गेहूं के आटे को अधिक पोषक बनायेंगी कंपनियां 

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गेहूं के आटे को अधिक पोषक बनायेंगी कंपनियां FSSAI के पोषक तत्वों की मात्रा बढ़ाने के लिये कहने के पीछे मकसद इन खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता को और बेहतर बनाना है।

नई दिल्ली (भाषा)। भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने कहा है कि आईटीसी, एचयूएल, करगिल और पतंजलि जैसी कंपनियां अपने गेहूं के आटे में लौह, फॉलिक एसिड और विटामिन बी-12 जैसे पोषक तत्वों की मात्रा बढ़ाकर इन्हें अधिक गुणकारी बनायेंगी।

FSSAI के इन पोषक तत्वों की मात्रा बढ़ाने के लिये कहने के पीछे मकसद इन खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता को और बेहतर बनाना है। देश में कुपोषण की समस्या से निपटने के लिये FSSAI खाद्य पदार्थों में पोषक तत्वों को मिलाने पर बड़े पैमाने पर जोर दे रहा है। पिछले साल नियामक ने नमक में आयोडीन और लौह, वनस्पति तेल और दूध में विटामिन ए और डी, गेहूं के आटे और चावल में आयरन, फॉलिक एसिड, जिंक, विटामिन बी-12, विटामिन ए और अन्य पोषक तत्व मिलाने के लिए कहा था ताकि इन खाद्य पदार्थों को अधिक पोषक और गुणकारी बनाया जा सके।

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FSSAI ने यहां जारी एक वक्तव्य में कहा है, ‘‘आईटीसी, जनरल मिल्स, हिन्दुस्तान यूनिलीवर, पतंजलि और करगिल जैसी कंपनियों ने अपने प्रमुख खाद्य ब्रांडों में गुणकारी तत्वों की मात्रा बढ़ाने पर सहमति जताई है। ये कंपनियां अपने आटा ब्रांड जैसे आशीर्वाद, पिल्सबरी, अन्नपूर्णा, पतंजलि और नेचर फ्रेस में पोषक तत्वों की मात्रा बढ़ायेंगी।''

नियामक ने कहा है कि इन कंपनियों ने प्रक्रिया शुरु कर दी है और इनका अधिक पोषक तत्वों की मात्रा वाला गेहूं का आटा बाजार में जुलाई- अगस्त तक पहुंचना शुरु हो जायेगा। इसके बाद दिसंबर 2017 तक देशभर में इसकी उपलब्धता हो जायेगी।

FSSAI के सीईओ पवन अग्रवाल ने कहा कि विभिन्न खाद्य पदाथोंर् में पोषक तत्वों की मात्रा बढ़ाने का फैसला पिदले दो माह के दौरान कई दौर की बैठकों के बाद लिया गया। यह बैठक लघु एवं मध्यम उद्योगों और खाद्य पदाथोंर् की विकास प्रक्रिया में शामिल विभिन्न भागीदारों के साथ हुई।

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