अमोल ने बनाया स्वदेशी तकनीकी से एयरक्राफ्ट,नाम दिया ‘विक्टर टैंगो नरेंद्र मोदी देवेंद्र’
गाँव कनेक्शन 22 Nov 2017 10:38 AM GMT
लखनऊ। मुंबई के रहने वाले कैप्टन अमोल यादव अपने कारनामे से आज शोहरत की बुलंदियों पर पहुंच गए हैं। लंबे संघर्ष के बाद उनकी कड़ी मेहनत रंग लाई है। 17 नवंबर को डीजीसीए ने कैप्टन यादव द्वारा तैयार किए गए विमान को रजिस्टर कर लिया है। सोमवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उन्हें डीजीसीए का सर्टिफिकेट सौंपा।
अमोल यादव जेट एयरवेज में डिप्टी चीफ पायलट हैं और उनका पेशा उनका जुनून है। इस बात को उन्होंने अपनी कड़ी मेहनत से साबित कर दिया है। दरअसल अमोल अपने घर की छत पर एक 6 सीटर विमान बनाने के बाद सुर्खियों में आए हैं। एयरक्राफ्ट टीएसी-003 उनकी कड़ी मेहनत का सुबूत है। विमान को अब डीजीसीए से सर्टिफिकेट भी मिल चुका है।
कैप्टन अमोल ने अकेले काम करते हुए यह 6 सीट वाला एयरक्राफ्ट बनाया है। अमोल को अपना कारनामा पूरा करने में कई मुश्किलों को सामना करना पड़ा था।
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मां ने मंगलसूत्र बेचा, भाई ने घर गिरवी रखा
अमोल ने कहा, “उनकी मां ने मंगलसूत्र बेचकर उन्हें पैसे दिए थे और भाई ने अपना घर भी गिरवी रख दिया था।” आर्थिक संकट उनके लिए एक बड़ी चुनौती थी। एनडीटीवी की खबर के मुताबिक कैप्टन यादव ने अपना घर बेचकर, विमान में 4 करोड़ रुपये की लागत लगाई थी। साल 2016 में उनके इस विमान को मेक इन इंडिया स्कीम की एग्जिबिशन में जगह मिली गया थी।
फडणवीस की मदद से मिला सर्टिफिकेट
एयरक्राफ्ट बनाने के बाद साल 2011 में डीजीसीए सर्टिफिकेट के लिए आवेदन किया। बात नहीं बनी। इस साल फरवरी में मुंबई में मेक इन इंडिया वीक हुआ तो मैं इसे लेकर पहुंच गया। इसको प्रदर्शनी में रखने का सोचा। मेरे पास अनुमति नहीं थी तो पुलिस वाले मुझे हटाने लगे।
Encouraging efforts...
— CMO Maharashtra (@CMOMaharashtra) November 20, 2017
Great example of @makeinindia !
Captain Amol Yadav gets certificate of registration from DGCA,meets CM @Dev_Fadnavis to thank his efforts and follow up with Hon PM @narendramodi & Government of India
It is 1st Indian private company to get this certificate! pic.twitter.com/opi6TXZqZo
ये खबर मुख्यमंत्री फडणवीस को मिली तो उन्होंने मुझे बुलाया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस बारे में बात की। सीएम और पीएम की 4 बैठकें हुईं। खुशी है कि इतनी मेहनत सफल रही। आजादी के बाद देश में पहली बार किसी निजी विमान बनाने वाले को सर्टिफिकेट मिला है।
अमोल दूसरे शख्स होंगे जो अपना बनाया हुआ विमान उड़ा सकेंगे। कहा जाता है 1895 में मुंबई के शिवकर तलपड़े ने चौपाटी पर अपना पहला प्लेन उड़ाया था। इसके 122 साल बाद अमोल दूसरे शख्स माने जा रहे हैं जो खुद का बनाया हुआ विमान उड़ाएंगे।
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