छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री ने केंद्र सरकार से राज्य में कोवैक्सीन न भेजने को कहा
अब भारत बायोटेक की स्वदेशी वैक्सीन की प्रमाणिकता पर छत्तीसगढ़ सरकार के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव ने भी सवालिया निशान उठा दिए हैं। उन्होंने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन को पत्र लिख कर छत्तीसगढ़ में कोवैक्सीन की आपूर्ति न किये जाने का अनुरोध किया है।
गाँव कनेक्शन 11 Feb 2021 2:07 PM GMT
देश में चल रहे कोरोना टीकाकरण अभियान के बीच छत्तीसगढ़ सरकार ने स्वदेशी कोरोना टीके कोवैक्सीन की प्रमाणिकता पर सवाल उठाए हैं। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री, टीएस सिंह देव ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन को पत्र लिख कर कोवैक्सीन की खेप राज्य के लोगों के लिए न भेजे जाने की अपील की है।
छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री ने ट्विटर पर इस पत्र की कॉपी साझा की। इस पत्र में उन्होंने कहा है कि कोवैक्सीन के तीसरे चरण के क्लिनिकल ट्रायल अभी तक पूरे नहीं हुए हैं जो इस वैक्सीन के उपयोग को लेकर संकोच पैदा करता है।
पत्र में कहा गया कि अब तक राज्य को आपूर्ति की गई कोविशील्ड की वैक्सीन का उपयोग किया गया है और कोवैक्सीन की भेजी गई डोज का राज्य में इस्तेमाल नहीं किया गया है। ऐसे में एक्सपायरी डेट के निकलने पर वैक्सीन की बर्बादी से बचा जाए। स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव ने कोवैक्सीन के तीसरे चरण के परिणामों के सामने आने तक कोवैक्सीन की डोज राज्य में न भेजे जाने का अनुरोध किया।
Wrote to hon'ble union minister of health @drharshvardhan ji addressing the concern of Chhattisgarh govt regarding the supply of COVAXIN to the state.
— TS Singh Deo (@TS_SinghDeo) February 11, 2021
The primary concerns of the state are :
▪️The inhibitions regrading the incomplete 3rd phase trials of COVAXIN (1/2) pic.twitter.com/xLNj43hwRR
देश में कोवैक्सीन के तीसरे चरण के परिणाम अब तक सामने न आने की वजह कई स्वास्थ्य संगठन और डॉक्टर्स इस वैक्सीन के इस्तेमाल पर सवालिया निशान उठा चुके हैं। जनवरी में ड्रग कंट्रोलर ऑफ़ इंडिया ने भारत बायोटेक की कोवैक्सीन के आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी दी थी।
फिलहाल, देश में 16 जनवरी से शुरू हुए कोरोना टीकाकरण अभियान के तहत छत्तीसगढ़ में अब तक 1.81 लाख स्वास्थ्य कर्मियों और फ्रंटलाइन वर्कर्स को टीका लगाया जा चुका है।
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