उत्तर प्रदेश की 24 मंडियों में फल-सब्जियों के सुरक्षित भंडारण के लिए बन रहे हैं कोल्ड स्टोर

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उत्तर प्रदेश की 24 मंडियों में फल-सब्जियों के सुरक्षित भंडारण के लिए बन रहे हैं कोल्ड स्टोर

लखनऊ। उत्तर प्रदेश इस समय खाद्यान्न, सब्जी, चीनी, दूध और आम आदि के उत्पादन में देश में पहले स्थान पर है। प्राकृतिक और मानव संसाधनों से परिपूर्ण उत्तर प्रदेश में 9 एग्रोक्लाइमेटिक ज़ोन हैं, जिनमें विभिन्न जलवायुविक विशिष्टियों के अनुसार फसलों, फलों, सब्जियों, मसालों एवं औषधीय पौधों के उत्पादन, मूल्य संवर्धन, प्रसंस्करण और उनके अंतर्देशीय और अंतर्राष्ट्रीय निर्यात की अपार संभावनाएं हैं।

उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री, सूर्य प्रताप शाही जी ने सीआईआई द्वारा कृषि और खाद्य तकनीकी-2020 (एग्रो एवं फूड टेक) विषय पर आयोजित सेमिनार को संबोधित करते हुए कहा। कृषि मंत्री ने आगे कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कृषि को उन्नत बनाने और किसानों की आय में वृद्धि करने के लिए अपनी नीतियों को कृषकोन्मुखी और लाभकारी बनाया है। उन्होंने कहा कि इसके लिए राज्य की कृषि निर्यात नीति जारी की गई है। साथ ही उत्तर प्रदेश मंडी अधिनियम में संशोधन करने वाला देश का पहला राज्य है। किसानों को अपनी सुविधा के अनुसार लाभकारी मूल्य पर बेचने के लिए 45 कृषि उत्पादों को मंडी शुल्क के मुक्त किया गया है। 27 मंडियों को किसान मंडी के रूप में विकसित किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त 24 मंडियों में फल-सब्जियों के सुरक्षित भंडारण के लिए कोल्ड स्टोरेज एवं राइपनिंग चैम्बर की सुविधाएं निर्मित कराई जा रही है।

शाही ने बताया कि लखनऊ और सहारनपुर के साथ ही प्रदेश के अमरोहा और वाराणसी में दो अन्य मैंगो पैक हाउस निर्माणाधीन हैं। कृषि उत्पादों के भंडारण के लिए सहकारिता विभाग द्वारा न्याय पंचायत स्तर पर 100 मी0टन से 5000 मी0टन क्षमता के गोदामों का निर्माण कराया जा रहा है। प्रत्येक विकास खण्ड में कृषक उत्पादक संगठनों (एफपीओ) का गठन किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त पूर्वी उत्तर प्रदेश के 11 जनपदों को कालानमक चावल के उत्पादन के लिए जी.आई. की मान्यता प्राप्त हो गयी है।

पूर्वी उत्तर प्रदेश के 11 जनपदों को कालानमक चावल के उत्पादन के लिए जी.आई. की मान्यता प्राप्त हो गयी है।

कृषि मंत्री ने इस अवसर पर भारत सरकार द्वारा पारित कृषक हितैषी अधिनियमों का भी उल्लेख करते हुए कहा कि इन नियमों और प्राविधानों के प्रभावशाली क्रियान्वयन से उत्तर प्रदेश कृषि के विभिन्न क्षेत्रों में उद्यमशीलता के विकास और प्रधानमंत्री के देश की अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन डॉलर और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को 1 ट्रिलियन डॉलर करके आत्मनिर्भर भारत की संरचना को साकार करने की दिशा में अग्रसर है। उन्होंने सीआईआई से जुड़े उद्यमियों से उत्तर प्रदेश में कृषि क्षेत्र के विकास हेतु तथा तत्सम्बन्धी उद्यमों को स्थापित करने का भी आह्वान किया।


   

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