यूपी में सड़कों पर पड़ा है आलू , जितना चाहिए उठा लाइए

Karan Pal SinghKaran Pal Singh   25 Dec 2017 12:54 PM GMT

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यूपी में सड़कों पर पड़ा है आलू , जितना चाहिए उठा लाइए

सड़कों पर फेंका जा रहा आलू

एक तरफ आलू किसानों को फसल का सही दाम नहीं मिल रहा है दूसरी तरफ हाल ये है कि यहां पुराना आलू सड़कों पर फेंका जा रहा है, आपको भी चाहिए तो उठा लाइए

आगरा/कन्नौज। आलू किसान इस समय बर्बादी की कगार पर खड़ा है। आलू किसानों ने कोल्ड स्टोर में यह सोच कर आलू डाला था कि उसे आलू का दाम अच्छा मिलेगा लेकिन उसे क्या पता था कि जब आलू निकासी का समय आएगा तो आलू मिट्टी के भाव भी नहीं बिकेगा। ऐसा ही हाल ताजनगरी के आलू किसानों का हो गया है। आलू किसानों का आलू एक रुपए किलो के भाव से भी नहीं बिक रहा है इस वजह से वे कोल्ड स्टोर से आलू नहीं निकाल रहे हैं। कोल्ड स्टोर वाले किसानों के आलू का कोल्ड स्टोर से निकाल कर बाहर फेंक रहे हैं। आगरा में इस वर्ष 75100 हेक्टेयर आलू बुवाई हुई थी जिसकी पैदावार 21.03 मीट्रिक टन रही।

आगरा जिले के एत्मादपुर के रहने वाले आलू किसान सुरेश गंगवार बताते हैं, पिछले तीन वर्ष से आलू से हमें धोखा ही मिलता आ रहा है। हर बार ये ही सोच कर आलू बोता हूं की इस वर्ष आलू में मुनाफा होगा। मैंने इस बार आठ हेक्टेयर में आलू बोया था जिसे कोल्ड स्टोर में रखा था। मंडी में आलू का दाम नहीं मिला जिस वजह से आलू कोल्ड स्टोर से निकालने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा हूं। बाजार में आलू का एक कट्टा (50 किलो) मात्र 150 से 200 रुपए का है। जो एक कट्टे का किराया भी नहीं है। इस बार भी मुझे लाखो का नुकसान हुआ है। (देखिए आलू के हाल का वीडियो)

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एत्मादपुर के कोल्ड स्टोरेज के मैनेजर आलोक माथुर बताते हैं, किसानों को कोल्ड स्टोरेज से आलू निकालने पर 15 रुपए प्रति कट्टे का नुकसान हो रहा है। किसानों को कोल्ड स्टोरेज में रखे पुराने आलू को निकालने के लिए प्रति बोरी 115 रुपए किराया देना है जबकि आलू का बाजार भाव 100 रुपए के आसपास है। अब कोल्ड स्टोर में जमा होने के लिए नया आलू आ गया है जो कोल्ड स्टोर में जमा किया जाएगा। हम कोल्ड स्टोरवाले पुराने आलू को निकाल कर फेंक रहे है जिससे हम लोगों को भी भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है।

आगरा में आलू खाते पशु। फोटो- करनपाल सिंह

आगरा में 2011-12 से 2016-17 में 60500 हेक्टेयर आलू बोया गया जबकि पैदावार 14.20 लाख मीट्रिक टन रही। 2016-17 में आलू की बुवाई बढ़कर 75100 हेक्टेयर हो गई। पैदावार की बात करें तो इस बार आलू की पैदावार 21.03 मीट्रिक टन रही।

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बाह क्षेत्र के आलू किसान सुरेंद्र सिंह बताते हैं, एक किलो आलू उत्पादन पर सवा रुपए की लागत आती है, लेकिन अभी बाजार में एक रुपए के दाम में भी एक किलो आलू नहीं बिक रहा है। हम किसान तो बस जिंदा हैं अकेले मुझे इस बार 8 लाख का आलू से घाटा हुआ है।

गांव कनेक्शऩ से बात करते हुए आगरा कोल्ड स्टोरेज एसोसिएशन के अध्यक्ष डाक्टर सुरर्शन सिंघल ने बताया कि अभी आगरा के कोल्ड स्टोरेज में अभी 50 लाख बोरी जमा है। कोल्ड स्टोरेज से हम लोग पुराने आलू को निकाल कर बाहर फेंक रहे हैं। कहीं कहीं हम लोग इस आलू को गौशालाओं को भिजवा रहे हैं ताकि किसी के काम आ सके। (ऊपर वीडियो देखिए)

तीन वर्ष से घाटे का सौदा साबित हो रहा आलू

बाह क्षेत्र के आलू किसान संदीप मुनि बताते हैं, तीन वर्ष पहले आलू से किसान मोटा मुनाफा कमाते थे लेकिन पिछले कुछ वर्षों से आलू किसानों की लागत तक नहीं निकल रही है। आलू किसानों को इतना घाटा हो रहा है कि वो अगली फसल बोने के लिए भी मोहताज हो गया है। अगर हम पिछले तीन वर्ष पहले 2014 की बात करें तो इस वर्ष आलू का प्रति कट्टा (50 किलो ) का दाम 1000 से 1200 रुपए था। 2015-16 में 500 से 600 रुपए प्रति कट्टा आलू का दाम रहा। इस वर्ष 2017 में आलू का भाव 150 से 200 रुपए नीचे चला गया। इस दाम से आलू किसानों की कमर टूट गई।

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किसान कर रहे आलू के समर्थन मूल्य की मांग

आलू किसान समिति के प्रदेश महासचिव पुष्पेंद्र जैन ने गांव कनेक्शऩ से कहा , “कई सालों से आलू किसानों पर दोहरी मार पड़ रही है। एक तरफ किसानों को आलू का इतना भी भाव नहीं मिल रहा कि वो लागत निकाल सके। वहीं दूसरी तरफ पैसे की कमी के कारण किसान अगली फसल तक नहीं ले पा रहा है। यूपी सरकार को आलू का समर्थन मूल्य घोषित करना होगा। बिना समर्थन मूल्य घोषित किए आलू किसानों की दशा नहीं सुधरेगी।

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भारतीय किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष मोहन सिंह चाहर बताते हैं, कोल्ड स्टोर में आलू रखने का सामान्य किराया 115 रुपए प्रति बोरी (50 किलो) है, लेकिन जब कोल्ड स्टोर से आलू निकालने की बारी आती है तो उसे इतना कम रेट मिलता है कि वे कोल्ड स्टोर से आलू नहीं निकाल पाता है। हम किसानों की मांग है कि गेहूं, धान की तरह ही आलू का भी सरकार समर्थन मूल्य घोषित करे इसी से किसानों का भला होगा कम से कम लागत तो निकल आएगी।

कोल्ड स्टोरेज वालों को मिला नोटिस

कन्नौज में भी आलू सड़कों पर फेंका जा रहा है। कन्नौज की उपजिलाधिकारी शालिनी प्रभाकर ने कोल्ड स्टोरेज मालिकों के लिए एक आदेश ज़ारी किया है कि अब वे आलू को सड़कों पर नहीं फेंकेगे। इससे सड़क पर गंदगी होती है और कई संक्रामक बीमारियों का ख़तरा बढ़ जाता है।

कन्नौज की एसडीएम ने पिछले दिनों जारी किया था नोटिस।

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नोट- ये गांव कनेक्शन की स्पेशल स्टोरी है। टेक्स्ट, वीडियो, फोटो या ऑडियो का किसी तरह का इस्तेमाल कॉपी राइट एक्ट का उल्लंघन माना जाएगा। शर्तें तोड़ने पर नोटिस के लिए तैयार रहें। अति जरुरी होने पर लिखित में मेल करें।

  

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