मंडियों में एक से 2 रुपए पीस बिक रही गोभी, हरी सब्जियों के थोक में रेट गिरे

लखनऊ की नवीन गल्ला मंडी में फूल गोभी का रेट एक से 2 रुपए प्रति पीस तक पहुंच गया है।

Arvind ShuklaArvind Shukla   16 Nov 2018 1:01 PM GMT

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मंडियों में एक से 2 रुपए पीस बिक रही गोभी, हरी सब्जियों के थोक में रेट गिरे

लखनऊ/नई दिल्ली। आप दिल्ली, मुंबई या लखनऊ में फूल गोभी भले किसी भी रेट पर खरीद रहे हों लेकिन मंडियों में इनके रेट 1 से 2 रुपए पीस तक पहुंच गए हैं। गोभी के साथ मूली किसानों को भी इस बार घाटा उठाना पड़ रहा है।

अक्टूबर से लेकर फरवरी तक को हरी सब्जियों का महीना कहा जाता है। इन मौसम फूल गोभी, पत्ता गोभी, धनिया, पालक, सोया-मेथी, कद्दू, लौकी, बैंगन से लेकर बीन और मटर तक कई फसलें होती हैं। मौसम साथ देता है तो अच्छा उत्पादन भी होता है लेकिन इस साल मौसम की ये मेहरबानी और ज्यादा उत्पादन किसानों को भारी पड़ रहा है। लखनऊ की सबसे बड़ी अनाज और सब्जी मंडी नवीन गल्ला मंडी में फूल गोभी का रेट एक से 2 रुपए प्रति पीस तक पहुंच गया है।

अपने गोभी के खेत में बैठे किसान संत राम मौर्या।

"पिछले एक महीने से गोभी 1 से 3 रुपए पीस बेच रहा हूं। अगर यही हाल रहा तो खेती का लागत नहीं निकलेगी। अब तो मैं चाहता हूं जल्दी खेत खाली हो तो नई फसल बो दूं। गोभी में इस बार मार्केट बहुत गंदी गई है।''- बीकेटी के कोटवा गांव के किसान राज लखन

राजलखन के पास 2 एकड़ गोभी लगी है। वो बताते हैं, "रोज करीब 400 गोभी लाता हूं। जिसका 300 रुपए किराया लगता है और 100 रुपए खेत में कटाई की मजदूरी देनी पड़ती है। बाहर से आई गोभी के चलते हम लोगों को नुकसान हो रहा है।"

सिर्फ लखनऊ ही नहीं दिल्ली-एनसीआर की मंडियों में भी गोभी माटी मोल है। दिल्ली की आजाद आजादपुर मंडी के बड़े कारोबारी राजेंद्र शर्मा फोन पर बताते हैं,"मंडी में गोभी ही नहीं दूसरी हरी सब्जियों के रेट भी डाउन हैं। गोभी 200 से 300 रुपए क्विंटल चल रही है। इसके कई कारण है दिल्ली के नजफगढ़ समेत यमुना के आसपास जो एरिया है वहां खूब गोभी होती है। दूसरा यूपी के हापुड़ और हरियाणा से भी ज्यादा आमद हो रही है।''

राजेंद्र शर्मा आगे बताते हैं, "जब भी उत्पादन बढ़ता है रेट कम हो जाते हैं। इस बार अच्छा मौसम रहा है। बारिश ठीक हुई है, जिसके चलते कई राज्यों में सब्जियों की पैदावार अच्छी हुई है।''

"गोभी, मूली समेत हरी पत्ते वाली सब्जियों की आवक खूब हो रही है लेकिन मार्केट डाउन जा रही है। पिछले साल इस समय में अच्छे रेट मिल रहे थे किसानों को।''- लखनऊ मंडी में आढ़ती जसवंत सोनकर

यूपी, दिल्ली, हरियाणा की तरह मध्य प्रदेश में भी गोभी की बड़े पैमाने पर खेती होती है। मध्य प्रदेश में इंदौर से लेकर बैतुल कई किसान सर्दियों में गोभी बोते हैं। पिछले दिनों मध्य प्रदेश की मीडिया और सोशल मीडिया में कई खबरें और फोटो आईं जहां किसान ने अपने खेत जोत दिया या फिर पशुओं से चरवा दिया। डॉ. सुनीलम अखिल भारतीय किसान समन्वय समिति से जुड़े रहे हैं।

मध्य प्रदेश में गोभी किसानों ने अक्टूबर महीने में उठाई थी आवाज।

किसान नेता और पूर्व विधायक रहे डॉ. सुनीलम ने अक्टूबर महीने में बैतूल जिले के मुलताई क्षेत्र में गोभी किसानों की हालत को लेकर सरकार से मुआवजे की मांग की थी। उन्होंने फेसबुक पर लंबी पोस्ट में लिखा ता कि गोभी का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1 लाख 15 हजार रुपए तय करना चाहिए। डॉ. सुनीलम के मुताबिक बैतूल के विरूल बाजार, मासोद,अमरावति ,प्रभातपट्टन जौलखेड़ा, अमरावती, साईंखेड़ा तथा चदोरा क्षेत्र रोजाना करीब 100 ट्रक गोभी बाहर जाती हैं। पहले जहां एक ट्रक ढाई लाख में जाता था वो इस बार 80000-90000 हजार में बिक रहा है। सुनीलम के मुताबिक एक गोभी 50 पैसे की पड़ रही है। अपने आरोपों को समर्थन में उन्होंने गोभी की तीन महीने की फसल खर्च का ब्यौरा भी देते हुए मुलताई क्षेत्र के लिए ही 200 करोड़ की सहायता की मांग की थी।


गोभी के रेट को लेकर बात करने पर बाराबंकी में सब्जी बेल्ट के रूम में प्रसिद्ध बेलहरा कस्बे के रामचंद्र मौर्य बताते हैं, "अगैती गोभी का ठीक रेट मिला था लेकिन अब को कार्तिक महीन वाली गोभी आ रही है उसका बहुत अच्छा रेट नहीं मिल रहा है। जिनकी फसल बहुत अच्छी है उन्हें ही 5-6 रुपए पीस का दाम मिल रहा है।"

हालात सिर्फ गोभी की ही बद्तर नहीं है। मूली किसानों को भी घाटा उठाना पड़ रहा है। उत्तर प्रदेश में लखीमपुर जिले में पत्रकार और किसान प्रशांत पांडे ने अपने गांव के चार बीघे के काश्तार किसान श्यामू का दर्द लिखा। प्रशांत पांडे ने लिखा कि श्यामू के पास तीन बीघे मूली थी, लेकिन अब वो उसे बेचने के बजाए लोगों में बाट रहे हैं क्योंकि बाजार ले जाने पर उनकी मूली 50 पैसे पीस भी नहीं बिक रही है। प्रशांत के मुताबिक श्यामू के खेत में करीब 50 हजार मूली लगी होंगी, जिन्हें बेचना श्यामू के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा है।

  

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