छत्तीसगढ़ के CM ने गांव कनेक्शन से कहा- 'किसानों को 26 जनवरी से वापस मिलेगी अधिग्रहीत जमीन'
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की गाँव कनेक्शन से विशेष बातचीत।
Manish Mishra 29 Dec 2018 6:39 AM GMT
लखनऊ। छत्तीसगढ़ में 26 जनवरी, 2019 से, टाटा संयत्र के लिए अधिग्रहीत 1700 हेक्टेयर जमीन के पट्टे किसानों को वापसी की शरुआत हो जाएगी।
गाँव कनेक्शन से फोन पर बातचीत में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chief Minister Bhupesh Baghel) ने बताया, "हमने किसानों और गरीबों से किए वादों पर अमल करना शुरू कर दिया है। कर्जमाफी के बाद किसानों से 2500 रूपये प्रति कुंतल धान की खरीद और टाटा संयत्र के लिए ली गई जमीन की वापसी का फैसला कैबिनेट में ले लिया गया है, जिस पर अमल शुरू होगा।"
छत्तीसगढ़ में हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने भाजपा को शिकस्त देते हुए दो तिहाई बहुमत से जीत दर्ज करने के साथ ही अपने घोषणा पत्र पर अमल करना शुरू कर दिया है।
राज्य में जारी नक्सली हिंसा और गतिरोध के बारे में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, "इसे रोकने के लिए सभी को विश्वास में लेने की आवश्यकता है, जो पीड़ित पक्ष है, आदिवासी और वहां रहने वाले गैर आदिवासी वह सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। सभी से चर्चा करके किसी नतीजे पर पहुंच के आगे की कार्रवाई की जाएगी।"
मुख्यमंत्री ने आगे कहा, "जब इन सब मुद्दों पर चर्चा होगी तो कारण भी समझ आएगा, सरकारों ने चर्चा कहां की, बंदूक की नोक से समस्या का हल खोजना चाहते हैं, केवल कानून व्यवस्था ही नहीं, इसके बहुत सारे कारण हैं। हल समझना पड़ेगा, और निदान करना पड़ेगा।"
कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में स्वामीनाथन कमेटी की कुछ सिफारिशें मानने समेत किसानों से कई वादे किए थे। उन्हें पूरा करने के बारे में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बताया, "स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट में है कि लागत मूल्य का डेढ़ गुना मूल्य किसानों को मिलना चाहिए। इसलिए धान की कीमत स्वामीनाथन रिपोर्ट के हिसाब से 2500 रुपये प्रति कुंतल होनी चाहिए। पूरे देश में छत्तीसगढ़ पहला ऐसा राज्य होगा जिसने 2500 रुपये प्रति कुंतल धान खरीद का निर्णय लिया है।"
छत्तीसगढ़ के विकास के लिए अपने मास्टर प्लान के बारे में समझाते हुए भूपेश बघेल ने कहा, "छत्तीसगढ़ में करीब 50 प्रतिशत पिछड़ा वर्ग, 25 प्रतिशत आदिवासी और करीब 13 प्रतिशत अनुसूचित जाति के लोग हैं। सभी को विश्वास में लेके काम करना है, और राज्य को नई दिशा में ले जाना है।"
भूपेश बघेल पहले से ही लोगों को सामूहिक शादियों के लिए प्रेरित करते रहे हैं, उनका मानना है कि लोग दिखावे के चक्कर में कर्जे से लद जाते हैं। उन्होंने कहा, "जो सामाजिक प्रतिष्ठा के लिए ऐसा करते थे उसको देखकर हम लोगों ने सामूहिक विवाह कराना शुरू किया। असर यह हुआ कि समाज के लोगों ने इसे अपनाया और सामूहिक विवाह की ओर आगे बढ़े। इसे और आगे बढ़ाने की जरूरत है।"
चुनाव से पहले काफी मंथन के बाद घोषणा पत्र तैयार करने से लेकर चुनावी नतीजों तक कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री बघेल ने कहा, "राहुल जी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद यह पहला चुनाव है जिसमें हिन्दी बेल्ट में उन्होंने जबरदस्त वापसी की है, और पूरे देश ने उनके नेतृत्व को स्वीकार कर लिया है। उनके नेतृत्व में लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस अच्छा प्रदर्शन करेगी। प्रयास होगा राज्य की सभी 11 लोकसभा सीटें जीतें।"
राज्य में पार्टी की सफलता के पीछे के कारणों को बताते हुए मुख्यमंत्री बघेल ने कहा, "राहुल जी ने कर्जमाफी की बात बहुत पहले की करनी शुरू कर दी थी, उसका किसानों में बहुत अच्छा प्रभाव पड़ा। हम लोग मेहनत कर रहे थे तो लगता था कि भारी मतों से जीतेंगे, हम दो तिहाई से जीतने की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन हम लोग तीन चौथाई मतों से जीते हैं।"
राज्य के समग्र विकास के लिए नारा देते हुए मुख्यमंत्र ने कहा, "नरवा, गढ़वा, घुरवा, बाड़ी, छत्तीसगढ़ के चार किनारी।" इस नारे के जरिए भूपेश बघेल ने कहा कि नरवा (नहर), गढ़वा (मवेशी), घुरवा (गोबर खाद स्टोरेज) और बाड़ी (खेत खलिहान) को फिर से उन्नत किया जाएगा।
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