शामिल थे।"
डायन बताकर महिलाओं पर अत्याचार नया नहीं
देश में ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है जब डायन बताकर महिलाओं पर अत्याचार हुआ हो। डायन बताकर सबसे ज्यादा हत्याएं झारखंड में होती हैं। इसी साल जनवरी (2020) में आई राष्ट्रीय अपराध ब्यूरो की रिपोर्ट (NCRB) के अनुसार वर्ष 2018 में झारखंड में डायन बताकर कुल 18 महिलाओं की हत्या कर दी गई थी।
वर्ष 2018 में ऐसी कुल 63 हत्याएं हुई थीं। इसके बाद मध्य प्रदेश में 10 हत्याओं के साथ मध्य प्रदेश दूसरे नंबर पर था। आंध्र प्रदेश में नौ, छत्तीसगढ़ में आठ और ओडिशा में पांच महिलाओं की हत्या डायन बताकर कर दी गई।
झारखंड 2001 से 2014 के बीच भी सबसे आगे था तब प्रदेश में कुल 464 महिलाओं की हत्या डायन बताकर कर दी गई थी। ओडिशा 415 हत्याओं के साथ दूसरे स्थान पर थ। वहीं 383 हत्याओं के साथ आंध्र प्रदेश तीसरे स्थान पर था।
संयुक्त राष्ट्र संघ की रिपोर्ट के अनुसार भारत में 1987 से लेकर 2003 तक कुल 2,556 महिलाओं की हत्या डायन के शक पर की जा चुकी है। इसमें यह भी बताया गया है कि कम से कम 100 से लेकर 240 महिलाएं डायन बताकर मार दी जाती हैं।
महिला अधिकार और मानव अधिकार किताब की लेखिका ममता महरोत्रा अपनी किताब में लिखती हैं, "यह डायन प्रथा हिंसा के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार का सीधा-सीधा हनन है जिसमें बराबरी के अधिकार, भेदभाव से बचाव, जीवन जीने के अधिकार, क्रूरता और अमानवीय व्यवहार, सुरक्षा के अधिकार, अच्छे घर में रहने के अधिकार से उस महिला को वंचित कर दिया जाता है जिसे डायन मान लियाा जाता है। और बिहार देश का ऐसा राज्य है जहां प्रिवेंशन ऑफ विचक्राफ्ट प्रैक्टिस ऐक्ट, 1999 बना था।"
"डायन प्रथा अधिनियम, 1999 में यह प्रावधान किया गया है कि यदि कोई व्यक्ति किसी महिला को डायन के रूप पहचानकर उसे शारीरिक या मानसिक यातना देता है उसे कम से कम छह महीने की सजा हो सकती है।" किताब में वे आगे लिखती हैं।
झारखंड में वर्ष 2001 में और राजस्थान में वर्ष 2015 में डायन प्रथा अधिनियम कानून बनाया गया है।
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