कश्मीर में उपचुनावों में खलल डालने की साजिश, बढ़ी पत्थरबाजों की मांग

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कश्मीर में उपचुनावों में खलल डालने की साजिश, बढ़ी पत्थरबाजों की मांगपत्थर फेंकते युवक। फोटो साभार इंटरनेट।

नई दिल्ली। कश्मीर घाटी में धीरे-धीरे बर्फ पिघलने लगी है और चुनाव भी नजदीक आ गए हैं। घाटी में बर्फ के पिघलने के साथ ही हिंसा की साजिश तेजी से रची जा रही है। अलगाववादी नेता और आतंकवादी संगठन पत्थरबाजों की टीम तैयार करने में जूट गए हैं। उनके निशाने पर 18 से 30 साल के बेरोजगार युवा हैं। बेरोजगार युवाओं को बहला फूसला कर देश विरोधी गतिविधियों में शामिल किया जा रहा है।

सूत्रों के मुताबिक इस बार राष्ट्र विरोधी तत्व पत्थरबाजों को अलग-अलग दामों पर रख रहे हैं अर्थात जो जैसी पत्थरबाजी करेगा उसको वैसे पैसा मिलेगा। इन पत्थरबाजों को अनंतनाग और श्रीनगर में होने जा रहे लोकसभा उपचुनावों में सुरक्षाबलों, प्रत्याशियों और नेताओं को निशाना बनाने के लिए तैयार किया जा रहा है। पिछले हफ्ते मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और रियासत के एक कैबिनेट मंत्री के काफिल पर पत्थरबाजी की खबरें सामने आईं थी लेकिन पुलिस अधिकारियों ने इस घटना से इनकार कर दिया।

पत्थरबाजों को 500 से 1000 रुपये रोजाना

गांव कनेक्शन टीम ने कश्मीर घाटी के कई इलाकों में पत्थरबाजी पर पड़ताल की। उत्तरी कश्मीर के अनंतनाग जिले के एक पत्थरबाज ने नाम न छपाने की शर्त पर बताया कि पहले तो वे और उनके साथी विरोध के लिए पत्थरबाजी करते थे, लेकिन अब उनको पत्थरबाजी के अच्छे पैसे मिल जाते हैं। उनके पास रोजगार है नहीं ऐसे में वे अब पत्थरबाजी से ही अच्छा खासा पैसा कमा लेते हैं। पत्थरबाजी करवाने वाले उनको पत्थर की संख्या के हिसाब से पैसे देते हैं आमतौर पर एक पत्थरबाज को 500 रुपए रोजाना मिल जाते हैं वहीं सुरक्षाबलों को ज्यादा चोट पहुंचाने वाले, गाड़ियां तोड़ने वाले पत्थरबाजों को एक हजार रुपये तक दिए जाते हैं।

वहीं पेट्रोल बम के लिए उनको अलग से 500-700 रुपये मिल जाते हैं। दूसरी ओर कुछ युवा अपने गुस्से का जाहिर करने के लिए पत्थरबाजी कर रहे हैं। उत्तरी कश्मीर में पोस्ट ग्रेजुएशन कर रहे एक और युवा ने नाम न छपाने की शर्त पर बताया कि सरकार ने चुनाव के पहले उनसे कई रोजगार जैसे कई वादे किए थे लेकिन अभी तक उनमें से एक भी वादा पूरा नहीं हुआ लिहाजा वे अपना विरोध सरकार के समाने दर्ज करने के लिए पत्थरबाजी करते हैं। वहीं पाकिस्तानी झंडे लहराने के लिए पैसे मिलने की बात पर इंकार करते हुए उसने कहा कि पाकिस्तान के लिए उनके दिल में जगह है जिस वजह से वो और उसके साथी झंडे लहरा रहे हैं।

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हथियार छीनने पर एक लाख से ज्यादा का ईनाम

वहीं कश्मीर घाटी मे सक्रिय आतंकी संगठन हिजबुल ने सुरक्षाबलों से हथियार छीन कर लाने वाले आतंकियों और युवाओं को कई दिनों पहले ही एक लाख रुपये ईनाम की घोषणा कर दी थी। सूत्रों की मुताबिक इन्हीं वजहों से कश्मीर घाटी में जनवरी 2016 से अब तक 70 से ज्यादा हथियार लूटे जा चुके हैं। सुरक्षाबल भी आतंकियों पर नकेल कसने के लिए अब हथियारों में चिप का प्रयोग कर रही ताकि आतंकियों पर लगाम लगाई जा सके।

मंत्री और नेता पत्थरबाजों और आतंकियों के निशाने पर

अनंतनाग और श्रीनगर में लोकसभा उपचुनाव के चलते नेता और मंत्री लगातार इन इलाकों में जनसंपर्क कर रहे हैं। सूत्रों के अनुसार श्रीनगर शहर में भी आतंकियों के मॉड्यूल के सक्रिय होने के इनपुट हैं। इसके बाद से वहां सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। श्रीनगर और अनंतनाग उपचुनाव को देखते हुए प्रत्याशियों की सुरक्षा भी बढ़ाई गई है ताकि आतंकी हमले कर माहौल बिगाड़ने की कोशिश न करें। पिछले हफ्ते मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और एक कैबिनेट मंत्री के काफिल पर पत्थरबाजी की खबरें सामने आई थी लेकिन पुलिस ने इस घटना से इंकार कर दिया था।

क्या कहते हैं पुलिस अधिकारी?

कश्मीर के आईजी एसजेएम गिलानी का कहना है कि समय समय पर इनपुट मिलते रहते हैं। इसके अनुसार सुरक्षा बलों की ओर से कार्रवाई होती है। आतंकियों को पनाह देने वाले और ओवर ग्राउंड वर्करों पर भी पैनी निगाह है। पत्थरबाजों पर भी नकेल कसने की पूरी तैयारी की जा रही है। इसी क्रम में दक्षिणी कश्मीर के पुलवामा जिले में सुरक्षाबलों ने बुधवार रात छापेमारी के दौरान पत्थरबाजी में शामिल एक दर्जन युवाओं को गिरफ्तार किया।

रिपोर्ट-ओपी तिवारी

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