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युवाओं और मध्यम वर्गीय परिवारों को ताकत देने वाला है केंद्रीय बजट

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने साल 2024-25 का बजट पेश करते हुए कहा कि सरकार महिलाओं द्वारा खरीदी जाने वाली संपत्तियों के लिए शुल्क कम करने वाले राज्यों को प्रोत्साहित करेगी।

किसी भी देश की सरकार द्वारा प्रस्तुत एक वित्तीय योजना, जिसे हम केन्द्रीय बजट के नाम से जानते हैं। इसमें अगले वित्तीय वर्ष के लिए अनुमानित आय और व्यय का विवरण होता है। इस केन्द्रीय बजट में सरकार के विभिन्न खर्चों और आय के स्रोतों का लेखा जोखा शामिल होता है। केन्द्रीय बजट का देश की अर्थव्यवस्था और नागरिकों पर व्यापक प्रभाव पड़ता है।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को संसद में मोदी सरकार 3.0 का बजट पेश कर चुकी हैं। सरकार ने वेतन भोगियों, पेंशन भोगियों, किसान, महिलाओं, युवा, छात्रों समेत कई वर्गों के लिए बड़े ऐलान किए। अगर आसान भाषा में कहें तो मध्यम वर्गीय परिवार और छात्रों के फायदे का बजट है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मौजूदा फाइनेंशियल ईयर 2024-25 का पूर्ण बजट पेश किया है। इस दौरान उन्होंने पीएम पैकेज के तहत रोजगार से जुड़ी स्किल स्कीम की घोषणा की। उन्होंने कहा कि यह योजना ईपीएफओ में नामांकन पर आधारित होंगी। इसमें पहली बार काम करने वालों को सभी औपचारिक क्षेत्रों में काम शुरू करने पर एक महीने का वेतन मिलेगा। एक महीने का वेतन डीबीटी के जरिये तीन किस्तों में 15,000 रुपये तक दिया जाएगा। इस लाभ के लिए पात्रता सीमा , एक लाख रुपये प्रति माह वेतन होगी और इससे लाखों युवाओं को लाभ होने की उम्मीद है।

शिक्षा और रोजगार पर जोर

केंद्रीय वित्त मंत्री ने शिक्षा के लिए 1.48 लाख करोड़ रुपए का बजट पेश किया, जो पिछले बजट की तुलना 32 प्रतिशत ज्यादा है। सीतारमण ने अपने बजट भाषण में नौकरियों और कौशल प्रशक्षिण से संबंधित 5 योजनाओं का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि सरकार पहली बार रोजगार के तहत एक लाख रुपये से कम वेतन होने पर कर्मंचारी भवष्यि निधि संगठन (ईपीएफओ) में पहली बार पंजीकरण करने वाले लोगों को 15 हजार रुपए की मदद देगी, जो तीन किस्त में मिलेगी। ये किस्त सीधे बैंक में स्थानांतरण (डीबीआई) के जरिए सीधे बैंक खातों में भेजी जाएगी। इस योजना से 210 लाख युवाओं को मदद दी जाएगी।

उत्पादन क्षेत्र में रोजगार सृजन को पहली बार कर्मचारियों के रोजगार से जुड़ी योजना के माध्यम से प्रोत्साहित किया जाएगा। यह योजना रोजगार के पहले चार वर्षों के दौरान कर्मचारियों और नियोक्ताओं को ईपीएफओ योगदान के संबंध में प्रोत्साहन प्रदान करेगी। इससे प्रत्यक्ष तौर पर 30 लाख युवाओं को लाभ होगा और यह सभी क्षेत्रों में अतिरिक्त रोजगार को कवर करेगा। इसके अलावा सरकार प्रत्येक अतिरिक्त कर्मचारी के लिए दो साल तक प्रति माह 3,000 रुपये तक के ईपीएफओ योगदान की प्रतिपूर्ति नियोक्ताओं को करेगी।

इस पहल का उद्देश्य 50 लाख लोगों के अतिरिक्त रोजगार को प्रोत्साहित करना है। वित्त वर्ष 2024-25 के आम बजट में शिक्षा, रोजगार और कौशल विकास के लिए कई घोषणाएं की गई हैं। इस मद में बजट में 1.48 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। सीतारमण ने कहा कि सरकार हर साल एक लाख छात्रों को सीधे ई-वाउचर प्रदान करेगी, जिसमें ऋण राशि का 3 प्रतिशत ब्याज अनुदान भी शामिल होगा।

सरकार ने इनकम टैक्स के न्यू रिजीम में भी रेट में मामूली बदलाव किए हैं। खास बात है कि यह उनकी तरफ से पेश किया जाने वाला 7वां बजट था। इससे पहले चुनावी साल होने के चलते 1 फरवरी 2024 को पेश हुए अंतरिम बजट में खास नीतिगत बदलाव नहीं देखे गए थे। साथ ही मध्यमवर्गीय के लिए खास धोषणाएँ सरकार के अंतरिम बजट में शामिल नहीं थीं। हालाँकि, अब संभावनाएं जताई जा रही हैं कि पूर्ण बजट में सरकार टैक्स पेयर्स और महिलाओं के लिए बड़े ऐलान कर सकती है। खास बात है कि पिछली दो सरकारों से परे इस बार नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस में जनता दल यूनाइटेड और तेलुगू देशम पार्टी की भी भागीदारी है, क्योंकि भारतीय जनता पार्टी हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनाव में पूर्ण बहुमत हासिल करने में असफल रही थी।

सस्ता होगा मोबाइल फोन

बजट ऐलान के बाद बाहर से आयातित किया गया मोबाइल फोन, चार्जर /एडाप्टर की कीमतों में गिरावट देखने को मिली है। कुछ कैंसर की दवाओं के दाम भी घटने की उम्मीद है। विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने के लिए बजट में इस बार बड़ा ऐलान किया गया है। सरकार ने विदेशी कंपनियों पर लगने वाले कॉरपोरेट टैक्स रेट्स को घटाकर 35 प्रतिशत कर दिया है।

बजट में बताया गया है कि वित्त वर्ष 2024-25 के बजट में विदेशी कंपनियों की इनकम पर लगने वाला टैक्स 40 प्रतिशत से घटाकर 35 प्रतिशत किया गया है। इकनॉमिक सर्वे में कहा गया था कि अमेरिका और यूरोप के कई देश चीन से अपना मैन्युफैक्चरिंग यूनिट हटाने पर विचार कर रहे हैं। ऐसे में भारत उनके लिए एक बेहतर विकल्प हो सकता है। बजट ऐलान को एक्सपर्ट इसी से जोड़कर देख रहे हैं।

गोल्ड खरीदने वालों को राहत

सरकार ने बजट के जरिए गोल्ड की खरीदारी करने वाले लोगों को बड़ी राहत दी है। बजट में बेसिक कस्टम ड्यूटी 10 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है। वहीं, एग्री सेस को 5 प्रतिशत से घटाकर 1 प्रतिशत कर दिया है। सरकार ने एक और बड़ा चेंज किया है। अब गोल्ड इंवेस्टर्स के लिए लॉन्ग टर्म की समय सीमा 36 महीने की जगह 24 महीने होगी। वहीं, लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स को 20 प्रतिशत से घटाकर 12.5 प्रतिशत कर दिया गया है। पहले गोल्ड निवेशकों के लिए लॉन्ग टर्म की समय सीमा 36 महीने की होती थी। लेकिन अब इसे घटाकर 24 महीने कर दिया गया है। अच्छी बात यह है कि लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स अब 20 प्रतिशत की जगह 12.5 प्रतिशत लगेगा। इन फैसलों का असर आज सोने, चांदी के कीमतों पर देखने को मिला है। गोल्ड और सिल्वर का भाव कल के मुकाबले घटा है।

वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार महिलाओं के आवासीय संपत्तियों की खरीद पर शुल्क कम करने और इसे शहरी विकास योजनाओं का एक अनिवार्य घटक बनाने पर विचार करेगी। सीतारमण ने वित्त वर्ष 2024-25 का बजट पेश करते हुए कहा कि सरकार महिलाओं द्वारा खरीदी जाने वाली संपत्तियों के लिए शुल्क कम करने वाले राज्यों को प्रोत्साहित करेगी।

कितना लगेगा टैक्स?

इसके साथ ही न्यू टैक्स रिजीम की रेट में भी बदलाव किया गया है जिसमें 0-3 लाख रुपये तक कोई टैक्स नहीं, 3-7 लाख रुपये- 5 फीसदी, 7-10 लाख रुपये- 10 फीसदी, 10-12 लाख रुपये – 15 फीसदी, 12-15 लाख रुपये- 20 फीसदी, 15 लाख रुपये से ज्यादा- 30 फीसदी का प्रावधान रखा गया है। नई टैक्स रिजीम में वेतन भोगी इनकम टैक्स में 17 हजार 500 रुपये बचा सकते हैं। वित्त मंत्री का कहना है कि नई कर व्यवस्था से सरकार को सात हजार करोड़ का राजस्व नुकसान होगा और इससे चार करोड़ वेतनभोगियों को लाभ होगा।

(डॉ अमित वर्मा, मनिपाल विश्वविद्यालय, जयपुर में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं)

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