एक लाख करोड़ की शत्रु संपत्तियों की होगी नीलामी, सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश में
Karan Pal Singh 14 Jan 2018 6:08 PM GMT
नई दिल्ली। देशभर में फैली एक लाख करोड़ रुपये से अधिक कीमत की 9,400 शत्रु संपत्तियों की केंद्र सरकार बोली लगवाने की तैयारी में है। अधिकारियों के मुताबिक गृह मंत्रालय ने ऐसी सभी संपत्तियों की पहचान करना शुरू कर दिया है।
चीन और पाकिस्तान की नागरिकता के लिए जाने वाले लोगों की संपत्ति को शत्रु संपत्ति कहा जाता है। 49 वर्ष पुराने शत्रु संपत्ति अधिनियम में संशोधन के बाद सरकार सरकार यह कदम उठाने जा रही है। इन कानून के मुताबिक विभाजन के दौरान या उसके बाद पाकिस्तान और चीन जाकर बसने वाले लोगों की संपत्तियों पर उनके वारिस का अधिकार नहीं रहता।
अधिनियम में किया गया संशोधन
हाल ही में सरकार ने 49 वर्ष पुराने शत्रु संपत्ति अधिनियम में संशोधन किया था, जिसके बाद सरकार इन संपत्तियों की नीलामी करने जा रही है। इस कानून के मुताबिक विभाजन के दौरान या उसके बाद जो लोग पाकिस्तान या चीन में जाकर बस गए हैं उनकी संपत्तियों पर उनके वारिस का कोई अधिकार नहीं है, लिहाजा यह संपत्ति सरकार के कब्जे में आ जाएगी।
जल्द से जल्द होगी नीलामी
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी के अनुसार इस बाबत हाल ही में गृहमंत्री राजनाथ सिंह के साथ एक बैठक की गई थी और उन्हें इस बात की जानकारी दे दी गई थी कि 6289 शत्रु संपत्तियों की पहचान कर ली गई है और बाकी कि 2991 संपत्तियों का सर्वे किया जा रहा है। गृहमंत्री ने आदेश दिया है कि जिन संपत्तियों पर कोई बसा नहीं है उन्हे खाली कराकर जल्द से जल्द उनकी बोली लगवाई जाए।
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पाक में भी ऐसी भारतीय संपत्तियों को बेचा जा चुका है
वहीं एक अन्य अधिकारी ने बताया कि शत्रु संपत्तियों की कुल अनुमानित कीमत एक लाख करोड़ रुपए से भी अधिक है, इन्हे बेचकर सरकार को बड़ी राशि मिलेगी। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान में भी इस तरह की संपत्तियों को जो भारतीयों की थी बेचा जा चुका है। राज्य सरकारों की ओर से ऐसी संपत्तियों की पहचान करने के लिए एक नोडल अधिकारी की तैनाती की गई है जोकि संपत्तियों की पहचान करके उसकी कीमत का आंकलन करेंगे।
सबसे अधिक संपत्ति उत्तर प्रदेश में
आपको बता दें कि जो लोग पाकिस्तान चले गए हैं उनकी 92,800 संपत्ति हैं, इनमे सबसे ज्यादा 4991 संपत्ति उत्तर प्रदेश में है, साथ ही पश्चिम बंगाल में 2735 संपत्ति हैं, जबकि दिल्ली में 487 हैं। वहीं 126 संपत्ति ऐसी हैं जिनके मालिक चीन में बस चुके हैं और वहां की नागरिकता ले चुके हैं। चीन की नागरिकता ले चुके सबसे अधिक भारतीयों की संपत्ति मेघालय में 57 है, पश्चिम बंगाल में 29, असम में 7 हैं।
क्या है शत्रु संपत्ति
पाकिस्तान और चीन की नागरिकता लेने वाले लोगों की भारत में छोड़ी गई संपत्ति को शत्रु संपत्ति कहा जाता है। नए शत्रु संपत्ति (संशोधन एवं पुष्टि) कानून के तहत विभाजन के दौरान पाकिस्तान और चीन चले गए लोगों की भारत में छोड़ी गई संपत्ति पर उनके वारिस का दावा नहीं होगा। इन संपत्तियों को केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए भारतीय शत्रु संपत्ति संरक्षक को सौंप दिया गया है।
1968 में बना कानून
1965 के भारत-पाक युद्ध के बाद ऐसी संपत्तियों के नियमन के लिए 1968 में शत्रु संपत्ति कानून बनाया गया। इसमें संरक्षक को शक्तियां प्रदान की गईं। महमूदाबाद के राजा के नाम से मशहूर राजा मुहम्मद आमिर मुहम्मद खान के वारिसों के दावे के बाद सरकार ने 2017 में कानून में संशोधन किया। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में उनकी काफी संपत्तियां हैं।
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