एयर इंडिया में अपनी हिस्सेदारी बेचेगी सरकार, कैबिनेट ने दी मंजूरी
गाँव कनेक्शन 28 Jun 2017 10:24 PM GMT
नई दिल्ली। केंद्रीय कैबिनेट ने आज एयर इंडिया में विनिवेश के प्रस्ताव को सैद्धांतिक रूप से मंजूरी दे दी। इसकी जानकारी वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सीएनबीसी टीवी18 को दिए अपने साक्षात्कार में दी है।
वित्त मंत्री अरूण जेटली ने बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि सरकार एयर इंडिया में अपनी हिस्सेदारी बेचेगी। सरकार इस फैसले पर सैद्धांतिक रूप से सहमत है। इसके लिए एक पैनल गठित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि तमाम प्रयासों के बावजूद एयर इंडिया का घाटा लगातार बढ़ रहा है और इसे नियंत्रण में नहीं कर पा रहे हैं।
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सरकार की ओर से पहले भी कई बार एअर इंडिया के हालात सुधारने की कोशिश की है। बावजूद इसके वित्तीय नुकसान ने जूझती एअर इंडिया की हालत चिंताजनक बनी हुई थी। काफी लंबे वक्त से इसके विनिवेश की मांग उठ रही है ताकि एअर इंडिया के कर्ज से डूबे सरकारी बैंकों को सहारा दिया जा सके। फिलहाल एअर इंडिया के पास 140 विमान के साथ देश की सबसे बड़ी घरेलू विमान सेवा है। जिसमें 41 अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के साथ 72 घरेलू उड़ाने शामिल हैं। एअरलाइन के ऊपर 52,000 करोड़ रुपए का कर्ज है और पूर्व यूपीए सरकार ने 2012 में उसे 30,000 करोड़ रुपए की सहायता उपलब्ध कराई थी।
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रिपोर्ट के अनुसार पिछले सप्ताह टाटा ग्रुप ने सिंगापुर एयरलाइन के साथ मिलकर भारत की राष्ट्रीय एयरलाइंस को खरीदने में रूचि दिखाई थी। सरकार के थिंक टैंक नीति आयोग ने इस एयरलाइन के निजीकरण का सुझाव दिया है, जिस पर 52000 करोड़ का कर्ज है।
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