झारखंड के हर एक घर तक पानी की सुविधा पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार ने झारखंड को’जल जीवन मिशन’ के अंतर्गत 2021-22 के लिए अनुदान की राशि बढ़ा कर 2,479.88 करोड़ रुपये कर दी है।
पिछले साल केन्द्रीय अनुदान की यह राशि 572.24 करोड़ रुपये थी। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री, गजेन्द्र सिंह शेखावत ने राज्य को अनुदान में चार गुना वृद्धि को मंजूरी प्रदान करते हुए झारखंड को भरोसा दिया है कि राज्य में प्रत्येक ग्रामीण घर में 2024 तक नल से शुद्ध पेय जल पहुंचाने के लिए राज्य को हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी।
झारखंड में 29,752 गाँवों में रह रहे कुल 58.95 लाख परिवारों में से केवल 7.72 लाख ग्रामीण परिवारों (13 प्रतिशत) को ही नल से जल की आपूर्ति हो पा रही है। 15 अगस्त 2019 को ‘जल जीवन मिशन’ के शुभारंभ के समय राज्य में 3.45 लाख ग्रामीण घरों (5.85 प्रतिशत) में ही नल जल कनेक्शन था। इन 22 महीनों के दौरान झारखंड में 4.27 लाख (7.24 प्रतिशत) ग्रामीण घरों तक नए नल जल कनेक्शन पहुंचाए गए। तब भी 7.24 प्रतिशत की यह बढ़ोतरी राष्ट्रीय औसत 23 प्रतिशत से काफी नीचे है। राज्य 2020-21 के दौरान केवल 2.99 लाख घरों में ही नए नल कनेक्शन उपलब्ध करा पाया। इस गति से तो शेष बचे 51.23 लाख घरों तक नल कनेक्शन पहुंचाना राज्य सरकार के लिए बड़ा दुष्कर कार्य प्रतीत होता है।
Centre Allocates Rs. 2,479 Crore Grant To Jharkhand Under @jaljeevan_
With Four-Fold Increase In Allocation, Central Government Pushes For Speedy Provision Of Tap Water Connection To Every Household In Jharkhand
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— PIB India (@PIB_India) June 29, 2021
झारखंड के प्रत्येक ग्रामीण घर में 2024 तक नल से शुद्ध पेय जल पहुंचाने के कार्य में सहयोग के लिए ही केंद्रीय जल शक्ति मंत्री, गजेन्द्र सिंह शेखावत ने राज्य के 2021-22 के आवंटन में चार गुना वृद्धि कर उसका आवंटन 2,479.88 करोड़ रुपये कर दिया है। इस वित्त वर्ष में हुई इस भारी वृद्धि, पिछले वित्त वर्ष के अंत में खर्च न हो पाए 137.93 करोड़ रुपये की राशि और राज्य के समतुल्य अंश के रूप में 2,617.81 करोड़ रुपये की राशि को जोड़ कर राज्य के पास ‘जल जीवन मिशन’ से जुड़े कार्यों के लिए 2021-22 में समग्र रूप से 5,235.62 रुपये पक्के तौर पर उपलब्ध हैं। यानि, झारखंड में ‘हर घर जल’ के लिए धन की कोई कमी नहीं है। लेकिन, राज्य सरकार ने केंद्रीय आवंटन में से पहली किस्त जारी कराने के लिए अभी तक कोई प्रस्ताव नहीं भेजा है।
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री, गजेन्द्र सिंह शेखावत ने राज्य के मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर आग्रह किया है कि नल जल कनेक्शन देने का काम हर गाँव में शुरू कर दिया जाए ताकि राज्य 2024 तक ‘हर घर जल’ हो जाए।
इसके अलावा, 15वें वित्त आयोग के तहत ग्रामीण स्थानीय निकायों/ पंचायती राज संस्थाओं को जलापूर्ति एवं स्वच्छता के लिए दी जाने वाली राशि के रूप में झारखंड को 2021-22 में 750 करोड़ रुपये उपलब्ध हैं। इसके फलस्वरूप, राज्य को अगले पांच वर्षों यानी 2025-26 तक 3,952 करोड़ रुपये का पक्का आश्वासन है।
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को लिखे पत्र में केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने पानी की कमी वाले क्षेत्रों, जल गुणवत्ता प्रभावित गांवों, आकांक्षी जिलों, अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति बहुल गांवों, और सांसद आदर्श ग्राम योजना के सभी घरों को इस वर्ष प्राथमिकता के आधार पर नल से जल प्रदान किए जाने पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा विशेष बल दिए जाने का भी उल्लेख किया है।
जल गुणवत्ता परीक्षण और निगरानी गतिविधियों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए। इसके लिए आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, आशा कार्यकर्ता, स्वयं सहायता समूह के सदस्य, पीआरआई सदस्य, स्कूल शिक्षक आदि को प्रशिक्षित किया जा रहा है ताकि वे फील्ड टेस्ट किट (एफटीके) का उपयोग करके संदूषण के लिए पानी के नमूनों का परीक्षण कर सकें। झारखंड में मौजूद कुल 33 जल जांच प्रयोगशालाओं में से केवल 7 ही एन.ए.बी.एल. से प्रमाणीकृत हैं। राज्य को प्रयोगशालाओं को भी और बेहतर बनाना होगा तथा ज़्यादा से ज़्यादा प्रयोगशालाओं को एन.ए.बी.एल. प्रमाणीकरण दिलाने का प्रयास करना होगा। यह सभी प्रयोगशालाएँ आम जनता के लिए भी खोल देनी चाहिए ताकि वह यहाँ नाम मात्र के खर्च पर अपने पेयजल के नमूनों की जांच करा सकें।