'2022 तक गंगा में गंदे नालों का गिरना पूरी तरह से हो जाएगा बंद'
सरकार 2022 तक गंगा नदी में गंदे नालों के पानी को गिरने से पूरी तरह रोक देगी। सरकार इस क्षेत्र में एक मिशन की तरह काम कर रही है। यह जानकारी नई दिल्ली में जल समाधान के नए तरीकों पर आयोजित एक राष्ट्रीय सम्मेलन में केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने दी।
गाँव कनेक्शन 29 Jun 2019 9:15 AM GMT
नई दिल्ली। सरकार 2022 तक गंगा नदी में गंदे नालों के पानी को गिरने से पूरी तरह रोक देगी। सरकार इस क्षेत्र में एक मिशन की तरह काम कर रही है। यह जानकारी नई दिल्ली में जल समाधान के नए तरीकों पर आयोजित एक राष्ट्रीय सम्मेलन में केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने दी। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड और झारखंड में गंदे नालों को गंगा में गिरने से रोक दिया गया है।
देश साफ पीने के पानी की समस्या से गुजर रहा है। शेखावत ने कहा कि देश साफ पीने के पानी की कमी और 25 लीटर पानी नहाने में व्यर्थ करने के चलन से एक साथ नहीं निपट सकता है। सरकार औद्योगिक इकाइयों में पानी के इस्तेमाल फिर उन इकाइयों का प्रदूषित जल नदियों में छोड़े जाने के मामले पर एक प्रभावी नीति तय करने और उद्योगपतियों से बात करने को सोच रही है। सरकार ने उद्योग संगठन एसोचैम को यह पता लगाने की भी जिम्मेदारी दी है कि बड़ी कंपनियां पानी से जुड़े मुद्दों पर कितना धन खर्च कर रही हैं।
2022 तक गंगा में गंदे नालों का गिरना पूरी तरह बंद हो जाएगा, सरकार इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए मिशन मोड पर काम कर रही है: केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत
— पीआईबी हिंदी (@PIBHindi) June 28, 2019
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जल प्रदूषण के मामले में भारत 122 वें स्थान पर
वैश्विक अऩुपात के हिसाब से पानी के मामले में भारत की हिस्सेदारी कुल 4 प्रतिशत से भी कम है और उसका भी बडा़ हिस्सा प्रदूषित है। शेखावत ने यह सोचने पर जोर दिया कि भारत जल प्रदूषण के मामले में 122 वें नंबर पर क्यों है?
वजीराबाद से ओखला तक यमुना सबसे ज्यादा प्रदुषित
यमुना पर काम करने वाली एक समिति की रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली के पल्ला से बदरपुर तक केवल 54 किलोमीटर के क्षेत्र में ही यमुना नदी प्रदूषण से प्रभावित है। जिसकी यमुनोत्री से प्रयागराज तक की दूरी 1370 किलोमीटर से भी कम है, लेकिन नदी के प्रदूषण में 22 किलोमीटर नदी की हिस्सेदारी में 76 प्रतिशत है। वजीराबाद से ओखला तक ऩदी के परिक्षेत्र में सबसे ज्यादा घरेलू कचरा बहाया जाता है। ओखला बैरेज के निकट कालिंदी कुंज घाट पर 'नमामि गंगे' के एक 'क्लीनेथॉन' कार्यक्रम में भाग लेते हुए शेखावत ने कहा कि इसी 22 किलोमीटर के प्रदूषण को ही खत्म करने में सरकार को सबसे अधिक परेशानी होती है।
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समाज भी निभाए अपनी जिम्मेदारी
इसके साथ ही जल शक्ति मंत्री गजेंद्र शेखावत ने 2024 तक हर घर में पाइप के जरिये पीने का साफ पानी पहुंचाने के काम को नदियों को साफ करने जैसा बेहद चुनौतीपूर्ण काम बताया। उन्होंने कहा कि इसे केवल सरकार की जिम्मेदारी के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। पूरे समाज को अपनी रोज की आदतों में बदलाव कर सरकार के इन कदमों में साथ देना चाहिए।
(इनपुट- पीआईबी)
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