छठ पूजा के प्रसाद के लिए अदरक और हल्दी समेत गन्ने की खूब हुई बिक्री

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छठ पूजा के प्रसाद के लिए अदरक और हल्दी समेत गन्ने की खूब हुई बिक्री

लखनऊ। सूर्य की अराधना के महापर्व छठ पूरे देश में आस्था के साथ मनाया जा रहा है। नहाय खाय के बाद आज खरना या लोहंडा है। छठ पूजा 11 नवंबर से शुरु होकर 14 नवंबर सुबह तक चलेगी। छठ पूजा में सूर्य को पहला अर्घ 13 नवंबर की सूर्यास्त के वक़्त दिया जाएगा और आखिरी 14 नवंबर को सूर्योदय के वक़्त । छठ की पूजा के लिए बाजार तैयार है और छठी मैया की पूजा के लिए विशेष दुकानें भी सजाई गईं हैं।

दिवाली के छठे दिन यानी कार्तिक माह की षष्ठी को मनाए जाने वाले इस त्योहार में प्रसाद का काफी महत्व है। 36 घंटे तक निर्जला रहकर होने वाली इस पूजा में बांस की टोकरी, पानी वाला नारियल, लोटा, कच्ची हल्दी, कल्ची अदरक, बड़ा वाला नींबू, शकरकंद, पत्ते दार गाजर, मिठाई, शहद पानी सुपाड़ी, कपूर, कुमकुम, आम के पत्ते, सुथनी, सेब, सिंघाड़ा, नाशपाती, मूली, चावल, दूध, गिलास से लेकर चंदन तक कई चीजों का प्रयोग किया जाता है।

छठ पूजा के लिए पत्ते वाली अदरक, हल्दी और दूसरे प्रसाद के फसल और सब्जियां बेचता दुकानदार। फोटो अरविंद शुक्ला

इसीलिए छठ के दौरान इनमें से कई चीजों के दाम बढ़ जाते हैं। लखनऊ की नवीन गल्ला मंडी में छठ की पूजा के मद्देनजर कई कारोबारियों ने अलग से दुकानें लगाई थीं। जहां पत्तेदार अदरक, हल्दी और गाजर बेची जा रही है। दुकानदार सचिन सोनकर ने बताया, "छठ के चलते इनमें से काफी चीजें बाहर से मंगवाई गई हैं। जिसके चलते इनके दाम भी ज्यादा है। अरदक 70-80 रुपए किलो तो कच्ची हल्दी 30-40 रुपए किलो बिकी है। शरीफा और दूसरे फलों की भी काफी मांग रही है।' लखनऊ में पूजा के लिए बिहार से विशेष तौर पर बड़े वाले नीबूं मगाएं गए थे।

नींबू, शकरकंद, सुथनी बेच रहे लखनऊ के सब्जी विक्रेता रामपाल बताते हैं, ये नींबू सिर्फ छठ पूजा में काम आता है। लखनऊ में अब हजारों लोग छठ मनाते हैं इसलिए हम लोग पहले से ही इन्हें मंगवा लेते हैं। इस बार औसतन 30-40 रुपए पीस में बिक्री हुई है।"

छठी मैया की आराधना में गन्ने का विशेष महत्व होता है। मंडी में गन्ना भी खूब महंगा बिका। लाल वाला गन्ना के 10 पीस 100 से लेकर 200 रुपए में थोक में बिके।"

हालांकि रविवार को नवीन गल्ला मंडी में पूजा की सामग्री के अलावा बाकी सब्जियों के दामों में असर नहीं दिखा। आढ़ती जसवंत सोनकर ने बताया, छठ में तीन दिन तो व्रत में ही निकल जाते हैं। इसलिए सिर्फ पूजा-पाठ का सामान पर असर पड़ता है। सब्जियों की मांग पर असर नहीं पड़ता है।'

छठी मइया को ठेकुआ, मालपुआ, खीर, खजूर, चावल का लड्डू और सूजी के हलवे के साथ गई पारंपरिक मिष्ठानों का प्रसाद चढ़ाया जाता है।

सूर्य की अराधना के महापर्व छठ पूरे देश में आस्था के साथ मनाया जा रहा है। नहाय खाय के बाद आज खरना या लोहंडा है। छठ पूजा 11 नवंबर से शुरु होकर 14 नवंबर शाम तक चलेगी। छठ पूजा में सूर्य को पहलाअर्घ 13 नवंबर को दिया जाएगा। छठ की पूजा के लिए बाजार भी तैयार है। छठी मैया के प्रसाद के लिए विशेष दुकानें सजाई गईं थीं।

दिवाली के छठे दिन यानी कार्तिक माह की षष्ठी को मनाए जाने वाले इस त्योहार में प्रसाद का काफी महत्व है। 36 घंटे तक निर्जला रहकर होने वाली इस पूजा में बांस की टोकरी, पानी वाला नारियल, लोटा, कच्ची हल्दी, कल्ची अदरक, बड़ा वाला नींबू, शकरकंद, पत्ते दार गाजर, मिठाई, शहद पानी सुपाड़ी, कपूर, कुमकुम, आम के पत्ते, सुथनी, सेब, सिंघाड़ा, नाशपाती, मूली, चावल, दूध, गिलास से लेकर चंदन तक कई चीजों का प्रयोग किया जाता है।

इसीलिए छठ के दौरान इनमें से कई चीजों के दाम बढ़ जाते हैं। लखनऊ की नवीन गल्ला मंडी में छठ की पूजा के मद्देनजर कई कारोबारियों ने अलग से दुकानें लगाई थीं। जहां पत्तेदार अदरक, हल्दी और गाजर बेची जा रही है। दुकानदार सचिन सोनकर ने बताया, "छठ के चलते इनमें से काफी चीजें बाहर से मंगवाई गई हैं। जिसके चलते इनके दाम भी ज्यादा है। अरदक 70-80 रुपए किलो तो कच्ची हल्दी 30-40 रुपए किलो बिकी है। शरीफा और दूसरे फलों की भी काफी मांग रही है।' लखनऊ में पूजा के लिए बिहार से विशेष तौर पर बड़े वाले नीबूं मगाएं गए थे।

नींबू, शकरकंद, सुथनी बेच रहे लखनऊ के सब्जी विक्रेता रामपाल बताते हैं, ये नींबू सिर्फ छठ पूजा में काम आता है। लखनऊ में अब हजारों लोग छठ मनाते हैं इसलिए हम लोग पहले से ही इन्हें मंगवा लेते हैं। इस बार औसतन 30-40 रुपए पीस में बिक्री हुई है।"

छठी मैया की आराधना में गन्ने का विशेष महत्व होता है। मंडी में गन्ना भी खूब महंगा बिका। लाल वाला गन्ना के 10 पीस 100 से लेकर 200 रुपए में थोक में बिके।"

हालांकि रविवार को नवीन गल्ला मंडी में पूजा की सामग्री के अलावा बाकी सब्जियों के दामों में असर नहीं दिखा। आढ़ती जसवंत सोनकर ने बताया, छठ में तीन दिन तो व्रत में ही निकल जाते हैं। इसलिए सिर्फ पूजा-पाठ का सामान पर असर पड़ता है। सब्जियों की मांग पर असर नहीं पड़ता है।'

छठी मइया को ठेकुआ, मालपुआ, खीर, खजूर, चावल का लड्डू और सूजी के हलवे के साथ गई पारंपरिक मिष्ठानों का प्रसाद चढ़ाया जाता है।

   

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