उपवास पर शिवराज कहा- मैं पत्थर दिल नहीं, आकर सीधे मिलो, दशहरा मैदान से चलेगी सरकार
Karan Pal Singh 10 Jun 2017 10:24 AM GMT
भोपाल। किसानों के प्रदर्शन और मंदसौर हिंसा के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शांति की अपील के साथ शनिवार से यहां के दशहरा मैदान में अनिश्चितकालीन उपवास शुरू करने जा रहे हैं। इस उपवास का मकसद किसानों एवं जनता से चर्चा करके शांति बहाली स्थापित करना है।
मध्य प्रदेश में हिंसक किसान आंदोलन को लेकर चौतरफा घिरे शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को अपने सरकारी निवास पर कहा कि 'मैं पत्थर दिल नहीं हूं। शांति बहाली के लिए मैंने फैसला किया है कि कल से मैं वल्लभ भवन (मंत्रालय) में नहीं बैठूंगा। मैं भोपाल के भेल दशहरा मैदान पर पूर्वाह्न 11 बजे से अनिश्चितकालीन उपवास पर बैठूंगा। तब तक बैठूंगा, जब तक शांति बहाल न हो जाए।"
उन्होंने कहा, 'मैं भोपाल में दशहरा मैदान में किसानों की समस्याओं के समाधान हेतु चर्चा के लिए उपलब्ध रहूंगा। वहीं से सरकार चलाऊंगा। मैं सभी किसानों एवं जनता से अपील करता हूं कि वे वहां चर्चा करने के लिए आएं, ताकि शांतिपूर्ण तरीके से बातचीत करके किसान आंदोलन का समाधान निकाला जा सके'।
मुख्यमंत्री ने किसानों से अपना आंदोलन स्थगित करने का अनुरोध करते हुए कहा, 'आप कहीं मत जाओ, चर्चा के लिए आओ। जो चर्चा के लिए आना चाहते हैं, आइये। सभी समस्याओं को बातचीत से सुलझाया जा सकता है। यही लोकतंत्र का तरीका है'। उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता की सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं होगा और राजधर्म का पालन करते हुए 'अराजक तत्वों से सख्ती से निपटा जाएगा' चौहान ने किसानों के प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा से दुखी होकर कहा, 'अराजक तत्वों से निपटेंगे। जनता को सुरक्षा देंगे। राजधर्म का पालन किया जाएगा'।
उन्होंने कहा, 'कुछ लोगों ने 18 से 22 साल के बच्चों के हाथ में पत्थर थमाने का काम किया है। कई जगह चक्काजाम की स्थिति होती है और वे (बच्चे) नजर आते हैं। मुझे तकलीफ इस बात से होती है कि पत्थर वाले हाथ भी अपने बच्चों के हैं और उनको नेतृत्व देने वाला तंत्र भी अपना है'।
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