‘प्रदूषण के स्थाई समाधान के लिए केंद्र एक नीति बनाए’

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‘प्रदूषण के स्थाई समाधान के लिए केंद्र एक नीति बनाए’फोटो: इंटरनेट

नई दिल्ली (भाषा)। आम आदमी पार्टी (आप) ने प्रदूषण की समस्या के स्थाई समाधान के लिए केंद्र सरकार से राज्यों पर बाध्यकारी ऐसी नीति बनाने की मांग की है, जिसमें पराली जलाने की किसानों की मजबूरी को दूर किया जा सके।

ऑड-इवेन नियम स्थाई समाधान नहीं

आप की दिल्ली इकाई के संयोजक गोपाल राय ने शुक्रवार को संवादाताओं से अनौपचारिक बातचीत में कहा, “सम-विषम नंबर नियम इस समस्या का स्थाई समाधान नहीं है।“ दिल्ली के परिवहन मंत्री के तौर पर दो बार सम-विषम नंबर नियम लागू करा चुके राय ने कहा, “उनका अनुभव है कि यह कवायद प्रदूषण नियंत्रण को लेकर सिर्फ जनभागीदारी तो सुनिश्चित कर सकती है, लेकिन समस्या का स्थाई समाधान नहीं बन सकती है।“

ठोस नीति का पालन सुनिश्चित करना उपाय

राय ने कहा, “प्रदूषण जनित धुंध की समस्या के लिए धूल सबसे बड़ी वजह नहीं है। इसकी मुख्य वजह वाहनों का धुंआ है, जो पीएम 10 कणों की वजह माने जाने वाले धूल कणों को भी पीएम 2.5 की श्रेणी में ला देते हैं।“ उन्होंने कहा, “वाहनों की संख्या में प्रभावी कमी करते हुए धूल पर नियंत्रण करना और किसानों को पराली जलाने के विकल्प मुहैया कराने वाली ठोस नीति का पालन सुनिश्चित करना ही इस समस्या का स्थायी समाधान है।“

यह कवायद तभी वांछित परिणाम दे सकती है

नंबर नियम की कामयाबी के सवाल पर राय ने कहा, “यह कवायद तभी वांछित परिणाम दे सकती है, जब इसे लागू करने की जिम्मेदारी पूर्ण अधिकार प्राप्त किसी एक एजेंसी को दी जाए।“ उन्होंने दिल्ली में बहुस्तरीय प्राधिकार को इस तरह के अभियानों की सबसे बड़ी बाधा बताते हुए कहा, “सरकारों और स्थानीय निकायों में सत्तारुढ़ विभिन्न दलों के राजनीतिक हित कामयाबी की राह में बाधक बनते हैं।“

सरकारों के भरोसे छोड़ देने से नहीं

राय ने माना कि प्रदूषण की समस्या किसी भी राजनीतिक दल के लिये विमर्श का विषय नहीं है, इसीलिये प्रदूषण रोधी अभियान सरकारों और निकायों में पक्ष एवं विपक्ष की राजनीति की भेंट चढ़ जाते हैं। साथ ही उन्होंने प्रदूषण नियंत्रण में जन जागरकता और जन भागीदारी को ही प्रमुख हथियार बताते हुए कहा कि इस समस्या का समाधान सरकारों के भरोसे छोड़ देने से नहीं मिलेगा।

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