बीजेपी सांसद और विधायक के बीच जमकर चले जूते

बैठक के दौरान एक निर्माण कार्य के शिलान्यास का मुद्दा उठा, जिसके शिलान्यास पट्ट पर स्थानीय सांसद का नाम नहीं था। इस निर्माण कार्य का शिलान्यास क्षेत्र के विधायक राकेश बघेल ने किया था।

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
बीजेपी सांसद और विधायक के बीच जमकर चले जूते

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के संत कबीर नगर जिले में बीजेपी सांसद और विधायक आपस में भिड़ गए। इस दौरान सांसद और विधायक में जमकर जूते-चप्पल चले। फिलहाल पूरे क्षेत्र में अशांति व्याप्त है और विधायक समर्थकों ने सांसद का घेराव किया है।

संत कबीर नगर से बीजेपी सांसद शरद त्रिपाठी और जिले के मेहदावल विधानसभा क्षेत्र से विधायक राकेश बघेल के बीच यह भिड़ंत तब हुई जब जिला निगरानी समिति की बैठक हो रही थी। इस बैठक में जिले के प्रभारी मंत्री आशुतोष टंडन भी मौजूद थे।

बैठक के दौरान एक निर्माण कार्य के शिलान्यास का मुद्दा उठा, जिसके शिलान्यास पट्ट पर स्थानीय सांसद का नाम नहीं था। इस निर्माण कार्य का शिलान्यास क्षेत्र के विधायक राकेश बघेल ने किया था। जब बैठक के दौरान सांसद शरद त्रिपाठी ने पीडब्ल्यूडी प्रांतीय खंड के एक्सईएन एके दूबे से पूछा कि शिलान्यास पट्ठ पर उनका नाम क्यों नहीं है। इस पर एक्सईएन ने कहा कि गलती हो गई, सुधार कर दिया जाएगा।

सांसद और एक्सईएन की इस बातचीत के बीच में विधायक आ गए। उन्होंने सांसद से कहा जो भी पूछना हो उनसे पूछिए ना कि एक्सईएन से। इसके बाद दोनों नेताओं के बीच बातचीत बढ़ गई। इस दौरान सांसद शरद त्रिपाठी ने चप्पल उठा लिया और विधायक पर दनादन वार किए। विधायक ने भी सांसद को मुक्का मार कर जवाब दिया।

बात बढ़ता देख डीएम और एसपी ने बीच-बचाव किया। इसके बाद विधायक राकेश बघेल के समर्थक काफी गुस्से में दिखे और उन्होंने कलेक्ट्रेट का घेराव किया। कलेक्ट्रेट में ही सांसद शरद त्रिपाठी बैठे हुए थे। जबकि विधायक समर्थक लगातार सांसद के कलेक्ट्रेट से बाहर लाने की बात कर रहे थे।

विधायक समर्थकों के बढ़ते रोष को देखते हुए प्रशासन ने कलेक्ट्रेट इलाके का लाईट काट दिया और सांसद को कलेक्ट्रेट से बाहर निकाल कर उनके आवास तक पहुंचाया। इस दौरान विधायक समर्थक और भी आक्रोशित हो गए और उन्होंने सांसद के खिलाफ अपशब्द और नारेबाजी की। विधायक राकेश बघेल को इस दौरान क्षेत्र के दूसरे विधायक जय चौबे का समर्थन भी मिला। इन दोनों विधायकों ने अपने समर्थकों के साथ मिलकर कलेक्ट्रेट पर रात भर धरना दिया। इस दौरान उपद्रव कर रहे समर्थकों पर पुलिस ने लाठी चार्ज भी किया।

सांसद शरद त्रिपाठी ने घटना के लिए जताया खेद

दूसरी तरफ सांसद शरद त्रिपाठी ने अपने खिलाफ बढ़ता रोष देखकर माफी मांग ली। मीडिया के सामने आकर सांसद ने कहा कि जो कुछ भी हुआ, उसके लिए वह काफी दुःखी हैं। उन्होंने कहा कि जो कुछ भी हुआ, वह उनका स्वभाव नहीं है। उन्होंने इस पूरी घटना के लिए खेद जताया और माफी मांगी।

प्रदेश अध्यक्ष के कहने पर विधायक ने किया धरना खत्म

वहीं कलेक्ट्रेट पर विधायकों और अन्य बीजेपी नेताओं के साथ धरना दे रहे विधायक राकेश सिंह बघेल ने गुरूवार सुबह अपने धरने को खत्म किया। उन्होंने कहा कि उनके पास प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष का फोन आया, जिसके बाद उन्होंने यह धरना खत्म करने का निर्णय लिया। हालांकि इस दौरान बघेल काफी आक्रामक नजर आए और उन्होंने कहा कि भरे मीटिंग में उनके साथ जो अभद्रता हुई, वह सिर्फ उनका नहीं पूरे लोकतंत्र का अपमान है। वहीं बघेल के समर्थक लगातार 'बदला लेने' के नारे लगाते रहे। फिलहाल दोनों नेताओं को प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडेय ने लखनऊ तलब किया है। कहा जा रहा है कि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह भी दोनों नेताओं को दिल्ली तलब कर सकते हैं।

शरद त्रिपाठी का टिकट कटना तय

स्थानीय लोग इस घटना को आने वाले लोकसभा चुनाव से जोड़ रहे हैं। दरअसल कई दिनों से खलीलाबाद (संतकबीर नगर) सीट पर टिकट के लिए बीजेपी में अंदरूनी घमासान चल रहा है। जिले के अनेक बीजेपी नेता नहीं चाहते कि इस बार के चुनाव में सांसद शरद त्रिपाठी को टिकट मिले। इन नेताओं में संतकबीर नगर जिले के तीनों विधायक भी शामिल हैं। ये विधायक लगातार स्थानीय सांसद के खिलाफ गुटबंदी कर रहे थे। सूत्रों के अनुसार इस बार के लोकसभा चुनाव में शरद त्रिपाठी का टिकट कटना तय था। इस घटना के बाद इस बात पर लगभग मुहर भी लग गई है।

कुछ लोग इस घटना को क्षेत्र में लंबे समय से चले आ रहे ब्राह्मण-क्षत्रिय राजनीतिक गुटबंदी से भी जोड़ रहे हैं। वहीं कुछ लोग इसे मोदी के सांसद और योगी के विधायक के बीच हुआ संघर्ष मान रहे हैं। विधायक राकेश बघेल उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के काफी करीबी माने जाते हैं। वह योगी आदित्यनाथ के संगठन हिंदू युवा वाहिनी के भी अहम सदस्य रह चुके हैं। वहीं सांसद शरद त्रिपाठी प्रधानमंत्री मोदी के काफी करीबी हैं और वह कई संसदीय समितियों के सदस्य भी रह चुके हैं।

    

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.