इन गांवों से अगर सीख लेते तो नहीं होते ‘गोरखपुर’ जैसे हादसे

Mohit AsthanaMohit Asthana   21 Aug 2017 8:00 AM GMT

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इन गांवों से अगर सीख लेते तो नहीं होते ‘गोरखपुर’ जैसे हादसेअपने घर, मुहल्ले और गांव की साफ-सफाई आप की भी जिम्मेदारी है।

गोरखपुर जैसे हादसों के लिए काफी हद तक गंदगी भी जिम्मेदार है। हर साल पूर्वांचल और देश के दूसरे हिस्सों में हजारों लोगों की जान गंदगी के चलते जाती है। साफ-सफाई कोई रॉकेट साइंस नहीं, थोड़ी कोशिश कर आप भी अपने इलाके को इन गांवों की तरह स्वच्छ बना सकते हैं।

लखनऊ। स्वच्छ मिशन अभियान के तहत पूरे देश को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शौचमुक्त बनाने की मुहिम शुरू की। जिसके तहत गाँव की ओर ज्यादा ध्यान दिया गया। क्योंकि गाँव में ज्यादातर लोग खुले में शौच करते हैं। सिर्फ शौच ही नहीं पूरे गाँव को स्वच्छ रखना भी ग्रामीणों की जिम्मेदारी बनती है।

गाँव को कैसे स्वच्छ रखा जा सकता है इस विषय में गाँव कनेक्शन ने कुछ गाँव के प्रधानों से बातचीत की जिसमें हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के थरजून गाँव की प्रधान जबना चौहान ने गाँव की स्वच्छता के बारे में बताया...

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हर घर में हो शौचालय

गाँव को स्वच्छ रखने के लिये सबसे पहले हर घर में शौचालय होना चाहिये और घर के सभी सदस्यों को शौचालय का ही इस्तेमाल करना चाहिये। गंदगी न हो ये आप की भी जिम्मेदारी है।

कूड़ादान होना चाहिये

घर के कूड़ को रखने के लिये तीन कूड़ादान होने चाहिये। एक कूड़ेदान में गीला कूड़ा, दूसरे कूड़ेदान में सूखा कूड़ा रखेंगे और तीसरा जो कूड़ादान होगा उसे हम जमीन में खेदकर गाड़ देंगे। उस कूड़ेदान में सूखा कूड़ा या पॉलीथीन आदि डाल सकते है।

गोबर के शेड बनाने में कर सकते है इस्तेमाल

जो कूड़ा गलने सड़ने वाला होता है उसे एक जगह इकट्ठा करके गोबर शेड बनाने के इस्तेमाल में ले सकते है।

गंदे पानी को बहाने के लिये खोदें गड्ढ़ा

घर में किचेन या बाथरूम से निकलने वाला गंदे पानी के लिये जमीन में एक से डेढ़ फुट का गड्ढ़ा खोदें। फिर उसमें एक बड़ा पत्थर उसके बाद छोटा पत्थर फिर बजरी और रेत डाल देते है फिर पाइप के जरिये उस पानी को गड्ढ़े में डाल देते है।

गोबर को रखना चाहिये घर से दूर

जानवरों द्वारा एकत्र किये गये गोबर को घर के पास न रखकर घर से दूर या खेतों के आस-पास गोबर शेड बनाकर ही रखना चाहिये। अगर गोबर को घर के पास रखेंगे तो उसमें मक्खियां खाने को दूषित कर सकती हैं जिससे बीमारी फैलने का खतरा बढ़ सकता है।

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सिद्धार्थनगर के हसुरी गाँव के प्रधान दिलीप त्रिपाठी ने बताया कि...

गाँव की सफाई के लिये नियुक्त है सफाइकर्मी

गाँव की सफाई के लिये सफाई कर्मी नियुक्त किया जाता है। लेकिन अक्सर ऐसा होता है कि सफाईकर्मी बहुत कम ही आ पाते है। इसलिये ग्रामीण खुद ही गाँव की सफाई करके गाँव को स्वच्छ रख सकते है।

नालियों को चोक होने से बचाएं

गाँव की नालियों की नियमित रूप से सफाई होनी चाहिये। जिससे पानी का निकास बना रहे और नाली में मच्छर न पनपने पाएं।

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लखनऊ के नारायनपुर गाँव के प्रधान दिनेश सिंह ने बताया...

खुद ही करनी पड़ती है सफाई

गाँव को स्वच्छ रखने के लिये सफाई कर्मी आते है इतना हीं नहीं सफाई कर्मी के न आने पर ग्रामीण मिलकर खुद ही सफाई करते है।

खुले में शौच जाना हो बंद

सबसे पहले ग्रामीणों को खुले में शौच जाना बंद करना पड़ेगा ग्रामीणों के खुले में शौच जाने के कारण जानवर जब घास चरने जाते है तो उनके शरीर पर शौच और गंदगी आदि लग जाती है। जिसकी वजह से बीमारी फैल सकती है।

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लखनऊ के शाहपुर गाँव के प्रधान वीनू रावत ने बताया...

किचेन एवं बाथरूम का गंदा पानी गाँव में बनी नाली में जाए

ग्रामीणों के घरों से निकलने वाला गंदा पानी गाँव में बनी नालियों में ही गिरना चाहिये।

खुले में शौच न करने से बीमारियों से बचा जा सकता है

ग्रामीण अगर खुले में शौच करना बंद कर दें तो बीमारियों से बचा जा सकता है।

गाँव को स्वच्छ रखने के लिये सबसे पहले हर घर में शौचालय होना चाहिये और घर के सभी सदस्यों को शौचालय का ही इस्तेमाल करना चाहिये।
जबना चौहान प्रधान जिला मंडी गाँव थरजून, हिमाचल प्रदेश

गाँव की नालियों की नियमित रूप से सफाई होनी चाहिये। जिससे पानी का निकास बना रहे और नाली में मच्छर न पनपने पाएं।
दिलीप त्रिपाठी ग्राम प्रधान हसुरी गाँव सिद्धार्थनगर

गाँव को स्वच्छ रखने के लिये सफाई कर्मी आते है इतना हीं नहीं सफाई कर्मी के न आने पर ग्रामीण मिलकर खुद ही सफाई करते है।
दिनेश सिंह ग्राम प्रधान नारायनपुर गाँव लखनऊ

ग्रामीणों के घरों से निकलने वाला गंदा पानी गाँव में बनी नालियों में ही गिरना चाहिये।
वीनू रावत ग्राम प्रधान शाहपुर गाँव लखनऊ

गाँव कनेक्शन द्वारा गाँव को स्वच्छ रखने के लिये किये गये अलग- अलग प्रधानों से बातचीत में सबसे मुख्य समस्या खुले में शौच की ही बताई गई।

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